रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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क्या कश्मीर की है सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर?

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में कुछ लोग एक व्यक्ति को बेरहमी से पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर कश्मीर की है। तस्वीर के कैप्शन में लिखा गया है, ‘कश्मीर में मुस्लिम लोगों की मदद करें।

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वायरल दावे का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पिछले कुछ दिनों से कश्मीर घाटी में हिंसा जारी है। लगातार आतंकियों द्वारा अल्पसंख्यकों और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। जिसके चलते कश्मीरी पंडितों सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 150 परिवारों ने जम्मू में शरण ली है। सेना द्वारा आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है, जिससे बौखलाकर आतंकी, हिंदू नेताओं को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं। वहीं, पाक प्रायोजित एजेंडे के तहत सोशल मीडिया पर आंतकियों के मारे जाने को, कश्मीरी मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का बताकर प्रोपेगेंडा के तहत अभियान भी चलाया जा रहा है। इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर शेयर की गई है।

सोशल मीडिया पर वायरल दावे को कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।

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Fact Check/Verification

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही तस्वीर की सत्यता जानने के लिए, हमने Yandex Reverse Image Search की मदद ली, इस दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जिससे पता चला कि यह तस्वीर पुरानी है और कश्मीर की नहीं, बल्कि दिल्ली की है। बतौर रिपोर्ट्स, यह तस्वीर साल 2020 में CAA प्रोटेस्ट में हुए हिंसा के दौरान की है। 

पड़ताल के दौरान 24 और 27 फरवरी 2020 को अंग्रेजी अखबार ALJAZEERA और reuters द्वारा प्रकाशित लेख मिले। Reuters के मुताबिक, तस्वीर में जिस व्यक्ति की कुछ लोग मिलकर बेरहमी से पिटाई करते दिखाई दे रहे हैं, उसका नाम मोहम्मद जुबैर है। मोहम्मद जुबैर, पूर्वोत्तर नई दिल्ली की एक स्थानीय मस्जिद से घर जा रहे थे, तभी उन्हें एक भीड़ दिखाई दी। वह हंगामे से बचने के लिए एक अंडरपास की ओर मुड़ गए और इस दौरान भीड़ द्वारा उनकी पिटाई कर दी गई। इस लेख को दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui) और देवज्योत घोषाल (Devjyot Ghoshal) द्वारा कवर किया गया था। REUTERS में प्रकाशित लेख को यहां देखा जा सकता है।

(27 फरवरी 2020 को Reuters में प्रकाशित लेख में मोहम्मद जुबैर की पिटाई की तस्वीर)
(24 फरवरी, 2020 को ALJAZEERA में प्रकाशित लेख का स्क्रीनशॉट)

वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए, कुछ कीवर्ड्स की सहायता से ट्विटर पर पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के ट्विटर हैंडल को खंगाला, तो हमें उनके द्वारा 27 फरवरी 2020 को शेयर किया गया एक पोस्ट मिला, जो वायरल हो रहे तस्वीर की पुष्टि करता है कि यह तस्वीर कश्मीर की नहीं, बल्कि दिल्ली में CAA प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का है। पत्रकार दानिश सिद्दीकी द्वारा किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।

(दानिश सिद्दीकी द्वारा, 27 फरवरी 2020 को किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट)

गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई थी। दानिश उस समय अफगानिस्तान में न्यूज कवर कर रहे थे। दानिश सिद्दीकी की हत्या से जुड़ी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।

(NBT में प्रकाशित दानिश सिद्दकी की हत्या की लेख का स्क्रीनशॉट)

पड़ताल के दौरान, ट्विटर पर और अधिक खोजने पर हमें ‘भारतीय संघ मुस्लिम लीग’ के ट्विटर हैंडल द्वारा 25 फरवरी को शेयर किया गया एक पोस्ट मिला, जो वायरल हो रहे तस्वीर की पुष्टि करता है।

(‘भारतीय संघ मुस्लिम लीग द्वारा 25 फरवरी , 2020 को शेयर किया गया ट्वीट)

Conclusion

मीडिया रिपोर्ट्स और ट्विटर पर बारीकी से पड़ताल करने पर हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर पुरानी है। साथ ही यह फोटो कश्मीर की नहीं बल्कि साल 2020 में दिल्ली में हुए CAA प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की है।

Result: Misplaced Context

Sources

English News Paper ‘REUTERS’-https://mobile.reuters.com/article/amp/idUSKCN20K2V8

ALJAZEERA News Paper- https://www.aljazeera.com/gallery/2020/2/24/in-pictures-anti-caa-sit-ins-attacked-in-indian-capital/

Twitter Handle: https://twitter.com/dansiddiqui/status/1232991243464036352

Twitter Handle: https://twitter.com/iumlofficial/status/1232216190593822722?t=dk9tikiUrCTqRHoSU7JsIQ&s=08

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