Fact Check
सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच पकड़े गए युवक ने नहीं बांटे खालिस्तान के पर्चे, सोशल मीडिया में वायरल हुआ भ्रामक दावा
मौजूदा किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता कि एक युवक को किसान आंदोलन विरोधी गतिविधि के आरोप में पकड़ा गया है। दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति आंदोलन में खालिस्तानी पर्चे बाँटने के लिए भेजा गया है।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Fact check / Verification
नए कृषि कानून के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को महीने भर से ज्यादा समय हो गया है। लेकिन अभी तक सरकार और किसानों के बीच कोई बात नहीं बन पाई। इसी आंदोलन को लेकर दिन प्रतिदिन सोशल मीडिया पर तमाम तरह की खबरें वायरल होती रहती हैं। इन दिनों इंटरनेट पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक युवक को देखा जा सकता है जिसे आंदोलन के बीच से पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति आंदोलन में खालिस्तान के समर्थन में पर्चे बांट रहा था।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को InVid टूल की मदद से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। लेकिन इस दौरान हमें गूगल पर वीडियो से संबंधित कोई परिणाम प्राप्त नहीं हुआ।

इसके बाद हमने वीडियो को गौर से देखना शुरू किया। इस दौरान हमने पाया कि वीडियो में दिख रहा युवक मीडिया को बयान दे रहा है कि उसे आरएसएस द्वारा एक साल से ट्रेनिंग दी जा रही थी। ध्यान से देखने पर हमें वीडियो के एक कोने में On Air लिखा हुआ दिखाई पड़ा। जिसके बाद हमने OnAir के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजना शुरू किया।
जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने अपनी टीम के पंजाबी भाषा के सहयोगी शमिंदर की सहायता ली। इस दौरान हमने जाना कि On Air एक यूट्यूब न्यूज़ चैनल है जिसके संपादक सिमरनजोत सिंह मक्कर हैं। इसके बाद हमने एडिटर सिमरनजोत से फ़ोन पर सीधा संपर्क किया।
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि यह वीडियो सिंघु बॉर्डर का ही है और वीडियो में युवक से सवाल करने वाले रिपोर्टर वे खुद हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गए युवक ने यह स्वीकार किया कि उसे आरएसएस ने पैसे देकर भेजा है साथ ही यह युवक नए कृषि कानून के समर्थन में पर्चे बांट रहा था। संपादक सिमरनजोत ने बताया कि यह सत्य है कि यह युवक सिंघु बॉर्डर पर पर्चे बांट रहा था। लेकिन वह पर्चे किसी तरह से खालिस्तान समर्थित नहीं थे। साथ ही उन्होंने इस घटना का पूरा वीडियो अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया है।

इस वीडियो में युवक द्वारा किसान आंदोलन के बीच में बांटे जा रहे पर्चों को देखा सकता है।

वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि पकड़े गए युवक को इलाके की पुलिस के हवाले सही सलामत सौंप दिया गया।

Conclusion
वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि यह सत्य है कि युवक को सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन विरोधी गतिविधि में पकड़ा गया साथ ही उसने यह स्वीकार कि उसका आरएसएस से संबंध है। लेकिन यह सत्य नहीं है कि युवक ने आंदोलन के बीच में खालिस्तान समर्थित पर्चे बांटे।
Result- Misleading
Our Sources
https://soundcloud.com/shaminder-singh-mahi/conversation-with-simranjot
https://www.facebook.com/108655577755561/videos/230594721842041/
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