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Fact Check
व्हाट्सऐप ग्रुप्स में तथा सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों को लेकर चार नए नियम घोषित किये हैं ये मैसेज इस प्रकार है:
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों को लेकर चार नए नियम घोषित किये हैं, जिन्हे वर्तमान चुनावों के लिए प्रधान प्रत्याशियों को जरूर जानना चाहिए:
पूर्वोत्तर के राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर के चुनाव काफी मशहूर होते हैं और इनके घोषणा के बाद गांवों में सरगर्मी अमूमन बढ़ ही जाती है. उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होते हैं जिनमे ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर ब्लॉक प्रमुख तक का चुनाव शामिल है. उत्तर प्रदेश के गांवों में इन त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस वर्ष सूबे में ये चुनाव होने होते हैं उस वर्ष स्थानीय दुकानों या सामूहिक केंद्रों पर कृषि, रोजगार, अर्थव्यवस्था या राष्ट्रीय राजनीति से अधिक इन चुनावों की चर्चा होती है. इन चुनावों की सबसे खास बात यह होती है कि गांव या क्षेत्र का मतदाता अपने ही बीच से किसी को अपना प्रतिनिधि चुनता है ऐसे में जहां एक तरफ मतदाताओं की संख्या कम होने तथा चुनावी क्षेत्र का क्षेत्रफल कम होने की वजह से प्रत्याशियों को एक-एक मतदाता से व्यक्तिगत अपील करने का मौका मिलता है तो वहीं दूसरी तरफ मतदाताओं को भी अपने प्रत्याशी के बारे में जानने सुनने का पूरा अवसर प्राप्त होता है. शायद यही वजह है कि यूपी के देहातों में लोकसभा या विधानसभा से अधिक इन चुनावों की चर्चा होती है. बात अगर वायरल दावे की करें तो ये दावे ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशियों के लिए काफी मुश्किलें खड़ी करने वाले हैं. वायरल दावे में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियमों की घोषणा की है. नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए यह बताया गया है कि प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए अब 50,000 रूपए की जमानत राशि जमा करनी पड़ेगी जो कि 100 से कम वोट पाने वाले प्रत्याशियों को दुबारा नहीं मिल सकेगी. अन्य नियमों के बारे में बताया गया है कि 2 से ज्यादा संतान या मुक़दमे में निरुद्ध लोग चुनाव नहीं लड़ सकेंगे तथा अगर किसी प्रत्याशी को 100 से कम वोट मिलते हैं तो वह दुबारा चुनाव नहीं लड़ पायेगा. वायरल फॉरवर्ड को पढ़ने पर यह पता चलता है कि इसमें कई त्रुटियां हैं मसलन सिक्योरिटी को ‘सब्सिडी’ लिखना तथा ‘लड़’ को ‘लड’ लिखना.
यह दावा फेसबुक पर भी खासा वायरल हो रहा है जिसे यहां देखा जा सकता है.
वायरल फॉरवर्ड की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले हिंदी कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया जिसके बाद हमें यह पता चला कि कुछ पोर्टल्स ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है.
अब हमने वायरल दावे की पड़ताल के लिए उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला पर वहां हमें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली. बता दें कि उक्त वेबसाइट पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से संबंधित हालिया सूचना 15 सितंबर को जारी की गई है किन्तु उसमे वायरल दावे से संबंधित किसी भी बात का उल्लेख नहीं है. अन्य सूचनाओं में भी वायरल फॉरवर्ड से संबंधित किसी भी दावे की पुष्टि नहीं होती है.
इसके बाद वायरल फॉरवर्ड के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने राज्य निर्वाचन आयोग के आधिकारिक नंबर पर भी संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन नतीजा सिफर रहा. इसके बाद हमने स्थानीय अधिकारीयों से बातचीत की जहां हमें यह जानकारी दी गई कि राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से ऐसे किसी नियम के संबंध में कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की गई है तथा वायरल फॉरवर्ड फर्ज़ी है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान पद के चुनाव के लिए जिन नियमों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया बताया जा रहा है वे फर्जी हैं क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग ने इस तरह की कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की है.
Official Website of State Election Commission, Uttar Pradesh: https://sec.up.nic.in/site/
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Arjun Deodia
March 10, 2022
JP Tripathi
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