Authors
Claim
अग्निपथ योजना में सरकार ने किया बदलाव।
Fact
सरकार द्वारा अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वायरल दस्तावेज़ फ़र्ज़ी है।
सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि नई मोदी सरकार द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को “फिर से शुरू” करने की घोषणा की गई है। दस्तावेज में आगे दावा किया गया है कि योजना में बदलाव की बढ़ती मांगों के बीच, “समीक्षा के बाद अग्निपथ योजना को सैनिक सम्मान योजना में बदल दिया गया है”
इस दस्तावेज में योजना में हुए कथित बदलावों का भी ब्यौरा दिया गया है, जैसे सेवा अवधि को चार वर्ष से बढ़ाकर सात वर्ष करना, प्रशिक्षण अवधि को 24 सप्ताह से बढ़ाकर 42 सप्ताह करना, मृतकों के परिवारों को पेंशन देना आदि।
अग्निपथ योजना में संशोधन दिखाने का दावा करने वाले दस्तावेज़ की तस्वीर एक्स और फेसबुक पर वायरल हो रही है। हालाँकि, न्यूज़चेकर ने पाया कि यह दावा फ़र्ज़ी है और केंद्र द्वारा अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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ज्ञात हो कि जून 2022 में भारतीय सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई थी। इसके तहत चयनित “अग्निवीर” चार साल की अवधि के लिए सेना बलों की सेवा करते हैं, और फिर उनमें से 25% तक को नियमित कैडर के रूप में भर्ती किया जाता है। इस फैसले पर देश में कई विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें सैन्य उम्मीदवारों ने अग्निपथ योजना को निरस्त करने की मांग की थी।
Fact Check/Verification
गूगल पर “अग्निपथ” और “सैनिक सम्मान/सम्मान योजना” कीवर्ड सर्च करने पर सरकार द्वारा इस योजना को पुनः शुरू करने के बारे में कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला। यहां भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली। मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अग्निपथ योजना में कथित बदलावों के बारे में कोई विज्ञप्ति/अधिसूचना नहीं थी।
वायरल दस्तावेज़ का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करने पर हमने पाया कि इसमें न तो कोई आधिकारिक लेटरहेड है, न ही किसी संबंधित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, दस्तावेज़ में कई व्याकरणिक और वर्तनी संबंधी त्रुटियाँ थीं। उदाहरण के लिए, योजना का नाम “Agnipath” ही गलत तरीके से “Aganipath” लिखा गया है। “permanent” शब्द को “parmanent”, “pension”को “pantion”, “Guaranteed” को “gurnted” और “ “lakhs” को “lacks” लिखा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि दस्तावेज़ प्रामाणिक नहीं है।
सरकार के पीआईबी फैक्ट चेक ने भी वायरल दस्तावेज़ को “फ़र्ज़ी” बताया है। 16 जून, 2024 को पीआईबी फैक्ट चेक द्वारा एक्स पोस्ट में बताया गया है कि “एक फ़र्ज़ी व्हाट्सएप संदेश में दावा किया गया है कि अग्निपथ योजना को कई बदलावों के साथ, समीक्षा के बाद ‘सैनिक सम्मान योजना’ के रूप में फिर से शुरू किया गया है, जिसमें ड्यूटी अवधि को 7 साल तक बढ़ाया जाना, 60% स्थायी कर्मचारी और बढ़ी हुई आय शामिल है। भारत सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।”
राजनीतिक दबाव के बीच फर्जी दस्तावेज वायरल
ज्ञात हो कि हाल ही में शपथ लेने वाली मोदी सरकार 3.0 में भाजपा की महत्वपूर्ण सहयोगी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू, कथित तौर पर चाहती है कि सरकार अग्निपथ योजना की समीक्षा करे। पार्टी नेता केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है, लेकिन वे चाहते हैं कि योजना की कमियों पर विस्तार से चर्चा की जाए। त्यागी ने द हिंदू से कहा, “अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं का एक वर्ग नाराज़ है। हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा की जाए और उन्हें दूर किया जाए।” हालांकि जेडीयू नेता ने तब स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी “राजनाथ सिंह द्वारा कई मौकों पर व्यक्त की गई लाइन के बिल्कुल अनुरूप थी कि कमियों को देखने और उन्हें दूर करने के लिए योजना की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।”
सशस्त्र बलों में भर्ती की समीक्षा के लिए जेडीयू के दबाव पर, भाजपा के एक अन्य सहयोगी चिराग पासवान ने कहा, “प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने कहा है कि मंच चर्चा के लिए खुला है। मेरा मानना है कि हमें अग्निवीर के माध्यम से जितना संभव हो सके उतना करना चाहिए, क्योंकि यह हमारे देश के युवाओं से जुड़ा मामला है। समीक्षा की जानी चाहिए लेकिन इन चीजों को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, सरकार का गठन हो रहा है और उसके बाद हम बैठकर इन चीजों पर चर्चा कर सकते हैं।”
इसके अलावा, हाल ही में एक इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित लेख में कहा गया है कि सशस्त्र बल अग्निपथ योजना में “संभावित बदलावों” पर चर्चा कर रहे हैं। “यह तीनों सेनाओं से मिले फीडबैक के बाद है – हाल ही में एक सर्वेक्षण किया गया था – जिसमें योजना के साथ कुछ मुद्दों को चिन्हित किया गया था… हालाँकि, इन बदलावों की औपचारिक सिफाऱिश अभी तक सरकार से नहीं की गयी हैं। ये ऐसे प्रस्ताव हैं जिन पर सशस्त्र बलों द्वारा अभी भी चर्चा की जा रही है।”
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Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि अग्निपथ योजना में किसी भी बदलाव की अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। अग्निपथ योजना को सैनिक सम्मान योजना के रूप में फिर से शुरू किये जाने के दावे के साथ वायरल दस्तावेज फ़र्ज़ी है।
Result: False
Sources
Official Website Of Ministry Of Defence
X Post By @PIBFactCheck, Dated June 16, 2024
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