Authors
Claim
किसान आंदोलन में निहंग सिखों ने की बुजुर्ग व्यक्ति से मारपीट.
Fact
नहीं, यह वीडियो हालिया किसान आंदोलन का नहीं है.
बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट करते निहंग सिखों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में लगी दिवंगत दीप सिद्धू की तस्वीर पर एतराज जताने पर निहंग सिखों ने एक बुजुर्ग व्यक्ति को पीट दिया.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो हरियाणा-पंजाब सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन का नहीं, बल्कि चंडीगढ़-मोहाली सरहद पर चल रहे बंदी सिख रिहाई मोर्चे का है.
वायरल वीडियो क़रीब 55 सेकेंड का है. इसमें कुछ निहंग सिख एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं. वीडियो में बुजुर्ग व्यक्ति दीप सिद्धू का ज़िक्र करता भी नज़र आ रहा है. निहंग सिख द्वारा मारपीट किए जाने के दौरान बुजुर्ग व्यक्ति की दस्तार नीचे गिरती हुई भी दिखाई दे रही है.
वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक लंबे कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है, “बुजुर्ग सिख ने इन निहंगों से बस इतना पूछ लिया था कि जब यह किसानों का आंदोलन है तो आप यहां दीप सिंह संधू के फोटो लेकर क्यों घूम रहे हो इतनी सी बात पर निहंगों ने बुजुर्ग सिख को बुरी तरह से पीटना शुरू किया उन्हें सड़कों पर घसीट घसीट कर मारा उनकी दस्तार और पगड़ी उठाकर फेंक दी.”
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा और सुना. इस दौरान हमें शुरुआत में ही “बंदी सिंह मोर्चा” सुनाई दिया. इसके अलावा, हमें वीडियो में browse daily tv का लोगो भी दिखाई दिया.
अब हमने browse daily tv के फ़ेसबुक पेज पर इस वीडियो को खोजना शुरू किया. इस प्रक्रिया में हमें 19 दिसंबर 2023 को अपलोड की गई वीडियो रिपोर्ट मिली. इस वीडियो रिपोर्ट के शुरूआती हिस्से में ही वायरल वीडियो मौजूद है.
क़रीब 4 मिनट लंबे इस वीडियो को देखने पर हमने पाया कि चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर लगे बंदी सिंह मोर्चे पर 2020-21 में चले किसान आंदोलन में सक्रिय दिवंगत दीप सिद्धू की तस्वीर लगी थी. उसी दौरान वहां से गुजर से एक बुजुर्ग ऑटो चालक ने इसपर आपत्ति जताई, तो उनके साथ बहस कर रहे निहंग सिखों ने बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी. इस मारपीट में बुजुर्ग की दस्तार भी नीचे गिर गई थी. हालांकि, बाद में वहां मौजूद अन्य निहंगों ने बीच बचाव करने की भी कोशिश की थी.
जांच के दौरान हमें इसी चैनल से अपलोड किया गया एक और वीडियो मिला, जिसमें बुर्जुग के साथ मारपीट करने वाले उस निहंग सिख ने अपना पक्ष रखा था. निहंग सिख ने वीडियो में कहा था कि शहीद सिखों के बारे में गलत बोलने की वजह से यह लड़ाई हुई थी.
इसके बाद हमने इस घटना को कवर करने वाले browse daily tv के पत्रकार करण हांडा से भी संपर्क किया. उन्होंने बताया कि यह वीडियो 18 दिसंबर 2023 का बंदी सिख मोर्चे के दौरान का है. दरअसल मोर्चे से गुजर कर रहे एक सिख बुजुर्ग ऑटो चालक ने दीप सिद्धू की तस्वीर पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद यह पूरा विवाद हुआ था.
क्या है बंदी सिख रिहाई मोर्चा?
7 जनवरी 2023 से चंडीगढ़-मोहाली सरहद यह मोर्चा लगा हुआ है, जिसकी अगुवाई कौमी इंसाफ मोर्चा से जुड़े लोग कर रहे हैं. यह मोर्चा जेल में बंद उन बंदी सिखों की रिहाई की मांग कर रहा है जो अपनी सजा पूरी करने के बाद भी जेलों में बंद है. इनमें टाडा एक्ट के तहत बंद जगतार सिंह हवारा, लखविंदर सिंह लक्खा, गुरमीत सिंह, शमशेर सिंह, परमजीत सिंह ब्योरा, प्रोफेसर देविंदर पाल सिंह भुल्लर, बलवंत सिंह राजोआना समेत कई अन्य सिख बंदी शामिल हैं.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो हालिया किसान आंदोलन का नहीं, बल्कि चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर चल रहे बंदी सिख रिहाई मोर्चे का है.
Result: False
Our Sources
Video uploaded by browse daily tv on 19th dec 2023
Telephonic conversation with journalist karan handa
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