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Crime

फैक्ट चेक: सूरत में रेलवे ट्रैक से हुई छेड़छाड़ की घटना में नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल

Written By Runjay Kumar, Edited By JP Tripathi
Sep 25, 2024
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Claim
सूरत में रेलवे ट्रैक से हुई छेड़छाड़ की घटना में है सांप्रदायिक एंगल.

Fact
नहीं, वायरल दावा फर्जी है.

सोशल मीडिया पर रेलवे ट्रैक के एक वीडियो को रेल जिहाद के दावे से शेयर कर इसे सूरत का बताया जा रहा है. दावा है कि रेलवे स्टेशन से कुछ दूर पर रेलवे ट्रैक की कई फिश प्लेट और चाबियां खुली हुई मिली.

हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि इस घटना में सूरत पुलिस ने प्रमोशन और इनाम पाने की लालच में रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट और 71 चाबियां हटाने वाले रेलवे कर्मचारी सुभाष कुमार पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जायसवाल को गिरफ्तार किया है.

वायरल वीडियो करीब 28 सेकेंड का है, जिसमें एक व्यक्ति एक ट्रैक पर खुली फिश प्लेट को दिखा रहा है. इस वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर करते हुए लिखा गया है, “सूरत में बहुत बड़े रेल जिहाद की कोशिश नाकाम हुई. किम रेलवे स्टेशन से कुछ दूर आगे रेलवे के कई फीश प्लेट और तमाम चाबियां खुली हुई मिली. ट्रेन की आवाजाही रोक दी गई है. रेलवे के लोग ट्रैक को दुरुस्त करने में लगे हैं. गौरतलब है कि इस जगह पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में विशेष समुदाय की आबादी है”.


Courtesy: X/jpsin1

यह वीडियो फेसबुक पर भी ऊपर मौजूद कैप्शन के साथ ही शेयर किया गया है. 

Courtesy: fb/venaram.choudhary1

Fact Check/Verification

Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया. इस दौरान हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 23 सितंबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.

Courtesy: Dainik Bhaskar

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 20 सितंबर की रात को सूरत से करीब 50 किलोमीटर दूर कीम रेलवे स्टेशन के पास घटी थी. की-मैन सुभाष कुमार ने स्टेशन मास्टर को बताया था कि रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट और 71 चाबियां गायब है और उनके पार्ट को ट्रैक पर रख दिया गया है. स्टेशन मास्टर ने सूचना मिलते ही उक्त ट्रैक से गुजरने वाली दो पैसेंजर ट्रेन रूकवा दी और नई फिश प्लेट लगाने के बाद सेवा बहाल की गई.  

इसके बाद घटना की जांच के लिए स्थानीय पुलिस, एटीएस, एनआईए, आरपीएफ और जीआरपी को शामिल किया गया. जांच में ट्रैक के दोनों तरफ करीब 5 किलोमीटर तक सर्च आपरेशन चलाया लेकिन कुछ नहीं मिला. आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए लेकिन कुछ भी संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली. जांच टीम को यह शक हुआ कि इतनी बड़ी मात्रा में चाबी खोलने और फिश प्लेट निकालने का काम कोई अनुभवी कर्मचारी ही कर सकता है और उसके पास पर्याप्त औजार भी होने चाहिए. चूंकि जांच टीम को कोई औजार नहीं मिला था, इसलिए टीम ने की-मैन सुभाष कुमार से पूछताछ की. उसने पूछताछ में यह कबूल किया कि उसने ट्रैकमैन मनीष और शुभम जयसवाल की मदद से इस घटना को अंजाम दिया. उसने प्रमोशन और इनाम की लालच में यह साजिश रची थी.

इसी दौरान हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर भी प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में सूरत ग्रामीण के एसपी हितेश जोयसर का बयान मौजूद था. एसपी होतेश जोयसर के अनुसार, इस घटना में रेलवे के ही तीन कर्मचारी सुभाष पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जयसवाल शामिल थे. तीनों ने इनाम पाने की लालच में इस अंजाम दिया था. साथ ही  एसपी ने यह भी बताया कि रेलवे ने 21 सितंबर की सुबह को घटना की जानकारी दी थी. इसके बाद जांच में यह पता चला कि फिश प्लेट खोले जाने और ट्रेन के गुजरने के बीच का समय अंतराल काफी कम था. तीनों कर्मचारियों के मोबाइल फोन खंगालने पर करीब 2 बजकर 56 मिनट सुबह से लेकर 4 बजकर 57 मिनट सुबह के बीच के कई फोटोज और वीडियो मिले, जिसमें ट्रैक के साथ छेड़छाड़ वाले दृश्य मौजूद थे. इस दौरान उनमें से एक ने कुछ फोटो डिलीट भी किए थे.

Courtesy: India Today

इसके बाद तीनों कर्मचारियों ने पूछताछ में यह कबूल किया कि उन्होंने इनाम पाने और आगे भी नाईट ड्यूटी पर ही बने रहने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था. क्योंकि नाईट ड्यूटी से उन लोगों को दिन में अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए मिल जाता था. इसके अलावा रिपोर्ट में एसपी के हवाले से यह भी बताया गया है कि इस साजिश का आईडिया सुभाष पोद्दार को आया था, क्योंकि उसकी नाईट ड्यूटी जल्द ही ख़त्म होने वाली थी. 

इसके अलावा, हमें इस संबंध में एएनआई के X हैंडल से किया गया ट्वीट भी मिला, जिसमें सूरत ग्रामीण के एसपी हितेश जोयसर का बयान मौजूद था. इसमें भी उन्होंने बताया है कि तीनों कर्मचारियों ने इनाम और नाईट ड्यूटी की वजह से फिश प्लेट और पेडलॉक निकाला था. तीनों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है.

Courtesy: X/ANI

हमने अपनी जांच में कीम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर पी एच जडेजा से भी संपर्क किया. उन्होंने साफ़ किया कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी रेलवे कर्मचारी हैं और घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि सूरत ग्रामीण पुलिस ने रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट और पेडलॉक निकालने के मामले में सुभाष पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जयसवाल को गिरफ्तार किया है. इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

Result: False

(हमारे सहयोगी दीपल कुमार के इनपुट्स के साथ)

Our Sources
Article Published by Dainik Bhaskar on 23rd Sep 2024
Article Published by India Today on 24th Sep 2024
Tweet by ANI on 23rd Sep 2024
Telephonic Conversation with Kim Police station PI PH Jadega

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