Authors
Claim
चिन्मय दास के मुस्लिम वकील की ढाका कोर्ट में हत्या कर दी गई.
Fact
सैफुल इस्लाम अलिफ़ चिन्मय दास के वकील नहीं थे.
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रमुख चेहरे और अंतर्राष्ट्रीय संस्था इस्कॉन से जुड़े चिन्मय दास की गिरफ़्तारी और जेल भेजे जाने के बाद एक दावा काफी वायरल हो रहा है. दावा है कि चिन्मय दास की पैरवी कर रहे मुस्लिम वकील की ढाका कोर्ट में हत्या कर दी गई.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि चटगांव में कोर्ट बिल्डिंग के पास पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़प में मारे गए सैफुल इस्लाम अलिफ़ चिन्मय दास के वकील नहीं थे, बल्कि वह चटगांव कोर्ट में असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्युटर थे.
इस वायरल दावे को अंतर्राष्ट्रीय न्यूज आउटलेट रायटर्स ने भी प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि सैफुल इस्लाम इस्कॉन से जुड़े चिन्मय दास के वकील थे. हालांकि, बाद में रायटर्स ने इस स्टोरी को हटा दिया.
इसके अलावा पत्रिका, हिंदुस्तान टाइम्स और रिपब्लिक टीवी जैसे इंडियन न्यूज आउटलेट ने भी अपनी रिपोर्ट में इस दावे को प्रकाशित किया था और मृतक सैफुल इस्लाम को चिन्मय दास का वकील बताया था.
सोशल मीडिया पर भी इस दावे को कई यूजर्स ने शेयर किया था.
Courtesy: X/rai_kaushlesh
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले संबंधित कीवर्ड की मदद से न्यूज रिपोर्ट्स को खंगाला. इस दौरान हमें बीबीसी हिंदी की वेबसाइट पर 27 नवंबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट में बताया गया था कि बीते सोमवार को चिन्मय कृष्ण दास को हज़रत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ़्तारी के बाद मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास को चटगांव कोर्ट लाया गया, जहाँ कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए जेल भेज दिया. इस दौरान वहां काफी भीड़ जमा हो गई. सुरक्षा बलों ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे और फिर चिन्मय दास को जेल भेजा गया.
जेल भेजे जाने के बाद कोर्ट परिसर के पास हिंसक झड़प शुरू हो गई. यह झड़प सुरक्षा बलों, वकीलों और चिन्मय दास के समर्थकों के बीच हुई. इस झड़प में चटगांव कोर्ट में अस्टिटेंट पब्लिक प्रॉसिक्युटर सैफ़ुल इस्लाम अलिफ़ की मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भीड़ ने वकील को उनके चेंबर से बाहर निकालकर पीट-पीटकर हत्या कर दी.
इसी दौरान बांगलादेश के मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग द्वारा 26 नवंबर 2024 को किया गया एक फेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें लिखा हुआ था कि “कुछ भारतीय मीडिया यह दावा कर रहे हैं कि वकील सैफुल इस्लाम अलिफ़, जिनकी चटगांव में बेरहमी से हत्या कर दी गई वे चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. यह दावा गलत है और इसे गलत इरादे से फैलाया जा रहा है. चिन्मय कृष्ण दास द्वारा मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के समझ पेश किए गए वकालतनामे से पता चला है कि वकील शुभाशीष शर्मा उनके वकील हैं.
पोस्ट के कमेंट सेक्शन में चिन्मय कृष्ण दास द्वारा दायर किया गया वकालतनामा भी मौजूद था, जिसमें उनके वकील के तौर पर शुभाशीष शर्मा का नाम लिखा हुआ है.
इसके बाद हमने चटगांव कोर्ट में मृतक वकील सैफुल इस्लाम के दोस्त वकील रैहनुल वाजिद चौधरी से संपर्क किया. उन्होंने साफ़ किया कि “सैफुल चटगांव कोर्ट में वकील थे और उनका इस केस में किसी भी तरह से कोई संबंध नहीं था”.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि मृतक वकील सैफुल इस्लाम इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास के वकील नहीं थे.
Result: False
Our Sources
Article Published by BBC Hindi on 27th Nov 2024
FB post by CA press Wing on 26th Nov 2024
Telephonic Conversation with saiful islam’s friend
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