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Fact Check
यह वीडियो उत्तराखंड का है, जहां 'अरावली बचाओ प्रदर्शन' के दौरान आदिवासियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई।
वायरल दावा गलत है। यह वीडियो छत्तीसगढ़ की अमेरा कोयला खदान का है, जहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी।
‘अरावली बचाओ प्रदर्शन’ का बताकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उत्तराखंड का है, जहां प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करती है, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच जाती है। इसके बाद भीड़ में मौजूद लोग पुलिस पर पथराव करते हैं और जवाब में पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ती दिखाई देती है। वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, “अरावली पर्वतमाला माला के लिए लड़ते हुवे हमारे उत्तराखंड राज्य के आदिवास वीर।” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें। ऐसे अन्य पोस्ट्स यहां, यहां और यहां देखें।
गौरतलब है कि नवंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा को मंजूरी दिए जाने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इसी सन्दर्भ में यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

उत्तराखंड में ‘अरावली बचाओ प्रदर्शन’ का बताकर वायरल हुए वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इसके कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान 3 दिसंबर 2025 को न्यूज18 हिंदी की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के दृश्य मौजूद हैं। रिपोर्ट में ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई झड़प के वीडियो को छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर स्थित अमेरा कोयला खदान से जुड़े विवाद का बताया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की अमेरा कोयला खदान में उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब खदान में खुदाई के दौरान परसोढ़ी कला गांव के करीब 300 ग्रामीण लाठी, डंडों और गुलेल के साथ पहुँच गए और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इस हमले में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस झड़प में ग्रामीणों द्वारा की गई पत्थरबाजी को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हल्का बल प्रयोग किया।

खबरों के मुताबिक, यह विवाद अमेरा कोयला खदान के विस्तार से जुड़ा है। खदान के विस्तार के लिए केंद्र सरकार ने परसोढ़ी कला गांव के ग्रामीणों की करीब 100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। हालांकि, सर्वे पूरा होने के बावजूद कई किसान मुआवजा लेने से इनकार कर रहे थे और अपनी जमीन देने को तैयार नहीं थे।
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पड़ताल के दौरान 3 दिसंबर को समाचार एजेंसी ANI के एक्स अकाउंट से पोस्ट किया वीडियो मिला। इस वीडियो में भी वायरल वीडियो के दृश्य मौजूद हैं। पोस्ट के कैप्शन में बताया गया है कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की अमेरा कोयला खदान के विस्तार को लेकर ग्रामीणों द्वारा किए गए विरोध के बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
पड़ताल के दौरान 3 दिसंबर को अमर उजाला द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो मौजूद है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घटना छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित अमेरा कोयला खदान की है, जहां गुस्साए ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में करीब 40 पुलिसकर्मियों सहित कई ग्रामीण भी घायल हो गए थे।
उत्तराखंड में ‘अरावली बचाओ प्रदर्शन’ के बारे में कीवर्ड सर्च करने पर हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें वायरल वीडियो मौजूद हो। इसके अलावा, जांच के दौरान यह भी पता चला कि छत्तीसगढ़ में अरावली पर्वतमाला मौजूद नहीं है। यह पर्वतमाला हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली राज्यों में फैली हुई है।
हमारी पड़ताल में मिले साक्ष्यों से स्पष्ट है कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो अरावली बचाओ प्रदर्शन का हिस्सा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की अमेरा कोयला खदान में ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प का है।
Sources
Report News18 Hindi on Dec 3, 2025
Report Amar Ujala on Dec 3, 2025
X Post ANI on Dec 3, 2025
Report ABP on Dec 3, 2025
Salman
December 22, 2025
JP Tripathi
December 22, 2025
Runjay Kumar
December 19, 2025