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ट्विटर पर 2 मिनट 14 सेकंड लंबी एक वीडियो शेयर हो रही है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग लाल शर्ट पहने हुए शख्स से पूछताछ कर रहे हैं और धमका रहे हैं। वहीं वीडियो को ध्यान से सुनने पर सुनाई देगा कि जो लोग पूछताछ कर रहे हैं वह हरियाणवी भाषा बोल रहे हैं। लोग उसको धमकाते हुए पूछ रहे हैं कि वह यहां क्यों आया है? उसका क्या मकसद है यहां आने का? सोशल मीडिया पर इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि इस शख्स ने कोरोना वायरस फैलाने के मकसद से थूक से भरे हुए इंजेक्शन को फलों में लगाया। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि “यह युवक बवाना से मिला है”।
Fact Check
दुनियाभर में वैश्विक महामारी (COVID-19) का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब तक पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के चलते 1 लाख 2 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 16 लाख 97 हजार लोग अभी भी इस वायरस की चपेट में हैं। बीते 24 घंटों के दौरान देश मैं कोरोना से 40 लोग काल के गाल में समा गए तो वहीं 1035 नए मामलों के साथ कुल मरीजों की संख्या 7447 हो गई। आज महाराष्ट्र में 92, गुजरात में 54, राजस्थान में 18, कर्नाटक में 7, उत्तर प्रदेश में 6 और झारखंड में तीन नए मामले सामने आए हैं।
देखा जा सकता है कि वायरल वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही वीडियो को खंगाला। खोज के दौरान हमें NDTV, Mirror Now और The Print की वेबसाइट द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 6 अप्रैल, 2020 और 9 अप्रैल, 2020 को प्रकाशित की गई थी। लेख को पढ़ने के बाद हमने जाना कि वीडियो में नज़र आ रहा युवक बवाना के हरेवाली गांव का 22 वर्षीय युवक है जिसका नाम दिलशाद है। गांव के ही एक खेत में ले जाकर लोगों ने उस पर लात-घूंसे और डंडे बरसाए थे जैसा कि वीडियो में भी नज़र आ रहा है। लोगों को शक था कि यह युवक कोरोना वायरस फैलाने के लिए गांव में आया है। दिलशाद उर्फ अली जमात में शामिल होने मध्य प्रदेश गया था। लॉकडाउन लागू होने के चलते वह वहां से घर वापस लौटने के लिए सब्जी के ट्रक में छिपकर दिल्ली पहुंचा था। लेकिन पुलिस ने उसे आजादपुर मंडी के पास महेंद्रा पार्क से पकड़ लिया और चेकअप कराने के बाद गांव पहुंचा दिया गया था।
बवाना के वायरल हुए वीडियो में दिख रहा युवक फिलहाल ठीक, आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
खोज के दौरान हमें India TV द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली। लेख से हमने जाना कि दिल्ली के बवाना इलाके में 22 साल के महबूब अली को बेरहमी से पीट-पीट कर मौत को घाट उतार दिया गया।
इस संबंध में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए हमने ACP बवाना विपिन कुमार से फोन पर बातचीत की। ACP बवाना ने इस खबर का खंडन करते हुए बताया कि यह खबर फर्ज़ी है और इस मामले में हमने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वीडियो में नज़र आ रहा दिलशाद अभी ठीक है उसकी मौत नहीं हुई है। वहीं पुलिस के मुताबिक इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ACP विपिन कुमार द्वारा बताया गया कि फलों में इंजेक्शन से थूक भरने की बात सरासर गलत है। वीडियो में नज़र आ रहे लोग जिहादी होने के शक में उसे पीट रहे थे। लेकिन इस शख्स में कोरोना पॉजिटिव के कोई लक्षण नहीं मिले थे जिसके बाद उसे उसके घर भेज दिया था।
वायरल वीडियो को InVID करने पर हमें कुछ स्क्रीनशॉट मिले जिनको आप नीचे देख सकते हैं। कीफ्रेम्स की मदद से हमें एक फेसबुक लिंक मिला। लिंक में आप इस घटना की पूरी वीडियो को देख सकते हैं। 6 मिनट की यह वीडियो फेसबुक पर Rajeev Vats नामक यूज़र द्वारा 6 अप्रैल, 2020 को अपलोड की गई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि फेसबुक और ट्विटर पर किए जा रहे दावे में कोई सच्चाई नहीं है। लोगों को भ्रमित करने के लिए सांप्रदायिक एंगल के साथ वीडियो को शेयर किया जा रहा है। जांच में हमने यह भी पाया हिंदी न्यूज़ चैनल INDIA TV द्वारा दिलशाद उर्फ महबूब अली की मौत की गलत खबर प्रकाशित की गई थी।
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