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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि किसानों के खिलाफ रची गई सरकार की साजिश का पता चलते ही पुलिस अधिकारी का जमीर जाग गया और उन्होंने किसानों के समर्थन में नारे लगाये.
प्रदर्शनरत किसानों के आंदोलन के शुरूआती दौर से ही कई तरह की साजिशों का जिक्र सोशल मीडिया यूजर्स और कुछ मीडियाकर्मी लगातार करते आ रहे हैं. एक ऐसी ही साजिश का जिक्र करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा किया कि प्रदर्शनरत किसानों को रोकने के लिए जो पुलिसकर्मी तैनात किये गए थे जब उन्हें किसानों के खिलाफ सरकार की साजिश के बारे में पता चला तो उन्होंने किसानों के खिलाफ एक्शन लेने से मना करते हुए उनके समर्थन में नारे लगाना शुरू कर दिया. बात वायरल वीडियो की करें तो पता चलता है कि कुछ पुलिसकर्मी नारा लगा रहे हैं। मामला चूंकि पुलिस द्वारा सरकार के खिलाफ जाने का है इसलिए यह काफी संगीन हो जाता है, क्योंकि अगर सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने वाले पुलिसबल सरकार के किसी आदेश के खिलाफ जाते हैं तो इसे बगावत का नाम दिया जाता है.
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटा और गूगल रिवर्स किया। पर इस पूरी प्रक्रिया में हमें कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई.
फिर हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से ट्विटर एडवांस्ड सर्च फीचर का इस्तेमाल कर वीडियो के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने का प्रयास किया. इस दौरान हमने पाया कि पत्रकार आदित्य राज कौल ने वायरल वीडियो एक अलग एंगल या वायरल दावे के ठीक विपरीत एंगल के साथ शेयर किया है. आदित्य के मुताबिक़ पुलिसकर्मी तब “जय हिंद! जय जवान! जय किसान!” के नारे लगाने लगे जब कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस पर हमला करने वाले थे.
बता दें कि उक्त ट्वीट के जवाब में ट्विटर पर काफी मशहूर आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा ने उस आईपीएस अधिकारी का नाम बताया है जो पुलिसकर्मियों के इस दल का नेतृत्व कर रहे थे.
इसके बाद हमें अरुण बोथरा द्वारा आदित्य राज कौल के उक्त ट्वीट को कोट कर किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ। जिसमें उन्होंने नारेबाजी कर रहे पुलिसकर्मियों के इस दल का नेतृत्व कर रहे आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव को एक किसान का बेटा और अपना बैचमेट बताते हुए उनके धैर्य और संयम की सराहना की है.
बता दें कि आदित्य राज कौल के ट्वीट में किये गए दावे से कुछ कीवर्ड्स लेकर हमने गूगल सर्च किया। जहां हमें Times Of India में प्रकाशित एक लेख मिला। लेख में इस घटना का कुछ ऐसा ही विवरण दिया गया है जैसा कि आदित्य ने अपने ट्वीट में उल्लेखित किया है. बता दें कि कई यूजर्स ने इस वीडियो के स्थान को लेकर भी कई तरह का दावा किया है. ऐसे में हम उन यूजर्स को यह जानकारी देना चाहते हैं कि यह वीडियो दिल्ली के मुकरबा चौक का है.
इसके बाद हमें The Logical Indian के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड एक वीडियो भी प्राप्त हुआ जिसमे यह जानकारी दी गई है कि एक पुलिसकर्मी ने प्रस्तावित मार्ग का अनुसरण ना कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों से ‘जय जवान, जय किसान” नारे लगाकर यह अपील किया कि वे पुलिस और किसान संगठनों द्वारा साझा तौर पर प्रस्तावित रास्ते पर लौट जाएँ. बता दें कि The Logical Indian के मुताबिक़ भी यह घटना मुकरबा चौक पर घटित हुई थी.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. पुलिस अधिकारी ने किसानों के समर्थन में नारे नहीं लगाए बल्कि उन्होंने किसानों द्वारा प्रस्तावित मार्ग पर रैली ना निकाले जाने के बाद किसानों से प्रस्तावित मार्ग पर लौटने की अपील करते हुए ये नारे लगाये थे.
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