कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर बच्चों की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने चुनौती पेश कर चुकी बच्चा चोरी की अफवाहें कई अन्य राज्यों में भी तेजी से फैल रही हैं. हिंदी भाषी राज्यों के ग्रामीण इलाकों में बच्चा चोरी की अफवाहों की आवृति बहुत ज्यादा है. देश में कई जगहों पर बच्चा चोरी के झूठे आरोप में भीड़ द्वारा कथित संदिग्धों की पिटाई के भी कई मामले प्रकाश में आए हैं. इन राज्यों की पुलिस जागरूकता अभियान तथा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को अफवाहों के प्रति सचेत करने का प्रयास कर रही है. इसी क्रम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई यूजर्स ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर बच्चों की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं.
Fact Check/Verification
छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर बच्चों की तस्करी के मामले सामने आने के नाम पर शेयर किए जा रहे इन दावों की पड़ताल के लिए हमने रायपुर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का रुख किया. इस प्रक्रिया में हमें रायपुर पुलिस द्वारा 7 अक्टूबर, 2022 को शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें बच्चा चोरी के दावे के साथ शेयर की जा रही इस तस्वीर को फर्जी बताया गया है.
Result: False
रायपुर में बच्चा चोर गिरोह की सदस्य महिला को 10-12 बच्चों के साथ पकड़े जाने के नाम पर शेयर किए गए दावे का सच
इसके बाद हमने रायपुर के शास्त्री मार्केट में बच्चा चोर गिरोह की महिला को 12 बच्चों के साथ पकड़े जाने के दावे की पड़ताल शुरू की. हमने ‘रायपुर बच्चा चोरी’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें दैनिक भास्कर, अमर उजाला, ETV भारत, Zee News तथा दैनिक जागरण समेत कई अन्य स्थानीय प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित लेख प्राप्त हुए. दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार, “गोलबाजार थाने के प्रभारी सुदर्शन ध्रुव ने संस्था को बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला 10 से 12 बच्चों को साथ लेकर कहीं जा रही है. भीड़ ने बच्चा चोरी के संदेह पर उसे घेरा गया था. महिला को थाने लाकर पूछताछ की गई तो महिला ने एसओएस का कार्ड दिखाया और बताया कि वह माना से बच्चों को कपड़े खरीदारी कराने के लिए ले आई थी। एसओएस माना के उच्च अधिकारियों को बुलाकर थाने में जानकारी ली जा रही है.”
अमर उजाला द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार, रायपुर के गोल बाजार क्षेत्र में एक महिला अपने साथ 10-12 बच्चों को लेकर घूम रही थी. महिला तथा बच्चों के बीच असमानता देखने पर स्थानीय लोगों को महिला के बच्चा चोरी गिरोह का सदस्य होने का संदेह हुआ. मौके पर पहुंची पुलिस उस महिला को थाने लेकर गई, जहां महिला ने अपना आईडी कार्ड दिखाते हुए यह बताया कि वह माना स्थित SOS से आई है. इसके बाद पुलिस ने SOS संस्था के उच्चाधिकारियों से भी उक्त जानकारी की पुष्टि की.

Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर बच्चों की तस्करी के मामले सामने आने के नाम पर शेयर किए जा रहे ये दावे भ्रामक हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस ने वायरल पैम्फलेट को पूर्णतया फर्जी बताया है. इसके साथ ही रायपुर के शास्त्री मार्केट में महिला को चोरी के 12 बच्चों के साथ पकड़े जाने का दावा भी भ्रामक है. पुलिस के अनुसार, महिला माना स्थित SOS Children’s Village Raipur नामक बाल अधिकार संस्था की सदस्या हैं, जो बच्चों को कपड़े दिलाने बाजार आई थी.
Result: Partly False
Our Sources
Tweets shared by Raipur Police on 7 October, 2022
Media Reports
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