गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
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HomeFact Checkकानपुर में हुए हालिया सांप्रदायिक विवाद का नहीं है यह वायरल वीडियो

कानपुर में हुए हालिया सांप्रदायिक विवाद का नहीं है यह वायरल वीडियो

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए दावा किया गया कि बीते दिनों कानपुर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की जमकर पिटाई की गई। कहा जा रहा है कि यह वीडियो, बीते शुक्रवार को कानपुर में हुई हिंसा का है।

बीते दिनों कानपुर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की जमकर पिटाई की गई.
उक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है.

भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्टीकरण जारी करने के बाद इस्लाम को लेकर विवादित बयान देनी वाली पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा तथा विवादित ट्वीट करने वाले दिल्ली बीजेपी के पूर्व पदाधिकारी नवीन जिंदल की प्राथमिक सदस्यता निरस्त कर उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया है. नूपुर शर्मा ने भी ट्वीट कर अपना बयान वापस लेने की बात कही है. बावजूद इसके वैश्विक स्तर पर पहुंच चुका यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.

नूपुर शर्मा तथा दिल्ली बीजेपी के पूर्व पदाधिकारी नवीन जिंदल के विवादास्पद बयान के बाद देश-दुनिया में कई जगहों पर उनका विरोध हो रहा है. बीते दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति के दौरे के बीच भाजपा पदाधिकारियों की विवादित टिप्पणी के बाद प्रदर्शनरत भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया तथा शहर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया कि बीते दिनों कानपुर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की जमकर पिटाई की गई.

दावे को लेकर फेसबुक पर शेयर किये गए पोस्ट्स

Fact Check/Verification

बीते दिनों कानपुर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की जमकर पिटाई के नाम पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने इसके एक की-फ्रेम्स को गूगल पर ढूंढा. हालांकि, इस प्रक्रिया में हमें कुछ अन्य दावों के अलावा कोई ठोस जानकारी नहीं मिली. इसके बाद हमने वीडियो के एक की-फ्रेम्स को Yandex पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि यह वीडियो पुराना है तथा पूर्व में भी कई अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा चुका है.

Yandex सर्च से प्राप्त परिणाम

बता दें कि वायरल वीडियो के ही एक दूसरे की-फ्रेम को Yandex पर सर्च करने पर हमें यह जानकारी मिली कि यह वीडियो पूर्व में इंदौर में कथित पत्थरबाजों की पिटाई के नाम पर भी वायरल हो चुका है.

Yandex सर्च से प्राप्त परिणाम

हमने वायरल वीडियो में मौजूद दृश्यों तथा पूर्व में इसके साथ शेयर किये गए शहरों के नामों की सहायता से कई कीवर्ड्स को 20 मार्च, 2020 से लेकर 15 अप्रैल, 2020 के बीच गूगल पर ढूंढकर उनके इर्दगिर्द प्रकाशित रिपोर्ट्स के बारे में जानने का प्रयास किया. हमने ‘इंदौर पुलिस लाठीचार्ज’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. हमें अमर उजाला तथा पत्रिका द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जिनमें वायरल वीडियो को महाराष्ट्र के मुम्ब्रा का बताया गया है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

पत्रिका द्वारा 9 अप्रैल, 2020 को प्रकाशित एक लेख में राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि ‘दो गुटों के बीच मारपीट की यह घटना महाराष्ट्र के मुम्ब्रा जिले के कौसा श्रीलंका में 27 मार्च, 2020 को घटित हुई थी.’ अमर उजाला द्वारा 6 अप्रैल, 2020 को प्रकाशित लेख में भी इंदौर पुलिस द्वारा कथित पत्थरबाजों की पिटाई के इस दावे को गलत बताया गया है.

इस विषय पर राजस्थान पत्रिका द्वारा 9 अप्रैल, 2020 को अपलोड की गई वीडियो रिपोर्ट में भी इसे मुम्ब्रा का बताया गया है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि यह वायरल वीडियो असल में महाराष्ट्र के मुम्ब्रा का है ना कि कानपुर का। यह वीडियो साल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है।

Result: False Context/False

Our Sources

Report published by Patrika on 9 April, 2020
Report published by Amar Ujala on 6 April, 2020
Report published by Rajasthan Patrika on 9 April, 2020
YouTube videos from March & April, 2020

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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