Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim
गलवान घाटी की सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में मारे गए 56 चीनी सैनिकों के नाम की सूची चीन सरकार ने जारी की।
जानिए वायरल दावा
सोशल मीडिया में एक चीनी भाषा के शीर्षक के साथ कुछ नामो की सूची का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करने वाले यूज़र्स का दावा है कि यह भारत और चीन की गलवान घाटी में हुए विवाद में मारे गए चीनी सैनिकों की सूची है जिसे चीन की सरकार ने जारी कर इसकी जानकारी दी गयी है।
Verification –
बीते कुछ दिनों में लद्दाख से सटी सीमा पर भारत और चीन के बीच तीखी नोक-झोंक की खबरें मीडिया पर आयी थीं लेकिन अभी हाल ही में चीन और भारत के बीच गलवान घाटी की सीमा पर हुए हिंसक विवाद में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर भी मीडिया पर प्रसारित हुई। सैनिकों की इस क़ुर्बानी पर भारत की जनता उनके प्रति शोक तथा चीनियों के प्रति आक्रोश व्यक्त कर रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर चीन और भारत के बीच हुए विवाद को लेकर अनेक भ्रामक खबरें वायरल हो रही हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर चीनी भाषा में कुछ नामों की सूची का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। दावा है कि यह सूची गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों की है।
List of 56 Chinese PLA thugs Barbarians dispatched to JANNAT TOUR AND TRAVELS.
— AJ (@amitabhjha) June 18, 2020
Save some tears for Chinese Mamus you @OfficialDGISPR PIMP pic.twitter.com/LfkoBwCT59
Indian military killed 56 chinese soldiers!!
— El Professor (@itisvenkat) June 18, 2020
Even this list is not much true.
The casualties will be more than 70.
Bcz of the worst Ruler 56 chinese soldiers has been killed.#RIP to the martyred Indian and Chinese soldiers.#Stopkilling#Indian #chinaindiaborder#ChinaMustPay pic.twitter.com/xVLNoMTK7Q
Chinese list of 56 soldiers killed. Msg at top read
— चौकीदार The Punisher (@ThePunisherApp) June 19, 2020
“We express our deepest condolences to our families and are firmly committed to protecting the sovereignty and integrity of our country”#HindiCheeniByeBye #BoycottChineseProduct #BoycottChina @ZeeNews @republic https://t.co/8cUiYBfxsC
ट्विटर पर वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान हमने सूची में दिए गए चीनी सैनिकों के नामों को क्रम अनुसार Google पर खोजना शुरू किया। सूची में दिया पहला नाम Google पर खोजने पर हमें पता चला कि Zhang Zongxun नाम के चीनी सैनिक की सितंबर साल 1998 को ही मृत्यु हो चुकी है।
Zhang Zongxun
इसी क्रम में हमने बारी-बारी से बाकी नामों को भी खोजना शुरू किया। इस दौरान दूसरे और तीसरे सैनिक के नाम को खोजने पर भी हमें पता चला कि Song Renqiong की मृत्यु साल 2005 में और Zhao Erlu की मृत्यु साल 1967 में हो चुकी है।
Song Renqiong
Zhao Erlu
इसके बाद हमने कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से Google पर खोजा। जहां हमें विकिपीडिया पर प्रकाशित लेख मिला। जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कई वर्ष पूर्व में मरने वाले अधिकतर सैनिकों की जानकारी प्रकाशित हुई। इस दौरान हमें वायरल सूची के सभी सैनिकों के नाम उपरोक्त प्राप्त लेख में छपे मिले।
इस दौरान हमने दोनों ही सूचियों में दिए गए नामों की तुलना करने पर पाया कि वायरल सूची में छपे लगभग सभी नाम विकिपीडिया के लेख में मौजूद हैं।
विकिपीडिआ पर प्रकाशित लेख के साथ ही हमें ट्विटर पर Global times के चीनी प्रकाशन के संपादक द्वारा किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जहाँ उन्होंने जानकारी दी है की चीन की सरकार ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मारे गए सैनिकों के नाम की सूची अभी जारी नहीं की है।
Chinese side didn’t release number of PLA casualties in clash with Indian soldiers. My understanding is the Chinese side doesn’t want people of the two countries to compare the casualties number so to avoid stoking public mood. This is goodwill from Beijing.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) June 16, 2020
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर यह पता चलता है कि वायरल हो रहे चीनी सैनिकों के नाम की सूची गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है। इनका गलवान घाटी में हुए हिंसक विवाद से कोई संबंध नहीं है।
Tools Used
Google search
Twitter Advanced Search
Result – False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.