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सोशल मीडिया पर बच्चों को पिंजरे में रखे जाने का एक वीडियो हालिया इसराइल-फिलिस्तीन संघर्ष से जोड़कर अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. कुछ यूज़र्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि हमास लड़ाकों ने इसराइली बच्चों को कैद कर लिया है, तो कुछ यूज़र्स का दावा है कि ये फ़िलिस्तीनी बच्चे हैं, जिन्हें इसराइल ने कैद किया है.
हमने अपनी इस रिपोर्ट में वीडियो के बारे में अधिक से अधिक जानकारी पता लगाने की कोशिश की है. हमने वीडियो की जांच में कई अन्य फैक्ट चेक आर्टिकल्स की भी मदद ली है.
दरअसल बीते 7 अक्टूबर को इसराइल (Israel) में चल रहे एक म्यूजिक फेस्टिवल पर बड़ा हमला हुआ था. इस हमले की ज़िम्मेदारी फ़िलिस्तीन (Palestine) के संगठन हमास ने ली, जिसे अमेरिका, इंग्लैंड समेत कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है. इस हमले में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. हमास के हमले के बाद इसराइल ने भी युद्ध का ऐलान कर दिया. इसराइल ने हमास के कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए. इस संघर्ष में अबतक हजारों इसराइली और फिलिस्तीनियों की मौत चुकी है.
इसी बीच सोशल मीडिया पर क़रीब 34 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में एक पिंजरे में कैद कुछ बच्चे दिखाई दे रहे हैं और साथ ही इस दौरान बैकग्राउंड से एक व्यक्ति के हंसने की आवाज़ भी सुनाई दे रही है. वीडियो में एक टिकटॉक अकाउंट का वाटरमार्क भी मौजूद है.
इस वीडियो को कई वेरिफाईड X अकाउंट ने इस दावे से शेयर किया है कि वीडियो में दिख रहे बच्चे इसराइली हैं, जिन्हें हमास लड़ाकों ने कैद कर लिया है.
वहीं, कुछ X यूज़र्स ने पिंजरे में मौजूद इन बच्चों को फ़िलिस्तीनी बताया है.
Verification
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो में दिख रहे टिक टॉक अकाउंट user6903068251281 को खंगाला. हमने भारत में टिक टॉक बैन होने के कारण वीपीएन की मदद से अकाउंट को खोजा, लेकिन हमें इस अकाउंट पर वायरल वीडियो नहीं मिला.
इसके बाद, हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से ट्विटर सर्च किया. हमें हिब्रू फैक्ट चेक संस्था फेक रिपोर्टर द्वारा 8 अक्टूबर, 2023 को किया गया ट्वीट मिला. इस ट्वीट में उन्होंने वायरल वीडियो वाले दृश्य साझा करते हुए बताया है कि यह वीडियो टिक टॉक अकाउंट user6903068251281 से ट्वीट किए जाने से चार दिन पहले यानी 4 अक्टूबर को पोस्ट किया गया था.
चूंकि, इसराइल-फिलीस्तीन संघर्ष की शुरुआत ही 7 अक्टूबर से हुई है. इसलिए मामला संदिग्ध लगने पर हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाया. हमें इस दौरान स्पैनिश फैक्ट चेकिंग आउटलेट Maldita.es की वेबसाइट पर 9 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट में उन्होंने उसी टिकटॉक अकाउंट से 8 अक्टूबर, 2023 को अपलोड किए गए एक अन्य वीडियो का कैच वर्जन शामिल किया है. इस वीडियो में कुछ बच्चे एक जगह पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं, और इसमें वायरल वीडियो वाला एक बच्चा भी मौजूद है. इस वीडियो के साथ टिक टॉक पर मौजूद अरबी कैप्शन में लिखा हुआ है कि चीनी लोगों के पास कोई हल नहीं है.
पड़ताल के दौरान हमें उक्त टिक टॉक अकाउंट से 8 अक्टूबर 2023 को पोस्ट किया गया एक अन्य वीडियो भी मिला. इस वीडियो में अकाउंट के ओनर ने वायरल वीडियो को लेकर किए गए सवाल ‘क्या ये बच्चे यहूदी हैं’? तो उसने दावा किया कि “ये बच्चे मेरे परिचित हैं. सभी बच्चे फिलिस्तीनी हैं ना कि यहूदी”.
हमने अपनी जांच के दौरान उक्त टिक टॉक यूजर से भी संपर्क करने की कोशिश की है, उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वीडियो में मौजूद ऑडियो का पता लगाया.
इसके लिए हमने हिब्रू फैक्ट चेक संस्था फेक रिपोर्टर द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में दिख रही ऑडियो पट्टी में अरबी भाषा में लिखे टेक्स्ट को कॉपी किया.
टेक्स्ट कॉपी करके जब हमने उसे टिकटॉक पर सर्च किया तो पाया कि यह ऑडियो काफ़ी समय से इंटरनेट पर मौजूद है.
Conclusion
Newschecker लगातार इन अपडेट्स पर नज़र बनाए हुए है और अधिक जानकारी उपलब्ध होते ही इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा. हम अपने रीडर्स से आग्रह करते हैं कि वे इस तरह के वायरल दावों पर विश्वास न करें, क्योंकि वीडियो के लोकेशन और इसे शूट करने की तारीख के बारे में कोई सत्यापित सूचना मौजूद नहीं है.
Our Sources
Fake Reporter X account: Tweet on 8th October 2023
Maldita Fact Check: Article Published on 9th October 2023
user6903068251281 Tik Tok Account: Video Shared on 8th October 2023
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