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Claim
अमेरिका ने डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम पर विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय खोला है।
Fact
अमेरिका ने डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम पर विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय नहीं खोला है। वायरल तस्वीरों में दिख रही जगह चीन की तिआनजिन बिन्हाई पुस्तकालय है।
सोशल मीडिया पर एक पुस्तकालय की तस्वीर साझा करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय खोला है। एक सोशल मीडिया यूज़र द्वारा पुस्तकालय की कुछ तस्वीरों के साथ साझा करी गयी X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा है कि ‘भारत देश के मसीहा डॉ .भीम राव अम्बेदकर जी के नाम अमेरिका ने खोला विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय! जय भीम जय भारत जय संविधान।’ दूसरे यूज़र ने अपनी X पोस्ट में पुस्तकालय की ऐसी ही तस्वीर के साथ लिखा है कि ‘भारत देश के मशिहा Dr. भीम राव अम्बेदकर जी के नाम अमेरिका ने खोला विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय,नमस्ते अमेरिका, जय भीम जय भारत जय संविधान,धम्म प्रभात।’
हालांकि अपनी जांच में हमने पाया कि इन सोशल मीडिया पोस्ट में किया गया दावा फ़र्ज़ी है। इन पोस्ट्स के साथ डॉ भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय की बताकर साझा की गयी तस्वीरें असल में चीन देश के तिआनजिन बिन्हाई पुस्तकालय की हैं।
Fact Check/Verification
Newschecker ने पड़ताल की शुरुआत में दावे के साथ साझा की जा रहीं तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमने पाया कि यह तस्वीरें चीन के ‘तिआनजिन बिन्हाई पुस्तकालय’ की है। टाइम और आर्किटेक्ट न्यूज़ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स में दी गयी जानकारी से हमें पता चलता है कि बिन्हाई पुस्तकालय की स्थापना तिआनजिन बिन्हाई नगर पालिका द्वारा बीजिंग के बाहर एक तटीय महानगर तिआनजिन में बिन्हाई जिले के सांस्कृतिक केंद्र में की गई। बिन्हाई पुस्तकालय अक्टूबर 2017 में खुला था। इसे डच फर्म एमवीआरडीवी (MVRDV) द्वारा डिजाइन किया गया है। इस बेहद खूबसूरत पुस्तकालय में 1.35 मिलियन से अधिक किताबें रखने की क्षमता है, जो कि चीन के सबसे नए आकर्षणों में से एक बना हुआ है।
जांच में आगे बढ़ते हुए हमने सोशल मीडिया पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय के नाम से साझा की गयी सभी तस्वीरों का मिलान बिन्हाई पुस्तकालय डिज़ाइन करने वाली फर्म एमवीआरडीवी (MVRDV) की वेबसाइट पर दी गयी तस्वीरों से किया। जिससे इस बात की पुष्टि हो गयी की ये सभी तस्वीरें चीन स्थित तिआनजिन बिन्हाई पुस्तकालय की ही हैं।
अपनी पड़ताल में आगे बढ़ते हुए हमने गूगल सर्च की मदद से पाया कि US की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। यहां 164 मिलियन वस्तुएं और 1,350 किलोमीटर लंबी बुकशेल्फ़ हैं।
भारतीय संविधान के रचयिता, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपने जीवन में इतिहास, दर्शन, कानून, अर्थशास्त्र, नैतिकता और राजनीति जैसे ज्ञान के कई क्षेत्रों से जुड़ी पुस्तकों से प्रेरणा ली है और बहुत सा साहित्य रचा है। उनके नाम से अमेरिका में बने किसी पुस्तकालय पर जब हमने गूगल सर्च किया तो हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली।
जब हमने अमेरिका में डॉ. भीमराव अम्बेडकर से जुड़ी खबर खोजी तब हमें मिंट द्वारा 15 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिलती है। इसमें बताया गया है कि 14 अक्टूबर 2023 को अमेरिका में वाशिंगटन के मैरीलैंड में डॉ अंबेडकर की भारत के बाहर सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
Conclusion
अपनी जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि सोशल मीडिया पोस्ट में डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम से जोड़कर किया गया दावा फ़र्ज़ी है। इन पोस्ट्स के साथ डॉ भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय की बताकर साझा की गयी तस्वीरें असल में चीन देश के तिआनजिन बिन्हाई पुस्तकालय की हैं। अमेरिका में डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम से विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय नहीं बना है।
Result: False
Our Sources
Article published by Time.
Article published by Architect News on November 2nd 2017.
Official website of MVRDV.
Report published by Mint dated October 15, 2023
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