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Fact Check: ज्ञानवापी ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग रिपोर्ट का दावा करने वाला यह पोस्ट फर्जी है

Authors

An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

कार्बन डेटिंग रिपोर्ट के अनुसार, काशी विश्वनाथ शिवलिंग 8 हजार वर्ष पुराना है।

Fact

वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में है। इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद परिसर में कार्बन डेटिंग की इजाजत दी थी, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी। इसी बीच यह दावा वायरल हो रहा है।

दावे की सत्यता जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। हमें 21 जुलाई 2023 को ‘Economic Times’ की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसके अनुसार, वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ परिसर का सर्वे कराने का आदेश दे दिया है। जिसमें वजू टैंक को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एएसआई सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई है।

इसके अलावा, समाचार एजेंसी ‘ANI’ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 21 जुलाई 2023 को किया गया एक ट्वीट मिला। इसमें ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंद चतुर्वेदी का मीडिया को दिया गया बाइट है। इसमें उन्होंने बताया है, “जिला न्यायालय ने वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया है. अब एएसआई जांच करेगी कि ये स्ट्रचर का कितना पुराना स्वरूप है और बताएगी कि ये कितना पुराना है। ये मंदिर है या मस्जिद है। ये पूरी जांच करेगा।‘ उनसे कार्बन डेटिंग को लेकर भी सवाल किया गया जिसपर सुभाष चतुर्वेदी ने कहा कि ये मामला कार्बन डेटिंग का नहीं है, ये केवल वैज्ञानिक विधि से जांच करने का मामला है। इसके अलावा, हमें ऐसी कोई भी प्रमाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ‘शिवलिंग’ के कार्बन डेटिंग संपन्न होने की बात सामने आई हो।

पड़ताल के दौरान हमने ज्ञानवापी मस्जिद का रखरखाव करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन से संपर्क किया। उन्होंने दावे का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि परिसर में केवल सर्वे कराने की अनुमति दी गई है और इसकी रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है। 

इसके अलावा, हमने काशी विश्वनाथ मंदिर में सैकड़ों साल से पूजा-पाठ कराते आ रहे व्यास परिवार के शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास से भी संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “कार्बन डेटिंग की शुरुआत भी नहीं हुई है तो उसके रिपोर्ट आने की बात बेबुनियाद है।”

कुल मिलाकर, काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग की उम्र और कार्बन डेटिंग को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा शेयर किया गया है।

Result- False

Our Sources
ANI Tweet On 21 July, 2023
Telephonic Conversation With Syed Mohammad Yaseen, Joint Secretary, Anjuman Intezamia Masajid
Telephonic Conversation With Shailendra Kumar Pathak

 

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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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