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Fact Check
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने नोट में भारत के लोगों से सरकार गिराने का अनुरोध किया.
नहीं, वायरल दावा गलत है.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने भारत दौरे के दौरान लिखे गए एक नोट में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए लोगों से सरकार गिराने का अनुरोध किया.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि राष्ट्रपति पुतिन ने अपने भारत दौरे पर महात्मा गांधी की समाधि पर लिखे गए नोट में ऐसी कोई बातें नहीं लिखी थीं.
बीते 4 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे थे. यह पुतिन की बीते चार सालों में पहली भारत यात्रा थी. राष्ट्रपति पुतिन के दिल्ली पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद एयरपोर्ट जाकर उनका स्वागत किया. अगले दिन 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में उनका राजकीय स्वागत किया गया. इससे पहले पुतिन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी.
उनके इसी दौरे से जोड़कर सोशल मीडिया पर यह दावा एक टेक्स्ट के जरिए किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है “मैं ही नहीं मेरे पूर्वज और मेरे पूरे रसिया के लोग और पूरी दुनिया ये मानती है कि भारत महात्मा गांधी जी और नेहरू जी के सिद्धांतों अहिंसा, भाईचारे, पर चलने वाला सेकुलर लोकतांत्रिक देश है, मैं भारत देश की जनता से निवेदन करना चाहूंगा की गोड़सेवादी नफरती विचारधारा की सरकार को जल्द से जल्द गिरा देने में ही इस देश का भविष्य सुरक्षित है”.
इस दावे को कई फेसबुक अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा भारत के लोगों से सरकार गिराने का अनुरोध किए जाने के वायरल दावे की पड़ताल में सबसे पहले हमने वह नोट खोजा, जो उन्होंने राजघाट पर लिखा था. इस दौरान हमें रूस के विदेश मंत्रालय के X अकाउंट से 5 दिसंबर 2025 को किया गया पोस्ट मिला. इसमें उनके द्वारा लिखे गए नोट की तस्वीर भी मौजूद थी.

रूसी राष्ट्रपति ने यह नोट रूसी भाषा में लिखा था, इसलिए हमने गूगल ट्रांसलेट की मदद से इसका अनुवाद किया. पूरे टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है, “ आधुनिक भारतीय राष्ट्र के संस्थापकों में से एक, महान दार्शनिक और मानवतावादी महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया में शांति के उद्देश्य के लिए अमूल्य योगदान दिया. स्वतंत्रता, सद्गुण और परोपकार से जुड़े उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं”.

आगे उन्होंने लिखा, “वास्तव में महात्मा गांधी ने उस नए और अधिक न्यायपूर्ण बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की पूर्वकल्पना की थी, जो आज आकार ले रही है. लियो टॉल्स्टॉय को लिखे अपने पत्रों में उन्होंने ऐसे भविष्य के विश्व पर विस्तार से विचार किया था, जो तानाशाही और वर्चस्व से मुक्त हो तथा राष्ट्रों के बीच समानता, पारस्परिक सम्मान और सहयोग के सिद्धांतों पर आधारित हो. यही वे सिद्धांत और मूल्य हैं, जिनका आज रूस और भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिलकर समर्थन कर रहे हैं”.
इस दौरान हमने एक रूसी व्यक्ति से भी संपर्क कर राष्ट्रपति पुतिन द्वारा लिखे नोट का अंग्रेजी में अनुवाद किया. अंग्रेजी में मिले उस अनुवाद का लगभग वही हिंदी अनुवाद है, जो ऊपर लिखा हुआ है.
इस दौरान हमें एक रूसी मीडिया आउटलेट पर भी प्रकाशित रिपोर्ट में भी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा राजघाट पर लिखे गए नोट का पूरा रूसी टेक्स्ट मिला, जिसका अनुवाद करने पर हमने पाया कि उन्होंने सिर्फ महात्मा गांधी और रूसी विचारक लियो टॉल्स्टॉय से उनके संबंध एवं उनके विदेश नीति पर अपना विचार लिखा था. इस दौरान उन्होंने भारत के किसी अन्य राजनेता या नेता का ज़िक्र नहीं किया था.

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने नोट में भारत के लोगों से सरकार गिराने का अनुरोध किए जाने का वायरल दावा गलत है.
Our Sources
X Post by MFA Russia on 5th Dec 2025
Article published by komsomolskaya pravda on 5th Dec 2025
Runjay Kumar
December 9, 2025
JP Tripathi
December 9, 2025
JP Tripathi
December 8, 2025