रविवार, नवम्बर 3, 2024
रविवार, नवम्बर 3, 2024

होमFact CheckPoliticsयोगी सरकार द्वारा उन्नाव में बुलडोजर से अतिक्रमण हटाए जाने के नाम...

योगी सरकार द्वारा उन्नाव में बुलडोजर से अतिक्रमण हटाए जाने के नाम पर वायरल हुई ये तस्वीरें, सपा शासनकाल की हैं

Authors

An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का प्रयोग काफी चर्चा में है। इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर दावा किया गया कि ये तस्वीरें उन्नाव की हैं, जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटा दिया है। 

ये तस्वीरें उन्नाव की हैं जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार ने
Courtsey: Facebook/amit.yadavjss
Courtsey: Facebook/Yadav Boy Anshul

इस कोलाज को कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी यूपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए, इसमें मौजूद तस्वीरों को उन्नाव और फर्रुखाबाद का बताया है। 

दरअसल, पिछले महीने यूपी के उन्नाव में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चला। इस कड़ी में उन्नाव शहर में बड़े चौराहा से लेकर गांधीनगर तिराहे तक जेसीबी चलाकर अतिक्रमण हटाया गया। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान एक मोबाइल शोरूम के बाहर लोहे की सीढ़ी को हटाने के लिए प्रशासन ने निर्देश दिया, जिसके बाद शोरूम संचालक हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति शुरू हो गई। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोला था।  

वहीं, बीते 31 मई को उन्नाव जिले में पुरवा बीघापुर मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान अतिक्रमण हटाते वक्त गांव मगरायर बाधा निवासी हरिपाल का मकान गिर गया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, हरिपाल ने अपनी जमीन पर घर बनाया था। उनका रोते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने वीडियो ट्वीट करते हुए सत्ताधारी दल बीजेपी की आलोचना की थी। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता ने पत्र जारी करके हरिपाल के आवास की वैकल्पिक व्यवस्था कराने की बात कही थी।

इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर दावा किया गया है कि ये तस्वीरें उन्नाव की हैं, जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटा दिया है। 

Fact Check/Verification

दावे की सत्यता जानने के लिए हमने सलमान खुर्शीद द्वारा किए गए ट्वीट को ध्यान से देखा। कई यूजर्स ने कमेंट में वायरल तस्वीर को पुराना बताया है। भारत सरकार में सूचना व प्रसारण मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने सलमान खुर्शीद के ट्वीट को कोट करते हुए कोलाज में मौजूद तस्वीरों को साल 2016 का बताया है। उन्होंने लिखा कि ये तस्वीरें अखिलेश सरकार के कार्यकाल की हैं। इसके साथ ही उन्होंने अमर उजाला वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर की कटिंग भी लगाई है। 

इससे मदद लेते हुए हमने ‘उन्नाव अतिक्रमण अभियान चला’ कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया। हमेंं अमर उजाला द्वारा 27 मई 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के उन्नाव में छोटा चौराहा से अताउल्ला नाला रोड पर अतिक्रमण अभियान चला था। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट, कई उपजिलाधिकारी, कई सीओ, कई थानों की पुलिस फोर्स व पीएसी बल मौजूद रहे। अमर उजाला की रिपोर्ट में एक तस्वीर संलग्न है, जो सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर से काफी मिलती जुलती है। 

Courtsey: Amar Ujala

पड़ताल के दौरान हमने फेसबुक पर ‘छोटा चौराहा उन्नाव’ सर्च किया। इस कड़ी में हमें Shubham Nigam नामक एक फेसबुक यूजर द्वारा 26 मई 2016 को किया गया एक पोस्ट प्राप्त हुआ। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “तबाही का मंजर, बदला गया उन्नाव का नक्शा। उजड़ गया उन्नाव का छोटा चौराहा (कवरेज शुभम निगम हिन्दुस्तान प्रेस)।” Shubham Nigam ने अपने इस फेसबुक पोस्ट में चार तस्वीरें अपलोड की हैं।

Courtsey: Facebook/Shubham Nigam


तस्वीरों के बारे में अधिक जानकारी के लिए Newschecker ने उन्नाव में अमर उजाला के पत्रकार अनुराग मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “ये तस्वीर अभी की नहीं हैं। ये सभी तस्वीरें अताउल्ला नाला से छोटा चौराहा के बीच तोड़ी गई कई बिल्डिंगों की हैं। यह वाकया 2015-16 के दौरान हुआ था। उस वक्त उन्नाव शहर में कचहरी रोड रेलवे क्रासिंग पर आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) बन रहा था। कचहरी से बड़ा चौराहा और छोटा चौराहा तक करीब 50 साल पुराने नक्शे को बेस बनाकर, लगभग 200 मकानों के 8 से 10 फीट के हिस्से को अतिक्रमण बताकर बुलडोजर चलाया गया था। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी और सौम्या अग्रवाल उन्नाव की डीएम थीं।”

Courtsey: Tweet@salman7khurshid (4th Image of Collage)

इनमें से तीन वहीं तस्वीरें हैं, जिसे सलमान खुर्शीद ने उन्नाव और फर्रुखाबाद का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया है। सलमान खुर्शीद द्वारा ट्वीट की गई चौथी तस्वीर के बारे में हमें कोई आधिकारिक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। यह चौथी तस्वीर कहां की है, हम इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करते। 

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि उन्नाव में हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान की तीन तस्वीरें योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की नहीं, बल्कि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल की हैं। तीनों तस्वीरें इंटरनेट पर 2016 से मौजूद हैं, जिन्हें अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। हम चौथी तस्वीर के बारे में आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं करते हैं।  

Result: False Context/Missing Context

Our Sources
Tweet by Kanchan Gupta on June 8, 2022
Report Published by Amar Ujala on May 27,2016
Facebook Post by Shubham Nigam on May 26, 2016
Telephonic Conversation Amar Ujala Journalist of Unnao Anurag Mishra

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

Authors

An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Shubham Singh
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Most Popular