Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
जेएनयू में बीते दिनों रामनवमी की पूजा और मांसाहार खाने को लेकर हुए विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। तस्वीरों के एक कोलाज को शेयर कर दावा किया गया है कि जेएनयू की छात्राएं चोट लगने का नाटक कर रही हैं। पहली तस्वीर में एक लड़की के चेहरे पर लगी चोट दिख रही है, तो वहीं दूसरी तस्वीर में नजर आ रही लड़की के चेहरे पर चोट का निशान नहीं है और वह एक अन्य लड़की को संभालती हुई नज़र आ रही है।
एक फेसबुक यूजर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “पहले फोटो में ग्रे top वाली का सर फटा था और नीली कुर्ती वाली उसको सहारा दे रही थी और नीचे वाले फोटो में नीली वालो बेहोश हो गई और ग्रे top वाली बिल्कुल ठीक हो गई और नीली वाली को सहारा दे रही 🤣 मैजिक देख लो फ्रेंड।”
(उपरोक्त फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को अक्षरश: लिखा गया है।)
दरअसल, दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में बीते रविवार को लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठनों और दक्षिणपंथी विचारधारा वाले एबीवीपी संगठन के स्टूडेंट्स के बीच मारपीट का मामला सामने आया। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र संगठनों के बीच यह झगड़ा यूनिवर्सिटी मेस में मांसाहारी खाने को लेकर हुआ था। इस दौरान कई छात्र घायल हुए हैं और इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि प्राथमिकी, जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और एसएफआई, आइसा समेत वामपंथी छात्र समूहों के सदस्यों द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है।
Fact Check/Verification
क्या जेएनयू की छात्राएं चोट लगने का नाटक कर रही हैं? इस दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल कोलाज की तस्वीरो को कुछ कीवर्ड के माध्यम से सर्च किया। इस दौरान हमें मीडिया वेबसाइट ‘आजतक’ द्वारा 11 अप्रैल 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, जेएनयू में रामनवमी के अवसर पर कथित रूप से नॉनवेज को लेकर विवाद हो गया, जिसमें एबीवीपी और लेफ्ट संगठनों से जुड़े लगभग 60 छात्र जख्मी हुए हैं। रिपोर्ट में तस्वीरों का वह कोलाज भी मौजूद है जो अभी वायरल है। बतौर रिपोर्ट, कोलाज के एक तस्वीर में चोटिल नज़र आ रही लड़की जेएनयू की छात्रा अख्तरिस्ता अंसारी है।
पड़ताल के दौरान Newschecker ने अख्तरिस्ता से संपर्क किया। अख्तरिस्ता ने हमें बताया, “दूसरी तस्वीर में जो छात्रा लेटी हुई है, उसका नाम मधुरिमा है। मैं उसके बगल में खड़ी हूं सफेट टॉप में। यह उस वक्त की तस्वीर है, जब मेस में एबीवीपी के लोगों ने कई छात्रों को मारा था। उस दौरान मधुरिमा बेहोश हो गई थीं। इस दौरान मैं वहां खड़ी होकर उन्हें संभालने में लगी थी। उसके कुछ देर बाद ही हम लोग मेस के बाहर कावेरी हॉस्टल के लॉन में आ जाते हैं। एबीवीपी के लोग कावेरी हॉस्टल के गेट के बाहर चले जाते हैं और वहां से ईंट, गमले, बॉटल फेंककर हॉस्टल के अंदर मौजूद छात्रों पर हमला कर रहे थे। मैं इस दौरान वहीं लॉन में थी, जब एबीवीपी वालों ने एक पत्थर फेंका जो मेरे सिर पर जाकर लगा जिस कारण मुझे काफी ब्लीडिंग (खून बहना) होने लगी।”
उन्होंने बताया, “मुझे उसके बाद एम्स ले जाया गया। वहां पर मुझे चार टांके लगे हैं। एम्स से मुझे रात में करीब दो बजे के आसपास डिस्चार्ज कर दिया।”
इसके अलावा अख्तरिस्ता ने बीते 10 अप्रैल की रात में एम्स में हुए अपने इलाज की मेडिकल रिपोर्ट हमसे साझा की है। इससे यह साफ है कि जेएनयू में रामनवमी के अवसर पर हुई झड़प के दौरान उन्हें चोट लगी थी।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि जेएनयू की छात्राएं चोट लगने का नाटक कर रही हैं, दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल दावा फर्जी है।
Result: Misleading/Partly False
Our Sources
Report Published by AAJ Tak on 11 April 2022
Quote from Akhtarista Ansari
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