क्लेम
गृहमंत्री अमित शाह को गले के पिछले हिस्से में बोन कैंसर हो गया है और वह मुसलमानों से दुआ करने के लिए कह रहे हैं। जब इन को सत्तमिली तो यह अपने आप को खुदा समझने लगे डिटेंशन सेंटर में जो लोग हैं उनकी बद्दुआ ऊपर वाला कभी रद्द नहीं करेगा जरूर कबूल करेगा।
कोरोना संकट के बीच देश के गृहमंत्री अमित शाह को लेकर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है। अमित शाह के ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट इस आशय के साथ वायरल हो रही है कि उन्हें कैंसर हो गया है। पोस्ट में अमित शाह द्वारा रमजान के महीने में मुसलमान भाइयों से भी अपील की गई है कि वे भी उनके लिए दुआ करें। पोस्ट में लिखा है कि ” मैं अभी अस्वस्थ होने की वजह से देश सेवा नहीं कर पा रहा हूँ। मेरी किसी जाति या धर्म विशेष के किसी व्यक्ति से कोई दुश्मनी नहीं है।

फैक्ट चेक:
क्या सच में देश के गृहमंत्री अमित शाह को बोन कैंसर हो गया है इसकी पड़ताल आरम्भ की। कुछ कीवर्ड्स के सहारे गूगल खंगालने पर पता चला कि सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर वायरल दावा तेजी से शेयर किया जा रहा है।
कुछ अन्य कीवर्ड्स के माध्यम से मीडिया रिपोर्ट्स खंगालने की कोशिश की तो ख़बरों के लिंक खुलकर सामने आये।

कुछ यूट्यूब चैनल्स ने भी अमित शाह के कैंसर वाली खबर को अपलोड किया है। खोज के दौरान हमें कहीं भी कोई ऐसी ऑथेंटिक मीडिया रिपोर्ट नजर नहीं आयी जिससे पता चलता कि अमित शाह को कैंसर हो गया है। अमित शाह के ट्विटर हैंडल को बारीकी से खंगालने के बाद कहीं भी ऐसा कोई ट्वीट नजर नहीं आया जैसा सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल ट्वीट को ध्यान से देखने पर हमें उसमें कई खामियां नज़र आयी।

दोनों ट्वीट पोस्ट में कई अंतर देखे जा सकते हैं। मसलन वायरल ट्वीट की डिजाइन में गलती के साथ ही ओरिजिनल पोस्ट में तस्वीर के नीचे सारे शब्द लिखे गए हैं। वायरल पोस्ट में तस्वीर की बायीं तरफ नीचे कई लाइनें लिखी गई हैं जो असली ट्वीट पोस्ट में कहीं भी नज़र नहीं आती। दूसरी तरफ ट्वीट में वर्तनी की गलतियां भी हैं जो अमूमन देश के गृहमंत्री के हैंडल पर नहीं देखी जाती। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि ट्विटर पर लिखे जाने वाले शब्दों की संख्या सीमित होती है। लेकिन वायरल ट्वीट में लिखे कुल शब्दों को अगर किसी हैंडल से ट्वीट किया जाए तो कुल 425 से ज्यादा शब्दों की जरुरत पड़ेगी जो ट्विटर द्वारा किसी भी हैंडल को दिए जाने वाले शब्दों की छूट से कहीं ज्यादा है। ट्विटर अपने हर यूजर को एक पोस्ट करने के लिए 280 शब्दों की अधिकतम सीमा निर्धारित करता है। ट्विटर का यह रूल दुनिया के आम-ख़ास लोगों के लिए एक ही है। करीब 3 साल पहले ट्विटर पर एक ट्वीट पोस्ट के लिए शब्दों की कुल सीमा 140 करेक्टर थी जिसे बढ़ाकर 280 कर दिया गया था। शब्दों की सीमा को देखकर ही पता चलता है कि वायरल ट्वीट फ़र्ज़ी है।
ट्विटर ने बढ़ाई शब्दों की सीमा, अब 280 कैरेक्टर्स में करें ट्वीट
ट्विटर अपने यूजर्स के लिए 140 शब्दों में अपनी बात कहने की सीमा को खत्म करते हुए कैरेक्टर की सीमा दोगुनी यानी 280 कर दिया है. बहरहाल, चीनी, जापानी और कोरियाई भाषा में लिखने वाले लोगों के लिए अक्षरों की सीमा अभी भी 140 ही रहेगी क्योंकि इन भाषाओं में लिखने के लिए बेहद कम कैरेक्टर की जरूरत होती है. यदि देश के गृहमंत्री अमित शाह को कैंसर जैसी बीमारी हुई होती तो यह देश की मेन स्ट्रीम मीडिया की हेडलाइन बनती। इसके अलावा उनके ट्विट्टर हैंडल पर भी इस तरह की कोई बात नहीं पोस्ट की गई है जिससे पता चले कि उन्हें कैंसर जैसी कोई बीमारी भी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स को पढ़ने के साथ ही वायरल ट्वीट का बारीकी से अध्ययन करने पर यह साफ़ हो गया कि सोशल मीडिया में गृहमंत्री को लेकर जो दावा किया जा रहा है वह फेक है।
अपडेट– सोशल मीडिया में गृहमंत्री अमित शाह को लेकर वायरल हो रहे फर्जी ट्वीट का उन्होंने ट्वीट के माध्यम से ही जवाब दिया है। एक पोस्ट को टैग करते हुए शाह ने लिखा है कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं उन्हें किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं है।
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