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Fact Check: ‘महिला आरक्षण विधेयक’ की वजह से कंगना रनौत को बीजेपी ने दिया लोकसभा का टिकट? कंगना का यह दावा निराधार है

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
कंगना रनौत ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव का टिकट उन्हें ‘महिला आरक्षण विधेयक’ की वजह से मिला है।
Fact
कंगना रनौत का यह दावा निराधार है। महिला आरक्षण कानून अभी तक देश में लागू नहीं हुआ है।

24 मार्च 2024 को भाजपा ने लोकसभा उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट जारी की थी। 111 प्रत्याशियों की लिस्ट में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से अभिनेत्री कंगना रनौत का भी नाम था। इसके बाद से कंगना रनौत जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं।

इसी बीच 2 अप्रैल 2024 को कंगना रनौत ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से मंडी के बल्ह मंडल में हुई परिचय बैठक का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वे कहती हैं कि ‘वुमन रिजर्वेशन बिल’ के तहत 30 पर्सेंट महिलाओं को रिजर्वेशन मिला है। उसके कारण आज मुझे ये स्टेज मिला है। आज उसके कारण मंडी की बेटी को ये स्टेज मिला है।’ इस दावे का आर्काइव यहाँ देखें।

हालांकि, अपनी जांच में हमने पाया कि कंगना रनौत को लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का टिकट ‘महिला आरक्षण बिल’ के कारण मिलने का दावा गलत है, क्योंकि महिला आरक्षण बिल अभी लागू ही नहीं हुआ है।

Courtesy: Instagram/@kanganaranaut

Fact Check/Verification

जांच की शुरुआत में हमने महिला आरक्षण बिल से जुड़ी जानकारी को खोजा। इस दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनके अनुसार, महिला आरक्षण बिल संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करता है। बिल के 33% आरक्षण में एससी, एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव है। इस बिल को एचडी देवगौड़ा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को संसद में पेश किया था, लेकिन संसद में पेश किए जाने के करीब 27 साल बाद 20 सितंबर 2023 को इसे लोकसभा में पारित किया गया। 22 सितंबर 2023 को राज्यसभा ने भी महिला आरक्षण बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। दोनों सदनों में पारित होने के बाद इस बिल को 28 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति की सहमति भी दे दी गई थी।

जांच में आगे हमने पाया कि वर्ष 2023 में पारित होने के बाद भी महिला आरक्षण कानून अभी लागू नहीं हुआ है। 20 सितंबर 2023 को महिला आरक्षण पर ‘द हिन्दू’ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि संसद से पास होने के बाद भी यह बिल 2029 के बाद ही अमल में आएगा। उन्होंने कहा कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया 2024 लोकसभा चुनाव के बाद शुरू होगी और महिला आरक्षण 2029 के बाद ही लागू होगा।

Courtesy: The Hindu

पड़ताल में आगे हमने महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद भी लागू न होने के कारणों पर विस्तृत जानकारी खोजी। 21 सितम्बर 2023 को बीबीसी द्वारा प्रकशित रिपोर्ट में बताया गया है कि परिसीमन यानि निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की प्रक्रिया पूरी किए बिना महिला आरक्षण कानून लागू नहीं हो सकता है। यहाँ बताया गया है कि आरक्षण आधारित बदलाव जनगणना होने के बाद ही लागू होंगे। इसका कारण यह है कि जनसंख्या के आधार पर लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्गठन किया जाता रहा है। सभी निर्वाचन क्षेत्रों की जनगणना के आधार पर पुनर्गठन यानि परिसीमन से निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या भी बढ़ सकती हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2002 में किए गए संविधान संशोधन के अनुसार, 2026 तक वर्तमान के निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा यथावत रहेगी और 2026 के बाद पहली जनगणना 2031 में होगी। अगर योजना के अनुसार जनगणना 2031 में होती है, तो महिला आरक्षण 2029 के लोकसभा चुनावों के बाद ही लागू हो पायेगा।

Courtesy: BBC

जांच में आगे हमने नेशनल अकादमी ऑफ़ लीगल स्टडीज के पूर्व कुलपति और लीगल एक्सपर्ट फैज़ान मुस्तफा से बात की। फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने भी हमें बताया कि महिला आरक्षण बिल अभी लागू नहीं हुआ है। यह कानून वर्ष 2029 के बाद ही लागू होगा।

Conclusion

अपनी जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि कंगना रनौत द्वारा किया गया दावा फर्जी है। महिला आरक्षण कानून अभी तक देश में लागू नहीं हुआ है।

Result: False

Sources
Report published by Hindu on 20th September 2023.
Report published by BBC on 21st September 2023.
Phonic conversation with legal expert Faizan Mustafa.

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