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Fact Check
सोशल मीडिया पर पुलिस की छापेमारी की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इनमें से एक तस्वीर में कुछ पुलिसकर्मियों को एक गाड़ी का घेराव करते हुए देखा जा सकता है। दूसरी तस्वीर में कई पुलिसकर्मियों को कुछ नोटों की गड्डियों को जमा करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि कल नोटों की यह गड्डियां RJD नेता की गाड़ी से एक छापेमारी के दौरान बरामद की गयी हैं। इन पैसों को बिहार की बैकुंठपुर सीट के वोटरों को बांटने के लिए ले जाया जा रहा था।

फेसबुक पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखें।
भारत में चुनाव के दौरान वोटरों को पैसे देकर वोट खरीदने की खबरें आमतौर पर सुनने को मिल ही जाती हैं। बिहार राज्य में विधानसभा चुनाव का दौर चल रहा है ऐसे में सोशल मीडिया पर बिहार चुनाव के दौरान RJD नेता नेता तेजस्वी यादव द्वारा लोगों में पैसे बांटने की खबर वायरल हुई थी जो फर्जी थी। चुनाव के दौरान ऐसी ही तमाम भ्रामक खबरें वायरल होती रहती हैं।
इसी बीच फेसबुक पर पुलिस की छापेमारी वाली कुछ तस्वीरें उपरोक्त दावे के साथ शेयर हो रही है। तस्वीरों के साथ वायरल हो रहे दावे का सच जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। चूँकि वायरल पोस्ट में दो तस्वीरों का हवाला दिया जा रहा है, इसलिए अपनी पड़ताल में हमने एक-एक कर वायरल तस्वीरों को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया।
पहली तस्वीर

पहली तस्वीर हमें Mbs.news की वेबसाइट पर 23 अक्टूबर साल 2020 को छपे एक लेख में मिली। लेख में वायरल तस्वीर की जानकारी देते हुए यह बताया गया था कि वायरल तस्वीर बिहार में सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर छापेमारी के दौरान की है।

वायरल तस्वीर पर उपरोक्त प्राप्त जानकारी की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजा। इस दौरान हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर भी 23 अक्टूबर साल 2020 को छपे एक लेख में वायरल तस्वीर मिली। लेख से इस बात की पुष्टि हुई कि वायरल तस्वीर बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पड़े इनकम टैक्स के रेड के दौरान की है।

दूसरी तस्वीर

इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। इस दौरान दूसरी वायरल तस्वीर hindustantimes.com की वेबसाइट पर 19 अक्टूबर साल 2020 को छपे एक लेख में मिली।
लेख के मुताबिक किशनगंज जिले में पुलिस ने देर शाम बिहार-बंगाल सीमा के पास दो वाहनों से 65 लाख रुपये से अधिक की नकदी जब्त की। पुलिस के अनुसार कथित रूप से ये पैसे वोटर्स को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किये जाने थे।

इसके साथ ही हमें वायरल दावे की जानकारी न्यूज़ 24 की वेबसाइट पर 19 अक्टूबर साल 2020 को छपे लेख से मिली। प्राप्त लेख में भी उपरोक्त मिले तथ्यों की पुष्टि की गयी है। उक्त लेख के मुताबिक किशनगंज जिले में पुलिस द्वारा रविवार देर शाम बिहार-बंगाल सीमा के पास दो वाहनों से 65 लाख रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई थी।

लेख में आगे किशनगंज के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष का बयान भी छापा गया है। दालकोला से आने वाली इनोवा गाड़ी की चेकिंग के बाद वाहन से 60.26 लाख रुपये नकद मिले। पूछताछ के दौरान, बबलू ने कहा कि कैश सैमसंग टी एस्टेट, न्यू जलपाईगुड़ी के मजदूरों के बीच बांटने के लिए था, लेकिन उसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था। मामले की जाँच अभी जारी है।
वायरल तस्वीरों के साथ किये गए दावे की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल दावा भ्रामक है। असल में दोनों ही वायरल तस्वीरों को दो अलग-अलग जगह से लिया गया है। लेकिन इन तस्वीरों का ना तो RJD नेता से कोई संबंध है और ना ही यह बिहार की बैकुंठपुर विधानसभा सीट से है।
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Pragya Shukla
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