After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim– दो हिंदू महिलाओं ने बुर्का पहनकर CAA, NRC और NPR के विरोध में आंदोलन कर रही महिलाओं की भीड़ में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
Verification–
ट्विटर पर Shakeel Ahmad नामक हैंडल से एक वीडियो शेयर की गई है। इस वीडियो को लेकर ट्विट में लिखा है कि- एक का नाम पूजा है और दूसरी का मानसी, और आरोप है कि यह दोनो नक़ाब (बुर्क़ा)पहन कर लखनऊ मे घंटा घर के पास CAA, NRC और NPR के विरुद्ध धरने पर बैठी महिलाओं की भीड़ मे पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगा रही थीं। बहुसंख्यकों को मूर्ख बनाने के लिए मुसलमानो को बदनाम करना ठीक नहीं है।
हमने इस ट्विट को लेकर पड़ताल शुरू की तो यही वीडियो इसी दावे के साथ फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा शेयर किए जाने की जानकारी सामने आई।
हमनें कुछ कीवर्ड्स की मदद से लखनऊ में सीएए विरोधी आंदोलन की जानकारी लेने की कोशिश की तो हमें इसको लेकर कई खबरें इटरनेट पर देखने को मिली।
हमें इन खबरों में कहीं पर भी सीएए विरोधी आंदोलन में हिंदू महिलाओं ने बुर्का पहन पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का उल्लेख नहीं मिला। इसलिए हमने वायरल वीडियो कहां का और कब का है इस बारे में पता लगाने की कोशिश की। इसके लिए रिवर्स इमेज की सहायता ली। हमें यूट्यूब पर धाकड़ न्यूज चैनल की खबर का करीब तीन साल पहले अपलोड किया गया वीडियो मिला जो हाल में सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस खबर में बताया कि उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में दो हिंदू महिलाएं बुर्का पहनकर वोटिंग के लिए जा रही तभी मतदान केंद्र पर मौजूद अधिकारियों को शक हुआ और उन्होंने गहराई से पूछताछ करने पर दोनों अपना असली नाम बताया दिया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
यह खबर उस समय
पत्रिका समाचार पत्र की वेबसाइट पर भी प्रकाशित हुई थी। इस खबर के अनुसार यह मामला कटरानगर पंचायत का है। स्थानिय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग के दिन महिलाओं की लंबी लाइन लगी थी उसमे बुर्का पहनी दो महिलाएं भी थी लेकिन वहां पर मौजूद अधिकारी को संदेह हुआ तो उनकी चेकिंग की। उनके वोटर कार्ड उनके चेहरे मेल नहीं खाते थे इसलिए पुलिस ने उन दोनों से कड़ी पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह हिंदू है। दोनो युवतियां अविवाहित थीं, किसी दूसरी मुस्लिम महिलाओं के नाम पर वोट डालने आई थी।
इससे स्पष्ट होता है कि लखनऊ में हिंदू महिलाओं ने सीएए विरोधी आंदोलन में बुर्क़ा पहनकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए। सोशल मीडिया में तीन साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Sources–
Google Search
Facebook Search
Twitter Advanced Search
Result- False
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.