Saturday, March 15, 2025
हिन्दी

Fact Check

क्या इंडो-चाइना बॉर्डर पर सड़क निर्माण रोकने के लिए इस NGO ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका?

Written By Ankit Shukla
Nov 16, 2021
banner_image

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका देकर इंडो-चाइना बॉर्डर पर सड़क न बनाने की अपील की है।

https://twitter.com/VishnuKumbhar7/status/1458343474764214274?t=1P1jb5SnIojHIdO9uqigCw&s=19
Viral Tweet
https://twitter.com/SanjayM22502793/status/1458456884453675009?t=aQ8TYa5_bES6P3r2-ZmzSQ&s=19
Viral Tweet
https://twitter.com/unapologeticAnk/status/1458297705684369411?t=IB0QEZR1y9MUJjD-xk_aNw&s=19
Viral Tweet
Viral Tweet
https://twitter.com/MeghBulletin/status/1458329407827763201?t=CkoV3yvEw4juSQYLzchyJg&s=19
Viral Tweet

एक सोशल मीडिया यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि ‘Citizens For Green Doon’ नाम के एक NGO ने पर्यावरण का हवाला देते हुए, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर अपील की है कि इंडो-चाइना बॉर्डर पर सड़क न बने।

ट्वीट के आर्काइव यहां और यहां देखा जा सकता है। 

कई फेसबुक यूजर्स ने भी वायरल दावे को शेयर किया है।

FB screenshot
FB screenshot

आपको बताते चलें कि इंडो-चाइना बॉर्डर पर 27 दिसंबर, 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने चार धाम परियोजना का शिलान्यास किया था। Indian express की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12000 करोड़ की लागत से 890 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे बनने वाला है, जिससे पूरे उत्तराखंड को जोड़ा जाएगा। इस परियोजना का मकसद सभी मौसम में पहाड़ी राज्य के चार पवित्र स्थलों, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है। इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद हर मौसम में चार धाम की यात्रा की जा सकेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड बाढ़ में जिन लोगों की जान गई थी, उनको श्रद्धांजलि स्वरूप इस परियोजना को समर्पित किया गया है।

Times of india की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस परियोजना को पूरा करने के लिए 56 हज़ार पेड़ काटे जाएंगे, जिसमें अभी तक अनुमानित 25000 पेड़ काटे जा चुके हैं, जिससे पर्यावरणवादी नाराज़ हैं। उनका मानना है कि इस स्तर पर पेड़ कटाई से क्षेत्र में मृदा अपरदन (soil erosion) और भूस्खलन (landslides) का ख़तरा बढ़ जाएगा। 

The quint के यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहाड़ों की कटाई 90 डिग्री के कोण पर की जा रही है, जिससे भूस्खलन का ख़तरा बहुत बढ़ जाता है। 

YouTube Video/the quint

Fact Check/Verification 

वायरल हो रही तस्वीर का सच जानने के लिए हमने रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें ‘Citizens For Green Doon’ का फेसबुक ग्रुप मिला। ग्रुप के मुताबिक, यह एक NGO है जो पर्यावरण के बचाव हेतु काम करता है और इसी NGO का नाम वायरल दावों में मौजूद था। इस फेसबुक ग्रुप के कवर फ़ोटो पर वायरल हो रही तस्वीर लगी थी, लेकिन यह तस्वीर वायरल हो रही तस्वीर से थोड़ी अलग थी, जहाँ वायरल तस्वीर में मौजूद प्लेकार्ड पर ‘No road on indo china border’ लिखा था, तो वहीं इस फेसबुक ग्रुप के कवर फ़ोटो पर जो तस्वीर थी, उसके प्लेकार्ड पर ‘Come join CFGD’ लिखा हुआ था।

FB screenshot

जब हमने इस फेसबुक ग्रुप को खंगाला तो हमे एक पोस्ट मिला, जिसमें असली और एडिटेड तस्वीर को शेयर कर लिखा गया था, “फोटोशॉप की मदद से नफरत और झूठ फैलाना इन दिनों बच्चों का खेल है। एडिटेड फ़ोटो की मदद से CFGD के खिलाफ झूठी ख़बर फैलाई जा रही है। हम बॉर्डर पर सड़क बनाने के खिलाफ नहीं हैं।”

FB screenshot

असली तस्वीर

FB screenshot

जब हमने कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया तो हमें The Hindu की एक रिपोर्ट मिली। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, एक ‘Citizens For Green Doon’ द्वारा चार धाम परियोजना के सड़क की चौड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करवाई गई है। 

News 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में सरकार के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि चार धाम परियोजना से चीन की सीमा लगी हुई है। ऐसे में सेना के वाहन भी जाएंगे, इसलिए 5 मीटर की जगह 7 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की मंजूरी दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार न करते हुए सरकार को 2018 के सर्कुलर को फॉलो करने के लिए कहा था।  बतौर रिपोर्ट, 2018 के मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज की गाइडलाइंस के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्र में हाइवेज की चौड़ाई 5.5 मीटर अधिकतम रखी जा सकती है।

जब हमने ‘CFGD NGO’ से संपर्क किया तो हमें बताया गया, “तस्वीर को एडिट किया गया है और इसके साथ शेयर किया जा रहा दावा गलत है। वास्तविक तस्वीर अप्रैल 2021 में डी.ए.वी करनपुर में खींची गई थी। जिसके प्लेकार्ड पर लिखा था, ‘join CFGD’ लेकिन ट्विटर पर वायरल तस्वीर में लिखा है, ‘No road on indo-china border. CFGD’ हम बॉर्डर पर सड़क निर्माण के खिलाफ नहीं है और ना ही यह देश विरोधी है। हम सतत विकास और वैज्ञानिक ढंग से सड़क निर्माण चाहते हैं। NGO ने आगे बताया कि उन्होंने वायरल ट्वीट की शिकायत उत्तराखंड पुलिस के साइबर क्राइम सेल में की है।

Conclusion 

इस तरह हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ़ हो गया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है। वायरल तस्वीर को एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से एडिट कर बनाया गया है।

Result: Manipulated Media

Source

Media report

Self Analysis

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

image
यदि आप किसी दावे का सच जानना चाहते हैं, किसी तरह की प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या हमारे किसी फैक्ट चेक को लेकर शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो हमें +91-9999499044 पर व्हाट्सएप या checkthis@newschecker.in​. पर ईमेल करें. आप हमारे Contact Us पेज पर जाकर वहाँ मौजूद फॉर्म भी भर सकते हैं.
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
About Us

Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check

Contact Us: checkthis@newschecker.in

17,450

Fact checks done

FOLLOW US
imageimageimageimageimageimageimage
cookie

हमारी वेबसाइट कुकीज़ का उपयोग करती है

हम कुकीज़ और समान प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं ताकि सामग्री को व्यक्तिगत बनाने में मदद मिल सके, विज्ञापनों को अनुकूलित और मापने में मदद मिल सके, और बेहतर अनुभव प्रदान कर सके। 'ठीक है' क्लिक करके या कुकी पसंद करने में एक विकल्प को चालू करके, आप इस से सहमत होते हैं, हमारे कुकी नीति में विस्तार से व्याख्या की गई रूप में।