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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक बांध की तस्वीर शेयर करते हुए यह दावा किया गया कि बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्र ललितपुर को सरकार ने सौगात दी है। तस्वीर में दिख रहे बांध को ललितपुर का भावनी बांध बताया गया है।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस दौरान कई इलाकों में सरकार द्वारा कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है। इसी कड़ी में बीते 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बाद, अब उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड वासियों को कई सालों से चली आ रही पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए कुछ घोषणनाएं की गई हैं। दरअसल, बीते 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के दौरे पर थे। 19 नवंबर, 2021 को टाइम्स नाउ हिंदी द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, पीएम ने बुंदेलखंड निवासियों को कई सौगातें दी। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “आपको बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण हुआ है। इससे हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा होगा। पीने का शुद्ध पानी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब खत्म होने वाला है।” इसके साथ ही उन्होंने तीन तलाक पर रोक लगाने वाले कानून का भी जिक्र किया था। इसी कड़ी में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उपरोक्त तस्वीर को ललितपुर के भावनी बांध का बताकर शेयर करना शुरू कर दिया।
वायरल दावे को ट्विटर पर अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
ट्वीट्स का आर्काइव वर्जन यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त दावे को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया है।
फेसबुक पोस्ट्स को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
‘पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को सिंचाई परियोजना की सौगात’ दावे के साथ वायरल तस्वीर क्या सच में भावनी बांध की है? इसका सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने वायरल हो रही तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें कई नतीजे प्राप्त हुए। प्राप्त नतीजों में हमें कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड, हैदराबाद की साइट और 22 अक्टूबर, 2019 को न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जिसमें एक बांध की तस्वीर प्रकाशित की गई है। जिसे अभी ललितपुर का बताकर शेयर किया जा रहा है।
कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड, हैदराबाद की साइट पर मिली जानकारी के मुताबिक, नीलम संजीव रेड्डी श्रीशैलम परियोजना के तहत कृष्णा नदी पर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सीमा पर श्रीशैलम बांध का निर्माण किया गया है। यह देश में दूसरा सबसे बड़ी क्षमता वाला जलविद्युत स्टेशन है। उपरोक्त वेबसाइट पर अपलोड की गई तस्वीर से यह पता चलता है कि वायरल तस्वीर ललितपुर की नहीं है।
22 अक्टूबर, 2019 को न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक लेख के शीर्षक के मुताबिक, ‘तेलंगाना-आंध्र प्रदेश की सीमा पर बना श्रीशैलम-नागार्जुन डैम पानी के अधिक प्रवाह को रोकने के लिए तैयार।’
वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने PMO के YouTube चैनल पर पीएम मोदी के बुंदेलखंड दौरे के वीडियो को खोजा।
इस दौरान हमें बीते 19 नवंबर को पीएम मोदी द्वारा बुंदेलखंड की जनसभा के संबोधन का 1 घंटे 7 मिनट का एक वीडियो मिला। इस वीडियो में 36 मिनट 28 सेकेंड पर पीएम द्वारा भावनी बांध का जिक्र किया गया था और बांध का दृश्य भी दिखाई दिया, जिससे यह बात स्पष्ट हो गई कि वायरल दावे के साथ जो तस्वीर शेयर की जा रही है वह भावनी बांध की नहीं है।

हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि सोशल मीडिया पर ‘पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को सिंचाई परियोजना की सौगात’ दावे के साथ वायरल की जा रही तस्वीर, भावनी बांध की नहीं बल्कि हैदराबाद के कृष्णा नदी पर बने श्रीशैलम बांध की है। जिसे अब बुंदेलखंड के भावनी बांध का बताकर शेयर किया गया है।
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