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Fact Check
कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो चुके हैं। इसी के साथ किसानों ने आंदोलन को एक बार फिर से तेज कर दिया है। आंदोलन में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में किसान पानीपत से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं। दरअसल कुछ समय पहले किसान नेता गुरमान सिंह चढूनी ने दिल्ली चलो का आह्रान किया था। जिसके बाद हजारों कि संख्या में किसान पानीपत के टोल प्लाजा पर दिल्ली जाने के लिए एकत्र हुए।
आंदोलन को लेकर किसान नेता गुरमान सिंह चढूनी का कहना है, “ये कृषि कानून नहीं, बल्कि व्यापारी कानून है। इन कानूनों से केवल पूंजीपतियों को ही फायदा पहुंचने वाला है। यही कारण है कि सरकार हमें 11 बार मीटिंग के बाद भी कृषि कानूनों से होने वाले लाभों के बारे में नहीं बता पाई है। हम लोग रूकने वाले नहीं हैं।” इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए हजारों की संख्या में किसान हरियाणा के जींद शहर पहुंचे हैं।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 22 सितंबर 2020 को भारत की संसद ने कृषि संबंधी तीन विधेयकों को पारित किया था। जिसके बाद 27 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इन विधेयकों को मंजूरी दे दी गई थी। लेकिन किसानों के मुताबिक, तीनों कृषि कानूनों से किसानों का नुकसान और पूंजीपतियों का फायदा होगा। इसलिए इन तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान टिकरी बॉर्डर सहित कई अन्य जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
हमारे द्वारा Crowd tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चला कि किसानों की भारी भीड़ की वायरल तस्वीर को सैकड़ों सोशल मीडिया यूज़र्स ने शेयर किया है।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स के जरिए हमने गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक पोस्ट JAT Hostel PALI नामक फेसबुक अकाउंट पर मिली। जिसे 5 सितंबर 2017 को पोस्ट किया गया था। पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक ये तस्वीर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ प्रदेश में हुए एक प्रदर्शन के दौरान की है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने कुछ कीवर्ड्स के जरिए गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट Thelogicalindian की वेबसाइट पर मिली। जिसे 13 सितबर 2017 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में गुस्साए किसानों ने अपनी कुछ मांगों को लेकर, बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ राजस्थान के सीकर शहर में प्रदर्शन किया था। किसानों की मांग थी कि उनके सम्पूर्ण कर्जे को माफ किया जाए, उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए और पशुओं को बेचने पर लगाई गई पाबंदी को वापस लिया जाए।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट पत्रिका के यूट्यूब चैनल पर मिली। जिसे 4 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, किसानों ने अखिल भारतीय किसान मोर्चा के साथ मिलकर राजस्थान के सीकर शहर में ये प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान कई बीजेपी नेताओं के पुतले भी जलाए गए थे।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, किसानों की भारी भीड़ की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर हालिया किसान आंदोलन की नहीं है, बल्कि वायरल तस्वीर साल 2017 में राजस्थान में हुए एक किसान आंदोलन की है। जिसका हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
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Claim Review: हरियाणा के जींद में एकत्र हुई किसानों की भारी भीड़। Claimed By: Lovely Kaur Fact Check: False |
The Logical India –https://thelogicalindian.com/exclusive/sikar-farmers-protests/
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Youtube –https://www.youtube.com/watch?v=qeDNJrucP2M
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