Fact Check
फैक्ट चेक: क्या असदुद्दीन ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे फोटो फ्रेम को लेने से किया इनकार? वायरल वीडियो का जानें सच
Claim
असदुद्दीन ओवैसी ने 'आई लव मोहम्मद' लिखे फोटो फ्रेम को लेने से किया इनकार.
Fact
वायरल दावा भ्रामक है। ओवैसी 'गुंबद-ए-खजरा' के बगल में अपनी फोटो लगे होने से नाराज थे.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का 4 सकेंड का एक वीडियो क्लिप वायरल है. वीडियो में वह युवाओं के साथ फोटो खिंचवाते और पास में खड़े लोगों को कुछ कहते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. पोस्ट को शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि असदुद्दीन ओवैसी ने ‘I Love Muhammad’ लिखे फ्रेम को लेने से इनकार कर दिया.
एक्स पोस्ट के कैप्शन में लिखा है,“कार्यक्रम के बाद युवाओं ने असदुद्दीन ओवैसी को ‘I Love Muhammad’ फोटो फ्रेम भेंट किया. ओवैसी ने लेने से इंकार करते हुए कहा ‘मुझे इसमें मत डालो’ यह आप लोग ही रखें. यह बड़ा मामला है.”

Fact Check/Verification
असदुद्दीन ओवैसी द्वारा ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे फोटो फ्रेम को नहीं लेने के दावे से वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इसके कीफ्रेम्स को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया. इस दौरान हमें हिंदुस्तान, टीवी 9 भारतवर्ष, और एबीपी न्यूज़ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स मिलीं.

इन रिपोर्ट्स में यह साफ-साफ लिखा है कि ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखी तस्वीर इसलिए नहीं ली, क्योंकि उसमें गुंबद-ए-खजरा के साथ उनकी भी फोटो लगी थी.
इंटरेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, गुंबद-ए-खजरा सऊदी अरब के मदीना शहर में स्थित एक हरा गुंबद है. यह इस्लाम के अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है. यह पैगंबर मुहम्मद और उनके दो साथियों, खलीफा अबू बक्र और खलीफा उमर के मकबरों के ऊपर बना है. “खजरा” अरबी भाषा में हरे रंग को कहते हैं, और इसी हरे रंग के कारण इसका नाम गुंबद-ए-खजरा पड़ा.
वायरल दावे पर अधिक जानकारी के लिए हमने असदुद्दीन ओवैसी के आधिकारिक एक्स हैंडल को भी खंगाला. इस दौरान हमें पता चला कि ‘Fuzail farooq’ नामक एक एक्स यूजर ने एक वायरल पोस्ट के जवाब में दावे का खंडन किया था, जिसे ओवैसी ने भी रिपोस्ट किया था. यहां इस घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है.
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पोस्ट में बताया गया है कि ओवैसी की नाराजगी की मुख्य वजह यह थी कि उनके समर्थकों ने पवित्र गुंबद-ए-खजरा के बगल में उनकी तस्वीर को लगा दिया था. इसलिए उन्होंने अपनी तस्वीर को हाथ से ढककर फोटो तो खिंचवाई, लेकिन उस फोटो फ्रेम को सम्मान के साथ लेने से मना कर दिया.
हैदराबाद के प्रमुख अखबार डेली एत्माद ने भी 3 अक्टूबर को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर यह वीडियो शेयर किया था. यहां इस पूरे घटनाक्रम को देखा जा सकता है. पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “कहाँ गुम्बद-ए-ख़ज़रा… कहाँ मैं…!” – असदुद्दीन ओवैसी।”
“कुछ लोगों ने AIMIM अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी को एक तस्वीर पेश की, जिसमें हरा गुंबद (गुम्बद-ए-ख़ज़रा) और “I Love Muhammad ﷺ लिखा हुआ था। साथ में ओवैसी की भी तस्वीर लगी हुई थी। असदुद्दीन ओवैसी ने जब उस फ्रेम को देखा तो कहने लगे, “कहाँ गुम्बद-ए-ख़ज़रा… कहाँ मैं…!” उन्होंने ये शब्द अपनी तस्वीर को छुपाने के लिए कहा।”
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
Sources
Media Reports by Hindustan, TV9 Bharatvarsh & ABP News
X Repost by Asaduddin Owaisi and Post by Fuzail farooq
Instagram Reel by Etemaad Daily