Authors
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Viral News
पीएम मोदी के वाराणसी नामांकन को लेकर आजकल एक चित्र सोशल मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर रहा है। चित्र का आशय उस भीड़ को लेकर है जो मोदी के नामांकन में उमड़ी थी। ख़बर में इस बात पर जोर दिया गया है कि यह भीड़ देखकर अंदाज़ा लगा सकते हैं कि मोदी की कितनी भव्य जीत होगी। ख़बर में EVM को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे सवाल भी उठाये गए हैं और कहा गया है कि रिजल्ट आने पर यह मत कहना कि EVM खराब था।
Investigation
इस खबर के सामने आने पर सबसे पहले हमने चित्र को गूगल रिवर्स सर्च किया। रिवर्स सर्च में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। एक बार तो ऐसा लगा कि फैलाई जा रही खबर सत्य है लेकिन जब तह तक जाने की कोशिश की तो तस्वीर बदल गई। इस खबर को कई समाचार पत्रों और चैनलों ने कवर किया था। वास्तव में यह फोटो साल 2019 की ना होकर साल 2014 का है जब पहली बार नरेंद्र मोदी यूपी के वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे। ख़बर की जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक किया जा सकता है।
https://bit.ly/2XA4RKG
अब बारी थी खबर की तह तक जाने की। गूगल में कीवर्ड्स की मदद से बारीकी से खोजने पर हमें डेली मेल की एक और खबर मिली जिसे यहां पढ़ा और देखा जा सकता है।
https://dailym.ai/2PncD7G
इसी खोज के दौरान हमें इस वायरल तस्वीर का एक ऐसा वीडियो मिला जिसमें साफ़ तौर पर यह देखा जा सकता है कि यह तस्वीर साल 2014 की है। यह वीडियो abp न्यूज़ का है.
काफी देर खोजने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि वर्तमान लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट का चुनाव सातवें चरण में हैं। यहां से अभी नरेंद्र मोदी ने अपना नामांकन नहीं किया है। खबरों के मुताबिक़ उनका नामांकन इसी माह 26 तारीख को होना है। इस सन्दर्भ में ज्यादा जानकारी इस लिंक पर जाकर ली जा सकती है।
https://bit.ly/2VY60ew
हमारी वायरल पड़ताल में सोशल मीडिया में वायरल हो रही यह खबर भ्रामक साबित हुई।
Result: Partially False
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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.