Authors
Claim
बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी ने ढाका विश्वविद्यालय के हिंदू छात्रावास पर हमला किया है.
Fact
वीडियो में आन्दोलनकारी छात्र, सत्ताधारी आवामी लीग के छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
सोशल मीडिया पर दो वीडियो इस दावे से वायरल हो रहे हैं कि बांग्लादेश के छात्र आंदोलन ने अब हिंदू विरोधी रुख अपना लिया है और जमात-ए-इस्लामी ने ढाका विश्वविद्यालय के हिंदू छात्रावास पर हमला किया है.
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसा भड़की हुई है. आंदोलनकारी 1971 के मुक्ति युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर पहले देश के कई शहरों में आरक्षण का समर्थन करने वाले और विरोध करने वालों के बीच हिंसा हुई. इसके बाद यह हिंसा काफी बढ़ने लगी, जिसपर काबू पाने के लिए सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है. इस हिंसा की वजह से अब तक सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.
वायरल हो रहे दोनों वीडियो करीब 1-2 मिनट के हैं. पहले वीडियो में कुछ लोग एक पांच मंजिला इमारत से गिरते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान वहां पर काफी शोरगुल भी होता हुआ दिखाई दे रहा है. इसके अलावा, दूसरे वीडियो में कुछ लोगों को एक बिल्डिंग से समान फेंकते हुए भी देखा जा सकता है.
वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “बांग्लादेश के छात्र आंदोलन ने अब हिंदू विरोधी रुख अपना लिया है. हिंदू छात्रावास, ढाका विश्वविद्यालय बांग्लादेश में देखिये कैसे घबराए हुए हिंदू छात्रों ने जमात-ए-इस्लामी द्वारा किए गए हमले से अपनी जान बचाने के लिए भागने की कोशिश की। देखिये, उनमें से कितने लोग कंगनियों और मुंडेरों से गिरे! कट्टरपंथी प्रदर्शनकारी हिंदू छात्रों का सारा सामान हॉस्टल के बाहर फेंक रहे हैं”.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. इस दौरान हमें sabiwa story नामक यूट्यूब चैनल से 17 जुलाई 2024 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला. इस वीडियो के टाइटल में बताया गया था कि “छात्र लीग के कार्यकर्ताओं ने पांच मंजिला छत पर चढ़कर छात्रों पर हमला कर दिया”.
इसके अलावा, हमें कलबेला न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल पर भी 16 जुलाई 2024 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. इस वीडियो के टाइटल में इसे बांग्लादेश के चिटगांव का बताया गया था. टाइटल के अनुसार, “चिटगांव में छात्र लीग के कार्यकर्ताओं को छत से नीचे फेंक दिया गया”.
जांच में हमें इससे संबंधित रिपोर्ट कलेर कंठो नाम की एक बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट पर भी मिली, जिसमें दोनों वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे. न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 16 जुलाई को चिटगांव जिले के मुरादपुर इलाके में घटी थी. दरअसल घटना से पहले छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं की झड़प आंदोलनकारी छात्रों से हुई. जिसके बाद छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ता पास के ही एक इमारत में जाकर छिप गए, बाद में आंदोलनकारी छात्र उस बिल्डिंग में गए और उन लोगों ने वहां जाकर कार्यकर्ताओं को छत से फेंकना शुरू कर दिया.
छत से फेंके जाने की वजह से कई लोग घायल हो गए. बाद में स्थानीय पुलिस वहां पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया. इस रिपोर्ट में घटना के एक चश्मदीद का बयान भी मौजूद था, जिसने यह दावा किया था कि आंदोलनकारी लोगों ने करीब 14-15 लोगों को छत से नीचे फेंका था.
पड़ताल के दौरान हमें देश रूपांतर, राइजिंग बीडी और ढाका पोस्ट समेत कई वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में इस घटना के घायलों के नाम भी मिले. रिपोर्ट के अनुसार, घायलों में अब्दुल्ला अल सैमुन, वहीदुल रहमान सुजान, इरफानुल आलम, जाहिद अवि, मेहराज सिद्दीकी पावेल, जावेद इकबाल शामिल थे.
इस संबंध में सत्ताधारी बांग्लादेशी आवामी लीग के फेसबुक अकाउंट से 17 जुलाई 2024 को किया गया फेसबुक पोस्ट भी मिला, जिसमें उन्होंने लिखा है कि चिटगांव में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों ने उनके छात्र संगठन, छात्र लीग के कार्यकर्ताओं को एक पांच मंजिला इमारत से नीचे फेंक दिया, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए. इस पोस्ट में घटना से जुड़ी कई अन्य जानकारी और घायलों के नाम भी मौजूद थे. हालांकि, इस पोस्ट में कहीं भी हिंदू हॉस्टल और हिंदू छात्र वाले दावे का ज़िक्र नहीं किया गया था.
Conclusion
इसलिए हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि यह वीडियो चिटगांव के मुरादनगर में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं पर हमले का है, ना कि हिन्दू छात्रों या हिंदू छात्रावास पर हमले का.
Result: False
Our Sources
Video by Kalbela News
Report by Kaler Kantho
Report by Desh Rupantor
Report by Rising bd , Dhaka Post
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