Authors
Claim
बांग्लादेश में सरकारी हिंदू अधिकारियों से जबरन इस्तीफा लिया जा रहा है.
Fact
वीडियो में दिख रही महिला कवि नजरुल सरकारी कॉलेज की तत्कालीन प्रिंसिपल अमीना बेगम हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भीड़ एक महिला से जबरन एक उजले पेपर पर हस्ताक्षर करवाती नजर आ रही है. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि बांग्लादेश में मुसलमान सरकारी हिंदू अधिकारियों से जबरन इस्तीफा ले रहे हैं.
वायरल वीडियो करीब 52 सेकेंड का है, जिसमें भीड़ एक महिला को घेरे बैठी है और उनसे उजाले पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए कह रही है. महिला भीड़ के दवाब में आकर हस्ताक्षर कर देती है और फिर गुस्से में कलम पटक देती है. इसके बाद भीड़ उस पेपर को उठाकर जश्न मनाने लगती है.
वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “ बांग्लादेश में इस्लामी हत्यारे जमाते इस्लामी, बीएनपी और उसके साथ खड़े मुसलमान अब हिन्दू सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से बलपूर्वक त्यागपत्र लिखवाकर उन्हें शासकीय सेवा से बाहर कर रहे हैं”.
Fact Check/Verification
वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Digital Bangla Media नाम के यूट्यूब अकाउंट से 12 अगस्त 2024 को अपलोड की गई वीडियो रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.
वीडियो रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, 11 अगस्त 2024 को आरक्षण विरोधी आंदोलन में शामिल छात्रों ने ढाका के कवि नजरूल सरकारी कॉलेज की प्रिंसिपल अमीना बेगम का कार्यालय घेरकर नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग की. छात्रों के दवाब की वजह से अमीना बेगम ने इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा मांग रहे छात्र आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान मारे गए कॉलेज के छात्रों के प्रति रुखा व्यवहार अपनाने को लेकर प्रिंसिपल अमीना बेगम से नाराज थे.
इसी दौरान हमें जांच में हमें जागो न्यूज की वेबसाइट पर इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली. 11 अगस्त 2024 को प्रकाशित की गई इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.
जागो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार 11 अगस्त को करीब 11 बजे छात्र कॉलेज परिसर में नारेबाजी कर प्रिंसिपल अमीना बेगम के इस्तीफे की मांग करने लगे. इसके बाद जब प्रिंसिपल अमीना बेगम कॉलेज आईं तो छात्रों ने उन्हें उनके कार्यालय में घेर लिया. जिसके बाद अमीना बेगम ने एक सादे कागज़ पर अपना इस्तीफा लिख दिया. इस रिपोर्ट में कॉलेज के एक छात्र मेहंदी का बयान भी मौजूद था, जिसके अनुसार उनके कॉलेज के चार छात्र आरक्षण विरोधी आंदोलन में मारे गए थे लेकिन प्रिंसिपल ने कोई खोज खबर नहीं ली. इसलिए छात्र उनसे नाराज थे.
इसके अलावा, हमें kalbela नाम के बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट की वेबसाइट पर भी इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में प्रिंसिपल अमीना बेगम और उक्त उजले पेपर की तस्वीर भी मौजूद थी, जिसमें उन्होंने बांगला भाषा में अपना इस्तीफा दिया था. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि अमीना बेगम पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के शिक्षा और मानव संसाधन समिति की सदस्य भी थीं. इसके अलावा, यह भी जानकारी दी गई थी कि प्रिंसिपल के इस्तीफे के बाद आवामी लीग से जुड़े शिक्षकों के नेतृत्व वाले कॉलेज के शिक्षक परिषद को भंग कर दिया गया था.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला हिंदू नहीं, बल्कि ढाका के कवि नजरुल सरकारी कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल अमीना बेगम हैं.
Result: False
Our Sources
Video report by digital bangla media YT channel on 12th aug 2024
Article by Jago News on 11th aug 2024
Article by Kalbela on 11th aug 2024
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