Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Fact Check
सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि अयोध्या में सड़क सौंदर्यीकरण के दौरान जमीन के अंदर ढका हुआ 5000 साल पुराना मंदिर प्राप्त हुआ है। दावा किया गया है कि वहां के निवासियों ने इस पर घर बना लिया था। तस्वीर के साथ यह भी कहा जा रहा है कि भविष्य में अभी ऐसे कई मंदिर देखने को मिल सकते हैं।
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाये जाने सम्बन्धी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के एक बड़े विवाद का पटाक्षेप हो गया। देश में हिन्दू-मुस्लिम तबके के बीच सदियों से चले आ रहे मंदिर-मस्जिद विवाद में जहां कई बार हिंसक झड़पें हुई तो वहीँ कई बार आपसी सौहार्द से भी इसका हल निकालने की कवायद की गई। लेकिन इसका हल कानूनी रूप से ही निकला। अब जब वहां मंदिर के लिए भूमिपूजन किया जा चुका है और जल्द इसका निर्माण शुरू होने वाला है तब एक तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि जमीन के अंदर सड़क निर्माण किए जाने के दौरान हजारों साल पुराना मंदिर पाया गया है।
तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि भविष्य में भी इस तरह के कई मंदिर खुदाई में मिल सकते हैं। तस्वीर के साथ कहा जा रहा है कि अब प्राप्त मंदिर का सौन्दर्यकरण शुरू हो चुका है। वायरल दावे का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
अयोध्या में सड़क निर्माण के वक्त हालिया दिनों में जमीन के अंदर हजारों साल पुराने मंदिर का प्राप्त होना और उसका सौंदर्यीकरण शुरू किया जाना, जैसे वायरल दावे का सच जानने के लिए पड़ताल शुरू की। वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स करने पर हमें कई सोशल मीडिया लिंक्स मिले। प्राप्त लिंक्स में तस्वीर को कई महीने पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बताया गया है।
कट्टर हिन्दू सेना नामक फेसबुक पेज पर वायरल तस्वीर को जून महीने में पोस्ट करते हुए इसे यूपी के बनारस का मंदिर बताया गया है।
पड़ताल के दौरान ज़ी न्यूज़ द्वारा अप्रैल साल 2020 में प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को प्रकाशित करते हुए बताया गया है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद फिर से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का कार्य आरम्भ चुका है।
अमर उजाला द्वारा प्रकाशित खबर में भी वायरल तस्वीर को अपलोड किया गया है। रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का बताया गया है।
वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए हमने अयोध्या के कई आला अधिकारियों से भी दूरभाष पर संपर्क किया। इस दौरान पता चला कि इस तरह का कोई भी मंदिर अयोध्या में नहीं मिला है। तस्वीर की तस्दीक के लिए हमने अयोध्या के कई स्थानीय पत्रकारों से भी संपर्क किया। लेकिन वे भी इस खबर से पूरी तरह से अनजान थे। कई पत्रकारों सहित स्थानीय नागरिकों ने साफ़ किया कि इस तरह का कोई भी मंदिर अयोध्या में नहीं पाया गया है।
हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर वायरल मंदिर की तस्वीर बनारस स्थित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की है। इस तस्वीर का अयोध्या के किसी भी मंदिर से कोई सम्बन्ध नहीं है।
Result- Misleading
Sources
Amar Ujala- https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/varanasi/construction-work-of-kashi-vishishwanath-dham-corridor-will-be-laid-from-january-15
Zee News- https://zeenews.india.com/hindi/india/up-uttarakhand/construction-of-kashi-vishwanath-corridor-resumed-after-approval-of-yogi-government/672288