सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए दावा किया गया है कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से कहा कि वोट नहीं देना मत दो, लेकिन जूते मत चलाओ।
एक फेसबुक यूजर ने अखबार की वायरल कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “B.J.P नेता वोट नहीं देना मत दो लेकिन जूते तो मत चलाओ – राजनाथ सिंह ,बीजेपी कैबिनेट मंत्री।”
(उपरोक्त पोस्ट को अक्षरश: लिखा गया है।)
वहीं, एक ट्विटर यूजर ने अखबार की वायरल कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “वोट नहीं देना मत दो पर जूते मत चलाओ। लेकिन जैसे सरकार जनता की नहीं सुनती थी वैसे ही जनता भी सरकार की नहीं सुन रही है। जूते भी मार रही है और वोट भी नहीं देगी। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।”
(उपरोक्त ट्वीट को अक्षरश: लिखा गया है।)
इसके अलावा BBI News नामक एक यूट्यूब चैनल द्वारा 29 जनवरी 2022 को एक वीडियो अपलोड किया गया है। जिसमें अखबार की वायरल कटिंग को देखा जा सकता है। BBI News ने अपने इस वीडियो में बताया कि ‘पिछले दिनों बीजेपी के कई नेताओं को जनता द्वारा विरोध झेलना पड़ा है। ऐसे में राजनाथ सिंह का बयान आया है कि आप भले ही वोट मत दीजिए, लेकिन किसी नेता पर जूता मत चलाइए।’
पंजाब में 20 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी तैयारियां अपने अंतिम चरण पर हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा में पिछले डेढ़ सालों में व्यापक आंदोलन हुए। इस बीच पंजाब के कई क्षेत्रों में बीजेपी विधायकों के पीटे जाने की खबरें भी सामने आई थी। बीते दिनों पीएम मोदी को अपने पंजाब दौरे के दौरान किसानों के कुछ संगठनों द्वारा भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। वहीं, पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में यूपी के आगरा में भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री सतेंद्र त्यागी ने सोशल मीडिया पर पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को 11 जूते मारने पर 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के भी कई हिस्सों से जनता द्वारा बीजेपी के नेताओं का विरोध किए जाने सम्बन्धी कई वीडियो वायरल हो चुके हैं।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए दावा किया गया है कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से कहा कि वोट नहीं देना मत दो, लेकिन जूते मत चलाओ।
Fact Check/Verification
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से कहा कि वोट नहीं देना मत दो, लेकिन जूते मत चलाओ, दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अखबार की कटिंग का सच जानने के लिए, हमने अखबार की कटिंग में मौजूद रिपोर्ट को पढ़ना शुरू किया। रिपोर्ट के अनुसार, “केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर पिछले दिनों लंबी में जूता फेंकने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वोट नहीं देना तो मत दो, लेकिन जूते या लाठी मत चलाओ।”
गौरतलब है कि भाजपा नेता राजनाथ सिंह, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल (मई 2014- मई 2019) में देश के गृहमंत्री थे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (मई 2019- वर्तमान) में राजनाथ सिंह ने देश के रक्षामंत्री का पदभार संभाला। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्रालय की कमान गांधीनगर लोकसभा सीट से सांसद अमित शाह को सौंपी गई। वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की पार्टी शिरोमणी अकाली दल को 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया पर वायरल राजनाथ सिंह द्वारा दिया गया बयान, ‘वोट नहीं देना मत दो, लेकिन जूते मत चलाओ,’ हालिया दिनों का नहीं है।
पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करना आरंभ किया। इस दौरान हमें NDTV की वेबसाइट पर 25 जनवरी 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, राजनाथ सिंह ने पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा-शिअद के लिए चुनाव प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में जूता फेंकने की घटना की निंदा की। रिपोर्ट के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘अगर आप वोट नहीं देना चाहते हैं तो मत दीजिए, पर आप जूते मत फेंकिए।’
दावे की पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से ट्विटर पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें समाचार एजेंसी ANI द्वारा 24 जनवरी 2017 को किया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ANI द्वारा किए गए ट्वीट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पंजाब के अबोहर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “आपको वोट नहीं देना है मत दीजिए, लेकिन क्या आप उन पर (प्रकाश सिंह बादल) लाठी चलाएंगे, जूते फेकेंगे?”

Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में साफ है कि सोशल मीडिया पर एक राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए वर्षों पुराने एक बयान को हालिया दिनों का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
Result- False Context/Partly False
Our Sources
Self Analysis
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