शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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क्या नेपाल के पहाड़ों में मिले 201 साल के तिब्बती बौद्ध भिक्षु की है यह वायरल तस्वीर?

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया गया है कि नेपाल के पहाड़ों में 201 साल के एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु मिले हैं और वह दुनिया के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं।  

एक सोशल मीडिया यूजर ने इस तस्वीर को शेयर कर लिखा, ‘नेपाल के पहाड़ों में एक तिब्बती भिक्षु मिला है। उन्हें 201 साल की उम्र का दुनिया का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति माना जा रहा है। वह गहरी समाधि या ध्यान की स्थिति में हैं, जिसे “ताकाटेट” कहा जाता है। जब उन्हें पहली बार एक पहाड़ी गुफा में खोजा गया तो लोगों को लगा कि वह एक ममी हैं। हालाँकि, वैज्ञानिकों को जाँच करने पर पता चला कि वह ममी नहीं बल्कि एक जीवित इंसान हैं।’

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है। 

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट के आर्काइव को यहां देखा जा सकता है।

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

28 फरवरी 2012 को livehindustan.com द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, मृत शरीर पर कुछ लेप लगाकर उसे वर्षों तक सुरक्षित रखने की प्रक्रिया को ममी कहा जाता है। यह प्रथा मिस्र देश में प्राचीनकाल में शुरू हुई थी, जहाँ पर लोग अपने प्रियजनों और पशुओं के मृत शरीर पर कुछ लेप लगाकर और पट्टियां बांधकर, उसे सालों साल तक सुरक्षित रखते थे। उनका मानना था कि मृत शरीर को सम्भाल कर रखने से अगले जन्म पर मृत व्यक्ति अपने इस शरीर को दोबारा प्राप्त कर लेता है।

बतौर रिपोर्ट, ममी अरबी भाषा के मुमिया से बना है। अरबी भाषा में मुमिया का अर्थ मोम, तारकोल के लेप से सुरक्षित रखी गई चीज होता है। ममी बनाने की प्रकिया आज भी मिस्र में कुछ जगहों पर जारी है। 

Fact Check/Verification 

वायरल हुई तस्वीर का सच जानने के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज की मदद से खोजना शुरू किया, लेकिन इस प्रकिया में हमें इस तस्वीर से सम्बंधित कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली।

इसके बाद हमने तस्वीर के साथ कुछ कीवर्ड्स का प्रयोग करते हुए गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें कुछ तस्वीरें मिलीं। उनमें से एक तस्वीर पर क्लिक करने पर हमें 24 जनवरी, 2018 को express.co.uk द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। प्रकाशित लेख के मुताबिक, इस बौद्ध भिक्षु का नाम Luang Phor Pian था। इस बौद्ध भिक्षु की मृत्यु 92 साल की उम्र में 16 नवम्बर, 2018 को गई थी, लेकिन जब दो महीने बाद बौद्ध भिक्षु के कॉफिन को खोलकर देखा गया तो भिक्षु का शरीर मृत्यु के दो महीने बाद भी खराब नहीं हुआ था और बौद्ध भिक्षु के चेहरे पर एक मुस्कान थी। 

Luang Phor Pian monk
Screenshot

प्राप्त रिपोर्ट को पढ़ने के बाद पता चला कि मुमकिन है कि शेयर की जा रही तस्वीर, बौद्ध भिक्षु, Luang Phor Pian की ही हो। 

इसके बाद हमने Luang Phor Pian कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं। जिनके मुताबिक, वायरल तस्वीर थाईलैंड के Luang Phor Pian की है, जिनकी मृत्यु 92 साल की उम्र में 16 नवम्बर 2018 को हो गयी थी। 

Luang Phor Pian
Screenshot

प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स को यहां , यहां और यहां पढ़ा जा सकता है। 

Conclusion 

इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि शेयर की जा रही तस्वीर, नेपाल में मिले 201 साल के जीवित तिब्बती भिक्षु की नहीं है, बल्कि यह तस्वीर, थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु Luang Phor Pian की है। जिनकी मृत्यु 92 साल की उम्र में 16 नवम्बर 2018 को हो गयी थी। अब इस तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Result: False content

Our Sources

Media reports

Express.co.uk –

https://www.express.co.uk/news/weird/909367/dead-monk-smiling-two-months-after-death

TimesNow –

https://www.timesnownews.com/the-buzz/article/buddhist-monk-smile-incredible-images-thailand-bangkok-lopburi-luang-phor-pian-viral-cambodia/191796

The Sun-

https://www.thesun.co.uk/news/5399543/incredible-pics-show-dead-buddhist-monk-smiling-after-his-body-was-removed-from-his-coffin-by-followers-two-months-after-he-died/

Metro.UK-

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