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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए दावा किया गया कि बीते दिनों कानपुर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की जमकर पिटाई की गई। कहा जा रहा है कि यह वीडियो, बीते शुक्रवार को कानपुर में हुई हिंसा का है।
भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्टीकरण जारी करने के बाद इस्लाम को लेकर विवादित बयान देनी वाली पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा तथा विवादित ट्वीट करने वाले दिल्ली बीजेपी के पूर्व पदाधिकारी नवीन जिंदल की प्राथमिक सदस्यता निरस्त कर उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया है. नूपुर शर्मा ने भी ट्वीट कर अपना बयान वापस लेने की बात कही है. बावजूद इसके वैश्विक स्तर पर पहुंच चुका यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
नूपुर शर्मा तथा दिल्ली बीजेपी के पूर्व पदाधिकारी नवीन जिंदल के विवादास्पद बयान के बाद देश-दुनिया में कई जगहों पर उनका विरोध हो रहा है. बीते दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति के दौरे के बीच भाजपा पदाधिकारियों की विवादित टिप्पणी के बाद प्रदर्शनरत भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया तथा शहर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया कि बीते दिनों कानपुर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की जमकर पिटाई की गई.
बीते दिनों कानपुर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों की जमकर पिटाई के नाम पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने इसके एक की-फ्रेम्स को गूगल पर ढूंढा. हालांकि, इस प्रक्रिया में हमें कुछ अन्य दावों के अलावा कोई ठोस जानकारी नहीं मिली. इसके बाद हमने वीडियो के एक की-फ्रेम्स को Yandex पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि यह वीडियो पुराना है तथा पूर्व में भी कई अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा चुका है.
बता दें कि वायरल वीडियो के ही एक दूसरे की-फ्रेम को Yandex पर सर्च करने पर हमें यह जानकारी मिली कि यह वीडियो पूर्व में इंदौर में कथित पत्थरबाजों की पिटाई के नाम पर भी वायरल हो चुका है.
हमने वायरल वीडियो में मौजूद दृश्यों तथा पूर्व में इसके साथ शेयर किये गए शहरों के नामों की सहायता से कई कीवर्ड्स को 20 मार्च, 2020 से लेकर 15 अप्रैल, 2020 के बीच गूगल पर ढूंढकर उनके इर्दगिर्द प्रकाशित रिपोर्ट्स के बारे में जानने का प्रयास किया. हमने ‘इंदौर पुलिस लाठीचार्ज’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. हमें अमर उजाला तथा पत्रिका द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं, जिनमें वायरल वीडियो को महाराष्ट्र के मुम्ब्रा का बताया गया है.
पत्रिका द्वारा 9 अप्रैल, 2020 को प्रकाशित एक लेख में राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि ‘दो गुटों के बीच मारपीट की यह घटना महाराष्ट्र के मुम्ब्रा जिले के कौसा श्रीलंका में 27 मार्च, 2020 को घटित हुई थी.’ अमर उजाला द्वारा 6 अप्रैल, 2020 को प्रकाशित लेख में भी इंदौर पुलिस द्वारा कथित पत्थरबाजों की पिटाई के इस दावे को गलत बताया गया है.
इस विषय पर राजस्थान पत्रिका द्वारा 9 अप्रैल, 2020 को अपलोड की गई वीडियो रिपोर्ट में भी इसे मुम्ब्रा का बताया गया है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि यह वायरल वीडियो असल में महाराष्ट्र के मुम्ब्रा का है ना कि कानपुर का। यह वीडियो साल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है।
Our Sources
Report published by Patrika on 9 April, 2020
Report published by Amar Ujala on 6 April, 2020
Report published by Rajasthan Patrika on 9 April, 2020
YouTube videos from March & April, 2020
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Komal Singh
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Runjay Kumar
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