सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक पुलिसकर्मी को धमकी दी है। वीडियो में मुस्लिम टोपी पहने कुछ लोग एक पुलिसकर्मी को धमकी देते नज़र आ रहे हैं।
सुदर्शन न्यूज के पत्रकार ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “मुझसे वर्दी उतार के मिल ले… हालात यहां तक पहुँच चुके हैं…#DelhiRiots #जहांगीरपुरी।”
ट्वीट का आर्काइव लिंक।
वहीं, एक फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा. “मुझसे वर्दी उतार के मिल ले, हालात यहां तक हो चुके हैं।”
दरअसल, दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा के दौरान दो समूहों के बीच झड़प शुरू हो गई, जिसके बाद दोनों तरफ से पत्थरबाजी होने लगी थी। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में 9 लोग घायल हुए जिनमें से 8 पुलिसकर्मी भी हैं। इस घटना में फिलहाल कुल 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने एक पुलिसकर्मी को धमकी दी है।
Fact Check/Verification
क्या दिल्ली के जहांगीरपुरी में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने एक पुलिसकर्मी को धमकी दी है? दावे का सच जानने के लिए हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। हमें वीडियो में नज़र आ रहे पुलिसकर्मी की बांह पर एक बैज नज़र आया, जिस पर महाराष्ट्र पुलिस लिखा हुआ है।

इसके बाद हमने ‘महाराष्ट्र पुलिस धमकी’ कीवर्ड डालकर फेसबुक पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें फेसबुक पर सोपना जाधव नामक यूजर द्वारा 24 सितंबर, 2018 को अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “चोपडा (जलगाव, महाराष्ट्र ) बस स्टैंड पर की घटना है।” सोपान जाधव द्वारा अपलोड किये गए वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो दोनों एक ही हैं।
इस तरह स्पष्ट है कि यह वीडियो दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हालिया हिंसा का नहीं बल्कि चार साल पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।
Newschecker ने पड़ताल के दौरान महाराष्ट्र के जलगांव जिले के चोपडा (सिटी) पुलिस थाने में संपर्क किया। इस दौरान वहां पर तैनात संदीप राव पाटिल ने बताया, “सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो जलगांव जिले के चोपड़ा बस स्टैंड का है। वीडियो में नज़र आ रहे पुलिस कर्मी श्रीकांत गांगुर्डे हैं।” इसके बाद हमने संदीप राव पाटिल की मदद से श्रीकांत गांगुर्डे से संपर्क किया।
उन्होंने हमें बताया, “ये घटना सितंबर 2018 की है, तब मैं जलगांव के चोपडा (सिटी) थाने में बतौर हेड कॉसेंटबल पोस्टेड था। मैं उस वक्त चोपडा बस स्टैंड पर खड़ा था। वहां एक शख्स ने अपना वाहन पार्क किया था, जिससे वहां कई नागरिकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। मैंने उस शख्स को वहां से अपना वाहन हटाने को कहा, जिस पर वह नहीं माना और हमारे बीच बहस होने लगी। इस मामले में चार लोगों पर आईपीसी की धारा 353 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन इनमें से दो शख्स की साल भर पहले मौत हो चुकी है। ये वही दो शख्स हैं, जिन्हें आप वीडियो में मुझे सामने से आकर धमकी देते हुए देख सकते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया, “आप इस घटनाक्रम का पूरा वीडियो यूट्यूब पर ‘मिया भाई की डेयरिंग’ सर्च करके देख सकते हैं।”
इसके बाद हमने यूट्यूब पर ‘मिया भाई की डेयरिंग’ सर्च किया। हमें Aryans King नामक यूट्यूब चैनल द्वारा 7 अक्टूबर, 2018 को अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का अंश देखा जा सकता है।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा यह वीडियो, महाराष्ट्र के जलगांंव जिले का है और लगभग तीन साल पुराना है।
Our Sources
Facebook Video Uploaded on 24 September 2018
Direct Quote from Shrikant Gargunde
Youtube Video Uploaded on 7 October 2018
Result: False Context/False
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