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मुस्लिम महिला के साथ तातरस्तान रिपब्लिक में हुई बर्बरता का वीडियो फ्रांस का बताकर सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक राह चलते अनजान शख़्स द्वारा नकाबपोश महिला को पैर से मारते हुए देखा जा सकता है। वीडियो शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि मुस्लिम महिला के साथ बर्बरता का यह वीडियो फ्रांस का है।

ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

Fact Check / Verification

इस्लामिक आतंकवाद को लेकर विश्व भर में चर्चा चलती रहती है। लेकिन हाल ही में फ्रांस में मुस्लिम समुदाय को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया। जिसके बाद विश्व के कई इस्लामिक देशों में फ्रांस के बहिष्कार को लेकर आंदोलन हो रहे हैं।

इसी बीच सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिला के साथ हो रही बर्बरता का वीडियो उपरोक्त दावे के साथ खूब वायरल हो रहा है। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVid टूल के माध्यम से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया।

इस दौरान वायरल वीडियो ट्विटर के एक वेरिफाइड हैंडल के एक पोस्ट में मिला। वीडियो को ट्विटर पर 8 जुलाई 2020 को अपलोड किया गया था। इस दौरान यूज़र ने ट्विटर पर वीडियो की जानकारी देते हुए बताया है कि यह वीडियो निज़्हनेकामस्क शहर का है।

इसके बाद हमने फ्रांस में मुस्लिम समुदाय को लेकर शुरू हुए बवाल का दिन जानने का प्रयास किया। इसके लिए हमने गूगल पर मामले से संबंधित खबरों को खंगालना शुरू किया। खोज में हमें आजतक की वेबसाइट पर छपे लेख से मामले की जानकारी मिली।

लेख के मुताबिक विवाद 16 अक्टूबर से शुरू हुआ था। जहां फ्रांस में 47 साल के एक शिक्षक की स्कूल में प्रोफेट मोहम्मद का कार्टून दिखाने के आरोप में हत्या कर दी गयी थी। जिसके बाद से विश्व भर के कई मुस्लिम व गैर मुस्लिम देशों में फ्रांस के बहिष्कार का आंदोलन होने लगा।

वीडियो फ्रांस मुस्लिम

उपरोक्त मिले लेख से हमें पता चला कि फ्रांस में मुस्लिम समुदाय को लेकर हो रहा विवाद 16 अक्टूबर से शुरू हुआ था, लेकिन वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान ट्विटर पर एक वेरीफाइड हैंडल द्वारा किये गए पोस्ट में मिले वीडियो से पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो हाल का नहीं है, साथ ही इसका फ्रांस से कोई संबंध नहीं हैं।

वीडियो की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो रूस भाषा के एक वेरिफाइड न्यूज़ चैनल के यूट्यूब पर मिला। वीडियो को यूट्यूब पर 7 जुलाई साल 2020 को अपलोड किया गया था।

प्राप्त वीडियो का कैप्शन भी रुसी भाषा में था इसलिए इसे समझने के लिए हमने गूगल ट्रांसलेटर की मदद ली। जिसके बाद हमें पता चला कि वायरल वीडियो तातरस्तान स्थित निज़्हनेकामस्क शहर का है। कैप्शन में यह भी बताया गया है कि मुस्लिम महिला पर बर्बरता करते दिख रहे शख़्स को रुसी सरकार द्वारा जेल की सजा सुनाई जा चुकी है।

इसके अलावा हमें वायरल वीडियो रूस के एक अन्य वेरीफाइड यूट्यूब चैनल पर मिला। यहाँ भी यह जानकारी दी गयी है कि वीडियो की घटना तातरस्तान के निज़्हनेकामस्क शहर की है, जहां युवक को इस मामले के लिए गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

Conclusion

वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान हमें उपरोक्त मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल वीडियो का फ्रांस से कोई संबंध नहीं है, असल में वायरल वीडियो की घटना निज़्हनेकामस्क शहर की है जो जुलाई साल 2020 में घटित हुई थी।

Result – Misleading

Our sources

https://www.aajtak.in/world/video/france-protest-against-emmanuel-macron-muhammad-cartoon-know-why-news-in-hindi-1153394-2020-10-29

https://www.youtube.com/watch?v=qeY9MXm8uRA

https://www.youtube.com/watch?v=a53o0Uy6H04&t=6s

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Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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