Authors
Claim- तस्वीरों के इस कोलाज को हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
Fact- यह तस्वीरें हरियाणा में हुई हालिया हिंसा की नहीं हैं।
हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को धार्मिक यात्रा निकाले जाने के दौरान दो समुदायों के बीच टकराव हुआ। इस दौरान दो दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। इसी बीच सोशल मीडिया पर इस हिंसा से जोड़ते हुए तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया जा रहा है।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने कोलाज में मौजूद तस्वीरों को एक-एक कर गूगल रिवर्स सर्च किया।
पहली तस्वीर-
इस तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें ‘News18’ की वेबसाइट पर 22 दिसंबर 2019 को प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली। इसमें यह तस्वीर मौजूद है। रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर यूपी के कानपुर की है। इसमें बताया गया है कि यह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान की है। फोटो का क्रेडिट न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिया गया है।
इसके अलावा, हमें यह तस्वीर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ द्वारा 22 दिसंबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी मिली।
इससे साफ है कि तस्वीर करीब चार साल पुरानी है और इसका हरियाणा में हुई हालिया हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है।
दूसरी तस्वीर–
तस्वीर को हमने Tineye पर रिवर्स सर्च किया। हमें ‘The Daily Star‘ की वेबसाइट पर साल 2013 में प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसमें भी यह तस्वीर मिली, जिसका क्रेडिट AFP को दिया गया है। इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, यह नोएडा में ट्रेन यूनियन द्वारा भारत बंद बुलाए जाने के दौरान हुई हिंसा की तस्वीर है।
इसके अलावा, यह तस्वीर हमें ‘एनडीटीवी‘ की वेबसाइट पर साल 2013 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी मिली। इससे स्पष्ट है कि यह तस्वीर भी हालिया घटना की नहीं, बल्कि इंटरनेट पर 10 साल पहले से मौजूद है।
तीसरी तस्वीर-
तीसरी तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स सर्च किया। हमें ‘The Statesman‘ की वेबसाइट पर दिसंबर 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर यूपी के कानपुर की है, जहां नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस लोगों को खदेड़ रही है।
इसके अलावा, यह तस्वीर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया‘ और ‘इंडिया टाइम्स‘ समेत कई मीडिया वेबसाइट द्वारा दिसंबर 2019 में प्रकाशित की गई थी।
इससे पता चलता है कि वायरल तस्वीर करीब चार साल पहले से इंटरनेट पर मौजूद है और इसका हरियाणा के मेवात में हुई हालिया हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
यह भी पढ़ें: एक मुस्लिम व्यक्ति को किन्नरों ने छेड़छाड़ करने पर सिखाया सबक? जानें इस वायरल वीडियो का सच
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तस्वीरों का यह कोलाज हरियाणा के नूह में हुई हालिया हिंसा का नहीं है। सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा शेयर किया जा रहा है।
Result: Missing Context
Our Sources
Report Published at News 18 on Decmber 2019
Report Published at The Daily Star on April 2013
Report Published at The Statesman on December 2019
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in