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Claim
डीएमके की सांसद कनिमोझी ने राम मंदिर के लिए भेजा 613 किलो का घंटा.
Fact
नहीं, वायरल दावा गलत है
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. प्रधानमंत्री मोदी दोपहर में मंदिर के गर्भगृह में अनुष्ठान शुरू करेंगे. इस समारोह में क़रीब 7 हजार मेहमानों को आमंत्रित किया गया है. इसी बीच जी न्यूज़ समेत अन्य मीडिया आउटलेट्स ने यह दावा किया है कि तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके की सांसद कनिमोझी के परिवारजनों ने राम मंदिर के लिए 613 किलो का घंटा भेजा है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह दावा गलत है. कनिमोझी के कार्यालय ने भी इसकी पुष्टि की है.
ज़ी न्यूज़ ने 29 दिसंबर 2023 को “राम मंदिर: एक तरफ सनातन संस्कृति को कोसती है DMK, दूसरी तरफ कनिमोझी की फैमिली ने भेजा 613 किलो का घंटा” हेडिंग के साथ खबर प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि “हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वाली पार्टी DMK की सांसद कनिमोझी के परिवारजनों ने 613 किलो का घंटा अयोध्या राम मंदिर के लिए तमिलनाडु के रामेश्वरम से भेजा है और इसपर उनका नाम भी लिखा हुआ है”.
मराठी न्यूज़ वेबसाइट लोकमत ने भी यह दावा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में किया है.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर 29 दिसंबर 2023 को प्रकाशित वीडियो रिपोर्ट मिली. यह वीडियो उसी घंटे को लेकर थी, जिसका जिक्र वायरल दावे में किया गया है.
वीडियो रिपोर्ट में बताया गया था कि यह घंटा राम मंदिर के लिए तमिलनाडु से भेजा गया है. हमें इस दौरान घंटे के ऊपर अंग्रेज़ी में लिखे कुछ नाम भी दिखाई दिए. घंटे के ऊपर पी कनिमोझी, पी लोकेश, महालक्ष्मी, कुमारन, वनगम अमरनाथ, वेंकटेश नागमणि भी लिखा है. इसके अलावा एसपीई ग्रुप टीएन भी लिखा हुआ है”. हालांकि रिपोर्ट में कहीं भी कनिमोझी का ज़िक्र नहीं किया गया है.
इसके अलावा हमें समाचार एजेंसी एएनआई के आधिकारिक X हैंडल से किया गया ट्वीट भी मिला. इस ट्वीट में भी उक्त घंटे वाला वीडियो मौजूद था. इस वीडियो में भी हमें घंटे के ऊपर वही सारे नाम लिखे दिखाई दिए, जिसका ज़िक्र ऊपर किया गया है.
इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए एसपीई ग्रुप के बारे में सर्च किया. तो हमें इसी ग्रुप से संबंधित कंपनी एसपीई गोल्ड की वेबसाइट मिली. वेबसाइट पर दिए गए कंपनी के डायरेक्टर्स के नामों में पी लोकेश का नाम मौजूद था, जो घंटे के ऊपर भी अंकित है. इसके अलावा तीन अन्य डायरेक्टर्स के नाम टी के एस पुगाज्हेंधी, पी सरवनन और पी कथिरावन बताए गए थे.
इसी दौरान हमें द हिंदू की वेबसाइट पर 21 सितंबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली. इस रिपोर्ट में उक्त घंटे की तस्वीर फ़ीचर इमेज के रूप में मौजूद थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि इस घंटे को लीगल राइट्स काउंसिल नाम के एक गैर सरकारी संगठन ने फंड किया है है.
जब हमने लीगल राइट्स काउंसिल की वेबसाइट को खंगाला तो पाया कि एसपीई ग्रुप के डायरेक्टर टी के एस पुगाज्हेंधी इस एनजीओ के केंद्रीय समिति के सदस्य हैं.
हमारी जांच में यह तो साफ़ हो गया था कि करीब 613 किलोग्राम का यह घंटा एसपीई ग्रुप से जुड़े व्यक्तियों की तरफ़ से तैयार किया गया है.
हमने अपनी जांच को पुख्ता करने के लिए एसपीई ग्रुप से भी संपर्क किया तो उनके निदेशक पी लोकेश ने बताया कि “यह घंटा उनके परिवार और कंपनी की तरफ़ से ही भेजा गया है. साथ ही इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि वह किसी भी तरह से डीएमके सांसद कनिमोझी से संबंधित नहीं हैं”.
हमने डीएमके सांसद कनिमोझी से भी संपर्क किया तो उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए साफ़ कहा कि “अयोध्या राम मंदिर के लिए उनके परिवार की तरफ़ से घंटा नहीं भेजा गया है”.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. क़रीब 613 किलो का यह घंटा डीएमके सांसद कनिमोझी के परिवारजनों की तरफ़ से नहीं भेजा गया है.
Result: False
Our Sources
Video report published by India Today on 29th Dec 2023
Video Tweeted by ANI on 28th Dec 2023
Telephonic Conversation with DMK MP Kanimozhi
Telephonic Conversation with SPE Group Director P Lokesh
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