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मई से लेकर अगस्त के बीच, किसान आंदोलन (Farmers protest) से जुड़ी गतिविधियां धीमी हो गई थी। जिसकी वजह से ऐसा मामूल हो रहा था कि धीरे-धीरे ये आंदोलन थम जाएगा। लेकिन हरियाणा के करनाल में हुए लाठीचार्ज के बाद, किसान आंदोलन ने एक बार फिर से तेजी पकड़ ली है। बीते 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में किसानों का भारी हुजूम देखने को मिला। किसानों का दावा है कि इस महापंचायत में 5 लाख किसान शामिल होने के लिए पहुंचे थे। अब ये प्रदर्शन धीरे-धीरे देश के अलग-अलग राज्यों तक पहुंच रहा है। इसी बीच मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत से जुड़ी दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है।
पहला दावा –
तस्वीर में कुछ लोग बसों की छत पर किसान यूनियन का झंडा लेकर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। दावा है कि इस तरह देश के कोने-कोने से किसान मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं कि यह ₹500 वाली भीड़ नहीं है और ना शराब पीने वाले नशेड़ी हैं जो चुनावी भाषण सुनने के लिए लाए जाते हैं, ये अपने खुद का पैसा खर्च करके आए हैं और यह तस्वीर हिंदुस्तान के उन किसानों की है, जो करोड़ों हिंदुस्तानियों के लिए अनाज उगाता है।
Crowdtangle की सहायता से किए गए विश्लेषण के मुताबिक, वायरल तस्वीर को सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोगों ने शेयर किया है। ट्विटर पर @Jitesehra1998 की पोस्ट पर सबसे ज्यादा शेयर और लाइक हैं। लेख लिखे जाने तक इस पोस्ट पर 45 शेयर और 137 लाइक थे।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
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Fact Check/Verification
तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च करने पर हमें 20 सितंबर, 2020 को Deccan herald द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीर में दिख रही भीड़ अलग-अलग किसान संगठनों की है, जो कि पटियाला से केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करने जा रहे थे। News 18 ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था। किसानों की इस वायरल तस्वीर को न्यूज एजेंसी पीटीआई के एक फोटो जर्नलिस्ट ने खींंचा था।
मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत की नहीं है वायरल तस्वीर –
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान 20 सितंबर, 2020 को ABP News द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। बतौर रिपोर्ट, लोकसभा में तीनों कृषि विधेयक पास होने के बाद जब इसे राज्यसभा में पेश किया गया, तो पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान इस बिल का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। जिसकी वजह से घंटों तक यातायात बाधित रहा था। ये तस्वीर उसी दौरान की है। Outlook India ने भी इस तस्वीर को इसी जानकारी के साथ प्रकाशित किया था।
दूसरा दावा –
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में बहुत सारे लोग एक तिरंगा लेकर बैठे हुए हैं। दावा है कि ये नजारा मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत का है। जहां पर 5 लाख किसान इस महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस तस्वीर को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत का बताया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है। लेख लिखे जाने तक राहुल गांधी की पोस्ट पर 13.9K शेयर और 59.8K लाइक थे।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
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वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान 5 फरवरी 2021 को Tribune India द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, वायरल तस्वीर फरवरी में उत्तर प्रदेश के शामली जिले में आयोजित किसान महापंचायत की है। राष्ट्रीय लोक दल ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ इस महापंचायत का आयोजन किया था।
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, दोनों वायरल तस्वीरें मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत की नहीं हैं। पहली वायरल तस्वीर पिछले साल हुए किसान आंदोलन (Farmers protest) की है। जबकि दूसरी तस्वीर फरवरी में यूपी में हुई किसान महापंचायत की है। जिसे अब सोशल मीडिया यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
Result: Misleading
Claim Review: मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत की है ये वायरल तस्वीरें Claimed By: Viral social media post Fact Check: Misleading |
Read More: किसान आंदोलन से संबंधित नहीं है सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह तस्वीर
Our Sources
Deccanherald-https://www.deccanherald.com/national/explainer-why-farmers-across-india-are-protesting-the-farm-bills-890224.html
Outlook India –https://www.outlookindia.com/photos/photoessay/farmers-protest-in-haryana-punjab/2119?photo-239903
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