Fact Check
क्या वायरल तस्वीर आंध्र प्रदेश के अमरावती किसान आंदोलन की है?
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि कुछ जवानों के बीच से एक युवती को एक महिला पुलिसकर्मी उसके बाल पकड़ कर घसीट रही है। दावा किया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश में किसान आंदोलन में हिस्सा ले रही एक युवती के साथ राज्य पुलिस द्वारा ऐसा बर्ताव किया गया है।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Fact check / Verification
आंध्र प्रदेश की रेड्डी सरकार ने कुछ महीने पहले राज्य में तीन राजधानियां गठन करने का निर्णय लिया था। जिससे नाराज कुछ लोग इस फैसले के विरोध में आंदोलन कर रहे थे। आंदोलन का नेतृत्व अमरावती परिरक्षण समिति कर रही है। जिसमें मुख्य रूप से अमरावती के किसान हिस्सा ले रहे हैं। इसी आंदोलन के कल यानि 12 अक्टूबर को 300 दिन पूरे हुए हैं।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक युवती के साथ पुलिस द्वारा की जा रही बर्बरता की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा है कि आंध्र प्रदेश के किसानों के साथ राज्य सरकार द्वारा यह बर्बरता की जा रही है। वायरल तस्वीर को गौर से देखने पर हमने पाया कि तस्वीर में दिख रहे किसी भी शख्स ने मास्क नहीं पहना है। इससे हमें तस्वीर के पुरानी होने की आशंका हुई। जिसके बाद हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की।
पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर ट्विटर के एक पोस्ट में मिली। जहां वायरल तस्वीर को साल 2015 में किसी अन्य संदर्भ में अपलोड किया गया था।।

इसके बाद तस्वीर की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर फेसबुक पर भी साल 2015 को किये गए एक पोस्ट में मिली। लेकिन यहाँ भी हमें वायरल तस्वीर के बारे में कोई उचित जानकारी नहीं प्राप्त हुई।

खोज के दौरान हमें विजयवाड़ा पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा वायरल तस्वीर पर किया गया एक ट्वीट मिला। पुलिस द्वारा किये गए ट्वीट में वायरल तस्वीर को फेक बताया गया है। ट्वीट में जानकारी दी गयी है कि वायरल तस्वीर आंध्र प्रदेश पुलिस से संबंधित नहीं है और इसे गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।
इसके बाद हमने आंध्र प्रदेश में चल रहे किसान आंदोल की ख़बरों को गूगल पर खंगाला। Indian express की वेबसाइट पर प्रकाशित इस लेख से राज्य में चल रहे किसान आंदोलन की जानकारी ली जा सकती है।

Conclusion
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर की कोई ठोस जानकारी नहीं मिली, लेकिन उपरोक्त मिले तथ्यों में हमने पाया कि वायरल तस्वीर कई वर्ष पुरानी है। साथ ही विजयवाड़ा पुलिस के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।
Result – Misleading
Our Sources
https://twitter.com/VjaCityPolice/status/1315659429530935297
https://twitter.com/KushalT2803/status/653284237706174464
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