Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इजरायल द्वारा अल अक़्सा मस्जिद पर किए गए हमले में 6 साल की लड़की राहफ की मौत हो गई। यूजर्स इस तस्वीर को शेयर करते हुए अल अक्शा मस्जिद परिसर में हाल में हुए हमले से जोड़कर बता रहे हैं।
फेसबुक पर इसी दावे के साथ कई अन्य यूजर्स ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है।
ट्विटर पर भी वायरल तस्वीर को शेयर किया गया है।
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है।
पिछले महीने यरूशलम के अल-अक़्सा मस्जिद परिसर में इजराइली पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच हुई झड़प में लगभग 150 फिलिस्तीनी घायल हो गए थे। नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह जगह यहूदी और मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने के कारण हमेशा संघर्ष के केंद्र में रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुराने यरुशलम शहर में स्थित अल-अक़्सा मस्जिद को मुसलमानों की सबसे पवित्र जगहों में से एक माना जाता है, लेकिन इस स्थान पर यहूदियों का पवित्र माउंट मंदिर भी है। वहीं, आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल मई महीने में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 11 दिन तक भीषण युद्ध चला था, जिसके बाद 21 मई को संघर्ष विराम हुआ था। इस हमले में 64 बच्चे और 38 महिलाओं समेत 227 फिलिस्तीनी मारे गए और 1,620 लोग घायल हुए थे।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इजरायल द्वारा अल अक्शा मस्जिद पर किए गए हमले में 6 साल की बच्ची राहफ की मौत हो गई।
Fact Check/Verification
‘Rahaf’ कीवर्ड को ट्विटर पर खोजने के दौरान हमें Coffee House नामक ट्विटर हैंडल द्वारा 2 जून 2021 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें The Spectator Magazine द्वारा प्रकाशित एक खबर को संलग्न किया गया है। बतौर रिपोर्ट, New York Times अखबार में इजरायल द्वारा गाजा में हुए युद्ध की एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें 10 वर्षीय राहफ अल मसूरी की गलत फोटो छाप दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है।
इस संबंध में हमें New York Times के अंतर्राष्ट्रीय एडिटर Herbert Buchsbaum का 29 मई 2021 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ, जिसमें उन्होंने अखबार द्वारा की गई गलती को स्वीकार किया है। Herbert ने अपने ट्वीट में लिखा कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने इजरायल द्वारा गाजा में हुए हमले की खबर प्रकाशित की थी, जिसमें 10 वर्षीय राहफ अल मसूरी की गलत तस्वीर प्रकाशित हो गई, जिसे बाद में सुधार लिया गया।
NewYork टाइम्स द्वारा 26 मई 2021 को सुधार करने के बाद प्रकाशित हुई रिपोर्ट में राहफ अल मसूरी की असली तस्वीर को देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें फेसबुक पर मैयर अबू शलबैक नामक फोटोग्राफर द्वारा 2015 में किया गया एक पोस्ट प्राप्त हुआ। पोस्ट में कई तस्वीरें हैं, जिनमें सोशल मीडिया पर अभी राहफ के नाम से वायरल हो रही तस्वीर भी मौजूद है।
यह भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र में हिंदू पूजा स्थल पर मजार बनाए जाने का फर्जी दावा हुआ वायरल
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि जिस तस्वीर को इजरायल द्वारा अल अक़्सा मस्जिद परिसर में किए गए हालिया हमले से जोड़कर बताया गया है, वह तस्वीर इंटरनेट पर सात साल पहले से मौजूद है।
Result: False Context/False
Our Sources
Tweet by Coffee House on June 8, 2021
Report Published by The Spectators on June 6, 2021
Tweet by New York Times Editor Herbert Buchsbaum on May 29, 2021
Facebook Post by Photographer Maiar Abu Shalback on 14 June 2015
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.