Authors
Claim
जयपुर में मुस्लिमों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया.
Fact
वायरल दावा फर्जी है. इस मामले में पीड़ित और आरोपी दोनों ही पक्ष हिंदू हैं.
सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि जयपुर में मुस्लिमों ने एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया.
वायरल दावे को दो तस्वीरों के एक कोलाज के साथ शेयर किया गया है, जिसमें राजस्थान सरकार में मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ घायलों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर को X पर वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “जयपुर में RSS के स्वयंसेवकों पर जेहादी हमला, खीर वितरण कार्यक्रम में जेहादियों ने घुसकर पहले खीर के बर्तन पर मारी लात फिर स्वयंसेवकों पर चाकू से किए वार”.
इसके अलावा यह दावा इसी तरह के कैप्शन के साथ फेसबुक पर भी वायरल है.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया. इस दौरान हमें 18 अक्टूबर 2024 को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट में घटना की विस्तृत जानकारी दी गई थी, साथ ही इसमें घायलों और पुलिस के भी बयान मौजूद थे. रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर के करनी विहार थाने के अंतर्गत आने वाले इलाके के एक मंदिर में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने 17 सितंबर को शरद पूर्णिमा का कार्यक्रम रखा था. रात में करीब 9 बजे कार्यक्रम के दौरान खीर प्रसाद वितरण शुरू किया गया. तभी मंदिर के बगल में रहने वाले नसीब चौधरी और उसके बेटे भीष्म चौधरी ने आपत्ति जताई और कहासुनी के बाद चाकू से हमला आकर दिया.
इस हमले में शंकर बागड़ा, मुरारीलाल, राम पारीक, लाखन सिंह जादौन, पुष्पेंद्र और दिनेश शर्मा सहित कई लोग घायल हो गए, जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान लोगों ने आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर थाने का भी घेराव किया और हमलावर के घर पर पथराव भी किया. पुलिस ने बाद में हमलावर पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया और साथ ही नसीब चौधरी की पत्नी निर्मला को गिरफ्तार किया गया. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अस्पताल में घायलों से मिलने के लिए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी पहुंचे थे.
इसके अलावा, हमें इस संबंध में नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 21 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि मंदिर की जमीन से जुड़े एक विवाद में नसीब चौधरी और उसके बेटे भीष्म चौधरी ने मंदिर में जागरण और खीर वितरण कार्यक्रम के दौरान चाकूबाजी करते हुए आठ लोगों को घायल कर दिया था. हमले के बाद करणी विहार थाना पुलिस ने नसीब चौधरी, उनके बेटे भीष्म चौधरी और पत्नी निर्मला चौधरी को गिरफ्तार किया था.
गिरफ़्तारी के बाद तीनों को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया था. इसके बाद जयपुर विकास प्राधिकरण ने मंदिर और पार्क की जमीन पर अतिक्रमण करने को लेकर नसीब चौधरी को नोटिस भेजा था. हालांकि, जेल में होने के कारण नसीब चौधरी जवाब नहीं दे पाया, जिसके बाद विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण वाले हिस्से को ध्वस्त कर दिया.
इसी दौरान हमें एएनआई मध्यप्रदेश-राजस्थान के X अकाउंट से 18 अक्टूबर 2024 को किया गया ट्वीट भी मिला. इस ट्वीट में मौजूद वीडियो में जयपुर के एसीपी राष्ट्रदीप का बयान मौजूद था, जिसमें उन्होंने बताया था कि मंदिर में जागरण और प्रसाद वितरण कार्यक्रम के दौरान नसीब चौधरी और उसके बेटे ने चाक़ू और लाठियों से वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें करीब छह लोग घायल हो गए. घटना के बाद ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. साथ ही इस दौरान उन्होंने यह भी साफ़ कहा कि इस घटना में कोई भी मुसलमान नहीं है और दोनों ही पक्ष हिंदू हैं.
Conclusion
इसलिए हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल दावा गलत है. इस घटना में आरोपी और पीड़ित दोनों ही पक्ष हिंदू हैं.
Result: False
Our Sources
Article Published by Dainik Bhaskar on 17th Oct 2024
Article Published by NBT on 21st Oct 2024
Video tweeted by ANI on 18th Oct 2024
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