Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भाजपा नेता जॉय बनर्जी ने चुनाव आयोग को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा, “चुनाव आयोग हमारे हाथ में है”.
जैसा कि आप सबको पता है असम, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु में आगामी कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं. चुनावी मौसम में सोशल मीडिया के इस्तेमाल का चलन पिछले कुछ वर्षों में भारत में बहुत ज्यादा बढ़ गया है. राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ क्षेत्रीय दल भी टेक्नोलॉजी के सहारे चुनाव में अपनी नैया पार लगाने के जुगत में हैं. ऐसे में चुनावों के दौरान फेक न्यूज़, गलत और भ्रामक जानकारी में बढ़ोत्तरी स्वाभाविक है. भारत में चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को लेकर विवादास्पद बयान देना और उनसे जुड़ी फेक न्यूज़ शेयर करना कोई नयी बात नहीं है, देश का विपक्ष कई दशकों से अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार चुनाव आयोग को सही और गलत बताते रहते हैं. बिहार में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में एनडीए की जीत के बाद सोशल मीडिया पर एक फोटोशॉप की हुई तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव में जीत दिलाने के बाद ईवीएम मशीन की पूजा की. इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि भाजपा नेता जॉय बनर्जी ने चुनाव आयोग को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा, “चुनाव आयोग हमारे हाथ में है”. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले सत्तारूढ़ बीजेपी के किसी नेता द्वारा चुनाव आयोग जैसी किसी स्वायत्त संस्था के बारे में ऐसा बयान ना सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि काफी चिंताजनक भी है क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और देश में सत्ता किसके हाथ होगी इसके लिए चुनाव की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की ही होती है. सोशल मीडिया यूजर्स पिछले काफी समय से वायरल दावे को शेयर कर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करते रहते हैं.
Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने ‘जॉय बनर्जी ने कहा, “चुनाव आयोग हमारे हाथ में है”‘ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया जहां हमें यह जानकारी मिली कि भाजपा नेता जॉय चटर्जी द्वारा चुनाव आयोग को लेकर दिया गया यह बयान 2015 का है.
इसके बाद हमें NDTV द्वारा 21 सितंबर 2015 को इस विषय पर प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमे यह जानकारी दी गई है कि अभिनेता से बीजेपी के नेता बने जॉय बनर्जी ने चुनाव आयोग को लेकर एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि, “उन्होंने धोखे से हमें हरा दिया था. लेकिन आगामी विधानसभा चुनावों में यह संभव नहीं होगा, क्योंकि यह सेना की निगरानी में होगा और चुनाव आयोग हमारे हाथ में है. हमारे केंद्रीय नेताओं ने कहा है कि बिहार चुनाव जीतने के बाद पश्चिम बंगाल में भी बुलडोजर चलेगा.”
इसके बाद हमें Times Of India द्वारा 23 सितंबर 2015 को प्रकाशित एक रिपोर्ट भी प्राप्त हुई जिसमे यह जानकारी दी गई है कि भाजपा नेता जॉय बनर्जी द्वारा ‘चुनाव आयोग हमारे हाथ में है’ कहने के बाद चुनाव आयोग ने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से इस मामले पर पार्टी का पक्ष रखने का निर्देश दिया था जिसके बाद जॉय बनर्जी ने चुनाव आयोग से बिना किसी शर्त माफ़ी मांग ली थी.
इसके बाद हमें जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, पत्रिका समेत अन्य कई प्रकाशनों द्वारा वर्ष 2015 के सितंबर माह में प्रकाशित रिपोर्ट्स प्राप्त हुए जिनमे इस जानकारी की पुष्टि होती है कि भाजपा नेता जॉय बनर्जी ने अपने एक बयान में कहा था कि, “चुनाव आयोग हमारे हाथ में है”. गौरतलब है कि भाजपा नेता जॉय बनर्जी द्वारा ‘चुनाव आयोग हमारे हाथ में है’ कहने को लेकर प्रकाशित लगभग सभी मीडिया रिपोर्ट्स 2015 के सितंबर माह में ही प्रकाशित किये गए हैं.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साबित हो जाती है कि भाजपा नेता जॉय बनर्जी का चुनाव आयोग को लेकर दिया गया बयान ‘चुनाव आयोग हमारे हाथ में है’, साल 2015 का है जिसे पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
Result: Misplaced Context
Sources
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें:9999499044 या ई-मेल करें:checkthis@newschecker.in
Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.