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सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। राम मंदिर को भव्य और सबसे अनोखा बनाने के लिए लोगों ने दिल खोलकर दान दिया है। यही कारण है कि अभी तक राम मंदिर ट्रस्ट को करोड़ों रुपए का दान मिल चुका है। लेकिन इसी के साथ ही राम मंदिर को मिले दान पर एक विवाद भी शुरू हो चुका है। राम मंदिर ट्रस्ट पर कथित रूप से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर ट्रस्ट पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राम मंदिर से जुड़ी एक जमीन की खरीद में हेराफेरी की गई है। 2 करोड़ की जमीन को 18 करोड़ रुपए में खरीदा गया है। आप नेता संजय सिंह, राम मंदिर ट्रस्ट पर सवाल उठाने के कारण लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर उनके नाम से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक मीटिंग के दौरान दो व्यक्ति मार-पीट करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में हुई आम आदमी की एक पार्टी मीटिंग के दौरान संजय सिंह ने एक विधायक की जूतों से पिटाई कर दी।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
वायरल हो रहे वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसे InVID टूल की मदद से कीफ्रेम्स में बदला। फिर एक कीफ्रेम की सहायता से गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट Jansatta की वेबसाइट पर मिली। जिसे 6 मार्च 2019 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक मार-पीट का ये वायरल वीडियो साल 2019 का है, जब यूपी के संत कबीर नगर के तत्कालीन बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और बीजेपी के एक विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच शुरू हुई बहस मार-पीट में तब्दील हो गई थी।
दरअसल जिले के विकास को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं की एक मीटिंग चल रही थी। इस दौरान शरद त्रिपाठी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विकास कार्यों को दिखाने के लिए इस्तेमाल हो रहे शिलापट्ट में उनका नाम नहीं लिखा जा रहा है। जिस पर विधायक राकेश बघेल ने आपत्ति जताई और दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। बहस के दौरान राकेश बघेल ने शरद त्रिपाठी को जूतों से मारने की धमकी दी। इस बात को सुनकर शरद त्रिपाठी ने आक्रोश में आकर राकेश बघेल को जूतों से मारना शुरू कर दिया। Aaj Tak और Patrika ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट UP TAK के यूट्यूब चैनल पर मिली। जिसे 6 मार्च 2019 को अपलोड किया गया था। रिपोर्ट में भी यही जानकारी दी गई है कि वीडियो में मार-पीट करते हुए नजर आ रहे दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी के हैं। जिन्होंने एक मीटिंग के दौरान हाथापाई करना शुरू कर दिया था।
मार-पीट का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी नेता शरद त्रिपाठी ने इस पूरी घटना को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए TV9 को एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। जो अचानक ही हो गई, उनका इरादा ऐसा करने का नहीं था। इस पर उन्हें खेद है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने बीजेपी नेता शरद त्रिपाठी से संपर्क करना चाहा। इस दौरान पता चला कि वे किसी काम से बाहर गए हैं। उनके निजी सहायक राकेश सिंह ने हमें बताया, “वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं है। ये वीडियो साल 2019 का है, इस प्रकरण पर शरद त्रिपाठी पहले ही सार्वजनिक रूप से खेद प्रकट कर चुके हैं।”
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्ट्रेट के नाजिर सैयद नफीसउल हसन ने दोनों नेताओं सहित कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद ये मामला कोर्ट तक चला गया था। लेकिन इस साल पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने दोनों नेताओं को राहत देते हुए मुकदमा खत्म कर दिया है।
आखिर में हमने वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई जानने के लिए वीडियो का स्क्रीनशॉट निकाला। जिसके बाद हमने स्क्रीनशॉट की तुलना बीजेपी नेता शरद त्रिपाठी और आप नेता संजय सिंह की तस्वीर से की। जिसके बाद ये पूरी तरह से साफ हो गया कि वायरल वीडियो संजय सिंह का नहीं, बल्कि बीजेपी नेता शरद त्रिपाठी का है।
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो का आप नेता संजय सिंह से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो में मार-पीट करते हुए नजर आ रहे दोनों शख्स बीजेपी नेता हैं।
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Result: False
Claim Review: आप नेता संजय सिंह ने पार्टी मीटिंग के दौरान की हाथापाई। Claimed By: Sandeep Arya Fact Check: False |
Our Sources
Youtube –https://www.youtube.com/watch?v=vHF0A7Yq2B8
Youtube –https://www.youtube.com/watch?v=hL6qk06zDzc
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