Sunday, April 27, 2025

Elections 2022

क्या वाराणसी में ईवीएम के साथ सचमुच हुई हेराफेरी? जानिए पूरा सच

banner_image

उत्तर प्रदेश में चुनाव खत्म हो जाने के अगले दिन यानी 8 मार्च 2022 को ईवीएम पर बवाल शुरू हो गया. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कुछ वीडियोज शेयर करते हुए वाराणसी में प्रशासन द्वारा ईवीएम की हेराफेरी करने का आरोप लगाया.

इन वीडियोज में एक टेंपो में ढेर सारे ईवीएम के बॉक्स देखे जा सकते हैं. टेंपो पर कुछ लोग खड़े हैं और आसपास काफी भीड़ दिख रही है. लोग बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं.

ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

ट्वीट का आर्कइव यहां देखा जा सकता है.

अनीस राजा नाम के एक सपा कार्यकर्ता ने वीडियो के साथ लिखा कि वाराणसी में ईवीएम बदलने की बड़ी साजिश पकड़ी गई है. इसी तरह कई अलग-अलग कैप्शंस के साथ ये वीडियोज वायरल हो रहे हैं.

इसके साथ ही 8 मार्च की शाम को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वाराणसी में स्थानीय प्रत्याशियों को बिना सूचित किए जिलाधिकारी ईवीएम मशीनों की मूवमेंट करा रहे हैं.

Fact Check/Verification

आरोपों पर क्या है चुनाव अधिकारियों का बयान?

इस बारे में हमें उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का एक ट्वीट मिला, जिसमें इस मामले को लेकर एक प्रेस रिलीज मौजूद थी. प्रेस रिलीज में लिखा है कि, “टेंपो में जो ईवीएम दिख रही हैं वह मतगणना अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए रखी गईं थीं. यह प्रशिक्षण 9 मार्च 2022 को आयोजित होना था. इसी वजह से 8 मार्च को इन ईवीएम मशीनों ‌को स्टोरेज से एक कॉलेज ले जाया रहा था, जहां ट्रेनिंग होनी थी. इसी दौरान राजनीतिक दलों के कुछ लोगों ने इस वाहन को रोक लिया और यह अफवाह फैला दी गई कि ये ईवीएम मशीनें मतदान में इस्तेमाल हुई थीं.”

प्रेस रिलीज में आगे बताया गया है कि “जो मशीनें मतदान के लिए इस्तेमाल हुईं थीं वह स्ट्रांग रूम के अंदर सील बंद हैं और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की निगरानी में सुरक्षित हैं. यह मशीनें ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों से बिल्कुल अलग हैं”. अखिलेश यादव के आरोपों पर वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने भी यही बयान दिया है.

चुनाव आयोग और वाराणसी के डीएम द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से इस बात को भी बल मिलता है कि जो मशीनें वायरल वीडियोज में दिख रही हैं उन पर “प्रशिक्षण/ जागरूकता ईवीएम” लिखा स्टीकर चिपका हुआ है. बेहतर क्वालिटी के वीडियो में ईवीएम पर यह स्टीकर साफ-साफ नजर आ रहा है.

वाराणसी में ईवीएम
Screenshot from viral video

तो फिर क्या वाराणसी में अधिकारियों से नहीं हुई कोई चूक?

दरअसल, इस बात को खुद वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने स्वीकारा है कि ईवीएम मशीनों की मूवमेंट में प्रशासन की तरफ से चूक हुई थी. दीपक अग्रवाल के इस बयान का वीडियो भी वायरल हो रहा है.

https://twitter.com/Saurabh_Unmute/status/1501397677099335680

इसको लेकर भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने भी अपना बयान दिया है. चंद्रा का कहना है कि प्रक्रिया का पालन करते हुए वाराणसी के एडीएम को ट्रेनिंग वाली ईवीएम की मूवमेंट को लेकर राजनीतिक दलों को सूचित करना था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिसकी वजह से यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एडीएम को सस्पेंड कर दिया है. हालांकि, ईवीएम के साथ छेड़छाड़ या हेराफेरी के दावे को चंद्रा ने भी खारिज कर दिया है.

Conclusion

इस तरह हमारी जांच में ये निकलकर सामने आता है कि ईवीएम की मूवमेंट को लेकर वाराणसी प्रशासन से गलती जरूर हुई थी, लेकिन वीडियो में दिख रही मशीनें मतदान वाली मशीनों से अलग थीं और उन्हें प्रशिक्षण के लिए रखा गया था. इसके अलावा, अगर आगे इस मामले में कुछ और जानकारी सामने आती है तो उसे इस फैक्ट चेक में अपडेट कर दिया जाएगा.

Result: False Context/Missing Context

Sources

Tweet of UP CEO

Viral Video screenshots

Versions of Varanasi DM, Varanasi Commissioner and Chief Election Commissioner of India

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

image
यदि आप किसी दावे का सच जानना चाहते हैं, किसी तरह की प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या हमारे किसी फैक्ट चेक को लेकर शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो हमें +91-9999499044 पर व्हाट्सएप या checkthis@newschecker.in​. पर ईमेल करें. आप हमारे Contact Us पेज पर जाकर वहाँ मौजूद फॉर्म भी भर सकते हैं.
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
About Us

Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check

Contact Us: checkthis@newschecker.in

17,944

Fact checks done

FOLLOW US
imageimageimageimageimageimageimage
cookie

हमारी वेबसाइट कुकीज़ का उपयोग करती है

हम कुकीज़ और समान प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं ताकि सामग्री को व्यक्तिगत बनाने में मदद मिल सके, विज्ञापनों को अनुकूलित और मापने में मदद मिल सके, और बेहतर अनुभव प्रदान कर सके। 'ठीक है' क्लिक करके या कुकी पसंद करने में एक विकल्प को चालू करके, आप इस से सहमत होते हैं, हमारे कुकी नीति में विस्तार से व्याख्या की गई रूप में।