Fact Check
क्या यह वीडियो सेना द्वारा मणिपुर में उग्रवादियों से बरामद किये गए हथियार और नकदी का है? यहाँ जानें सच
Claim
यह वीडियो भारतीय सेना द्वारा मणिपुर में उग्रवादियों से हथियार और नकदी बरामद करने का है।
Fact
सेना द्वारा मणिपुर में उग्रवादियों से हथियार और नकदी बरामद करने के दावे से वायरल हो रहा वीडियो म्यांमार का है।
14 मई 2025 को मणिपुर के चंदेल जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने वहाँ से हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया था। इस बीच सोशल मीडिया पर बड़ी मात्रा में पकड़े गए हथियार और नकदी का एक वीडियो मणिपुर का बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो भारतीय सेना द्वारा मणिपुर में उग्रवादियों से हथियार और नकदी बरामद करने का है। हालाँकि, जांच में हमने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो म्यांमार का है।
17 मई 2025 को किये गए फेसबुक पोस्ट (आर्काइव) में एक मिनट के वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “बिग ब्रेकिंग… मणिपुर में उग्रवादियों से भारतीय सेना ने हथियारों का एक बहुत बड़ा जखीरा और नकदी बरामद की है। देखिए…”
ऐसे अन्य पोस्ट्स का आर्काइव यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें।

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Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिया हमने “सेना ने मणिपुर में उग्रवादियों से हथियार और नकदी बरामद किया” की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान हमने पाया कि 14 मई को हुई मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी के दौरान, सैनिकों को सात एके-47 राइफल, एक एम4 राइफल, एक आरपीजी लांचर, चार सिंगल-बैरल ब्रीच-लोडिंग राइफल और अन्य युद्ध संबंधी सामान मिले थे। इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में शेयर की गई तस्वीर की तुलना वायरल वीडियो से करने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो में नजर आ रहे हथियारों की संख्या मणिपुर में पकड़े गए हथियारों से कई अधिक है। साथ ही वायरल वीडियो में नकदी भी नजर आ रही है।

जांच में आगे वायरल वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमने पाया कि वायरल वीडियो अप्रैल से इंटरनेट पर मौजूद है। ऐसे पोस्ट्स यहाँ, यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें। चूँकि वायरल वीडियो अप्रैल से इंटरनेट पर मौजूद है इसलिए स्पष्ट है कि यह वीडियो 14 मई 2025 को मणिपुर में उग्रवादियों से हथियार बरामद करने से संबंधित नहीं है। जांच के दौरान हमने यह भी पाया कि वायरल वीडियो के साथ की गई पुरानी पोस्ट्स की कैप्शन म्यांमार में बोली जाने वाली बर्मी भाषा में लिखी है।

वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि वीडियो में नजर आ रहे लोगों की वर्दी पर BNRA का प्रतीक चिह्न बना है। ज्ञात हो कि BNRA म्यांमार के सागैन डिवीजन में सक्रिय आर्म्ड रेजिस्टेंस ग्रुप है।

म्यांमार के यूज़र्स द्वारा वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में “Chin Brotherhood”, “falam” जैसे शब्दों को लिखा गया है। जांच में आगे हमने बर्मी भाषा में संबंधित की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया इस दौरान हमें वीडियो में नजर आ रहे स्थान की तस्वीर के साथ बर्मी में प्रकशित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चिन ब्रदरहुड ने सेना की इन्फैंट्री बटालियन (आईबी) 268 के बेस पर कब्जा करके, उत्तरी चिन राज्य के फलाम शहर पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया था।
म्यांमार नाउ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि चिन ब्रदरहुड गठबंधन ने पांच महीने की लड़ाई के बाद 7 अप्रैल की रात को चिन राज्य के फलाम शहर में म्यांमार सेना के एकमात्र बचे हुए पहाड़ी बेस पर कब्जा कर लिया। सेना की इन्फैंट्री बटालियन (आईबी) 268 के बेस पर कब्जा करके, चिन ब्रदरहुड ने उत्तरी चिन राज्य के फलाम शहर पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया था।

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Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि सेना द्वारा मणिपुर में उग्रवादियों से हथियार और नकदी बरामद करने के दावे से वायरल हो रहा वीडियो म्यांमार का है।
Sources
Report published by India Today on 16th May 2025.
Old Social Media Posts.
Report published by Myanmar Now on 9th April 2025.
Report published by tachileik News Agency on 9th April 2025.