Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि पंजाब में नेहा सूरी नाम की एक ड्रग इंस्पेक्टर की प्रतिबंधित नशीली दवाओं पर सख्ती करने को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई. वायरल पोस्ट में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार और सीएम भगवंत मान पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कहा गया है कि पंजाब में भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनते ही ड्रग इंस्पेक्टर डॉ नेहा सूरी की हत्या कर दी गई जो ड्रग माफियाओं और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करने वालो पर सख्त कार्रवाई कर रही थीं.
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक और ट्विटर पर यह पोस्ट काफी वायरल है. दरअसल, पंजाब में ड्रग्स की समस्या हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है. भगवंत मान ने सीएम बनने से पहले पंजाब में ड्रग्स सिंडिकेट खत्म करने को लेकर कई वादे किए थे. इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए सरकार की आलोचना की जा रही है.
Fact Check/Verification
वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसको लेकर 2019 की कई खबरें मिलीं. 4 अप्रैल 2019 को द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर ड्रग इंस्पेक्टर नेहा शौरी की है, जिनकी 29 मार्च 2019 को मोहाली के पास खरार स्थित उनके ऑफिस में हत्या कर दी गई थी.
यह बात यहीं स्पष्ट हो जाती है कि यह मामला साल 2019 का है, ना कि हाल-फिलहाल. उस समय पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह थे. भगवंत मान राज्य के मुख्यमंत्री इसी साल बने हैं.
क्या था नेहा शौरी का पूरा मामला?
खबरों के अनुसार, नेहा पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन में पदस्थ थीं. नेहा ने 2009 में बलविंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति की दवाइयों की दुकान पर रेड मारी थी. इस रेड में कई मादक पदार्थ पाए गए थे. इसके चलते नेहा ने बलविंदर का लाइसेंस रद्द कर दिया था. बलविंदर ने 2017 में अपने परिवार वालों के नाम पर दोबारा लाइसेंस पाने के लिए अर्जी दी. लेकिन नेहा ने इसे फिर रद्द कर दिया.
29 मार्च 2019 को बलविंदर, नेहा के ऑफिस पहुंचा और उन्हें गोली मार दी. बलविंदर ने घटनास्थल से भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उसे घेर लिया. इसके बाद बलविंदर ने खुद को भी गोली मार ली और उसकी मौत हो गई. कुछ खबरों में बताया गया था कि घटना के वक्त बलविंदर नशे की हालत में था. इस मामले पर पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में किसी ड्रग माफिया के मिले होने की बात सामने नहीं आई थी.
Conclusion
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह निकलता है कि ड्रग इंस्पेक्टर की हत्या की तीन साल पुरानी घटना को ताजा मामला बताकर भगवंत मान और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा जा रहा है. यह मामला पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले का है.
Result: False Context/False
Our Sources
Reports of The Times Of India and The Financial Express
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An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.