सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर भारतीय संविधान के आर्टिकल 30 को लेकर दावा किया जा रहा है। वायरल पोस्ट के मुताबिक संविधान का आर्टिकल 30 मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाने की इजाजत देता है, लेकिन आर्टिकल 30(A) गुरुकुलों में वेद, गीता पढ़ाने की अनुमति नहीं देता।
एक फेसबुक यूजर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “हिन्दू हिन्दुस्तान में ही पीड़ित है…कहां जाए हम बताओ?”
फेसबुक पोस्ट
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दरअसल, भारतीय संविधान के अनुच्छेदों को संशोधित करने के संबंध में चर्चाएं उठती रही हैं। कई बार लोग अपनी राजनीतिक सुविधानुसार भी अनुच्छेद के संशोधन की मांग करते रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने 28 मई, 2020 को एक ट्वीट कर आर्टिकल 30 के औचित्य पर सवाल उठा दिया जिससे देश में नयी बहस छिड़ गई।
विजयवर्गीय ने ट्वीट कर लिखा, “देश में संवैधानिक समानता के अधिकार को ‘आर्टिकल 30’ सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा रहा है। ये अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धर्म शिक्षा की इजाजत देता है, जो दूसरे धर्मों को नहीं मिलती। जब हमारा देश धर्मनिरपेक्षता का पक्षधर है, तो ‘आर्टिकल 30’ की क्या जरुरत!”
इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के के मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा, “देश-दुनिया में कोरोना के कारण इंसान,इंसानियत खतरे में है, ऐसे में भाजपा का ‘आर्टिकल 30’ हटाने का प्रायोजित खेल!! ‘नफ़रत के वायरस’ कथित हिंदूवादियों की अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफ़रत फ़ैलाने की कोशिश है यह! मोदी सरकार ‘आर्टिकल 30’ हटाने का माहौल बना रही है और यह इसकी शुरुआत है!”
इन दोनों नेताओं के बयान के अलावा सोशल मीडिया पर समय-समय पर आर्टिकल 30 को लेकर दावे शेयर किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में दावा किया गया है कि भारतीय संविधान का आर्टिकल 30 मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाने की इजाजत देता है जबकि आर्टिकल 30(A) गुरुकुलों में वेद, गीता पढ़ाने की अनुमति नहीं देता।
Fact Check / Verification
क्या भारतीय संविधान का आर्टिकल 30 मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाने की इजाजत देता है जबकि आर्टिकल 30(A) गुरुकुलों में वेद, गीता पढ़ाने की अनुमति नहीं देता? इस दावे की पड़ताल के लिए हमने आर्टिकल 30 और आर्टिकल 30 (A) के बारे में सर्च करना शुरू किया। इसके लिए हमने भारतीय संविधान की मदद ली जिसे आप विधि एवं न्याय मंत्रालय की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि आर्टिकल 30 (A) जैसा कोई अनुच्छेद भारतीय संविधान में नहीं है। केवल अनुच्छेद 30 है जो शिक्षा में अल्पसंख्यकों को दिए गए आरक्षण से संबंधित है। साथ ही अनुच्छेद 30 की उप-धारा 1, 1 (ए) और 2 है जो अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान खोलने का अधिकार देते हैं।
अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यक समाज को एक शैक्षणिक संस्थान खोलने का अधिकार देता है।
अनुच्छेद 30(1) के अनुसार समाज के सभी अल्पसंख्यक अपने धर्म और भाषा के आधार पर एक शिक्षण संस्थान चला सकते हैं।
अनुच्छेद 30 (1ए) के अनुसार, राज्य सरकार किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान में हस्तक्षेप या स्थानापन्न नहीं कर सकती है।
अनुच्छेद 30 (2) के मुताबिक, राज्य सरकार धर्म या भाषा के आधार पर शैक्षिक सहायता प्रदान करने में इस आधार पर अंतर नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक-वर्ग के प्रबंधन में है।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि भारतीय संविधान का आर्टिकल 30 मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाने की इजाजत देता है जबकि आर्टिकल 30(A) गुरुकुलों में वेद, गीता पढ़ाने की अनुमति नहीं देता, दावा भ्रामक है।
Result: Misleading
Source
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