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Claim:
WHO का कहना है कि कोरोना के मरीज को सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन या फिर आइसोलेट होने की जरूरत नहीं है। ये एक मरीज़ से दूसरे में ट्रांसमिट भी नहीं हो सकता।
जानिए क्या है वायरल दावा:
ट्विटर पर WHO द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि कोरोना के एसिम्पटोमैटिक (Asymptomatic) यानि (कम लक्षणों वाले) मरीज को सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन या फिर आइसोलेट होने की जरूरत नहीं है। ये एक मरीज़ से दूसरे में ट्रांसमिट भी नहीं हो सकता।
Verification:
कोरोना महामारी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और यह वायरस रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सोशल मीडिया पर इस वायरस से संबंधित अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। ट्विटर पर वायरल हो रही वीडियो को हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से खंगालना शुरू किया।
नीचे देखा जा सकता है कि वायरल वीडियो को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
वायरल दावे के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल शुरू करने से पहले हमने सोशल मीडिया पर वायरल WHO की प्रेस कॉफ्रेंस की वीडियो को ध्यान से सुना। वीडियो में आइसोलेट या क्वारेंटाइन न होने की जरूरत जैसा कुछ भी नहीं कहा गया है। जबकि डॉक्टर Maria Van Kerkhove द्वारा बताया गया है कि सिर्फ एसिम्पटोमैटिक (Asymptomatic) मरीज़ से अन्य लोगों में संक्रमण फैलने की बात बताई जा रही है।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से खंगालने पर हमें Bloomberg Markets and Finance द्वारा अपलोड की गई एक वीडियो मिली। 3 मिनट 3 सेकंड की यह वीडियो 8 जून, 2020 को YouTube पर अपलोड की गई थी। पूरा वीडियो देखने के बाद हमने जाना कि फेसबुक और ट्विटर पर असली वीडियो के कुछ हिस्से को वायरल किया जा रहा है।
वीडियो में विश्व स्वास्थ्य संगठन की महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया वान एक सवाल का जवाब देते हुए नज़र आ रही हैं। जवाब में उन्होंने कहा- “हमारे पास कई देशों की रिपोर्ट्स हैं। जो काफी डिटेल में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं। हम इन सभी के द्वारा दिए गए डेटा को स्टडी कर रहे हैं। फिर भी अब तक जो जानकारी आई है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि इस तरह का संक्रमण बहुत ही कम मामलों में होता है। लेकिन डॉ मेरिया ने जवाब में कहीं भी यह नहीं कहा है कि एसिम्पटोमेटिक (Asymptomatic) मरीज से कोरोना दूसरे लोगों में नहीं फैलता है। साथ ही ऐसा भी नहीं कहा कि एसिम्पटोमेटिक (Asymptomatic) मरीज़ों को क्वारेंटाइन होने की जरूरत नहीं है। अधित जानकारी खोजने के लिए हमने World Health Organization की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें एसिम्टोमेटिक मरीज़ों से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 11 जून, 2020 को प्रकाशित की गई थी।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में रिसर्च जारी है। अब तक जो रिपोर्ट्स आई हैं, उसके मुताबिक एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों द्वारा संक्रमण फैलने के मामले बहुत कम हैं। एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों से संक्रमण से जुड़ी स्टडी करना अभी इसलिए कठिन है क्योंकि इसके लिए बड़ी संख्या में टेस्ट करने होंगे। जो कि सभी देशों में संभव नहीं है। इसके साथ ही WHO इस महामारी के अलग-अलग पहलुओं को समझने के लिए दुनिया भर के देशों के साथ काम कर रहा है। साथ ही इन पहलुओं में एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों से वायरस फैलने की बात भी शामिल है। इस रिपोर्ट में कहीं भी एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों से संक्रमण न फैलने की बात नहीं कही गई है।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल खोजने पर हमें Stat News और First Post द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। इसके मुताबिक WHO ने 24 घंटे के अंदर अपने बयान पर सफाई दी जिसमें उसने कहा था कि बिना लक्षण वाले मरीज़ों से कोरोना वायरस नहीं फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने सफाई देते हुए कहा, यह केवल एक गलतफहमी थी। लेख पढ़ने के बाद साफ हुआ कि डब्लूएचओ ने पहले कहा था कि कोरोना संक्रमण एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों के जरिए बहुत ही कम फैलता है। लेकिन बाद में WHO ने अपन इस बयान को वापस ले लिया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों से कोरोना संक्रमण नहीं फैलने वाली खबर पूरी तरह से फर्ज़ी है। पड़ताल में हमने पाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों से संक्रमण न फैलने वाली खबर को खुद गलत बताया है।
Result: False
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