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Fact check: कर्नाटक की बीजेपी सरकार द्वारा सावरकर को लेकर छपवाई गई किताब को डी के शिवकुमार ने फाड़ दिया? वीडियो का सच कुछ और है

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Kushel HM is a mechanical engineer-turned-journalist, who loves all things football, tennis and films. He was with the news desk at the Hindustan Times, Mumbai, before joining Newschecker.

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Claim
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पिछली सरकार द्वारा सावरकर को लेकर छपवाई गई पुस्तक को डी. के. शिवकुमार ने फाड़ दिया.
Fact
यह वीडियो साल 2022 का है, जब कर्नाटक की तत्कालीन भाजपा सरकार ने पाठ्यक्रम में बदलाव किया था.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पिछली सरकार द्वारा सावरकर को लेकर छपवाई गई पुस्तक को डी. के. शिवकुमार ने फाड़ दिया.

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बहुमत मिलने के बाद ना सिर्फ सूबे के बल्कि दूसरे राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ता भी उत्साह से भरे हुए हैं. चुनावों के पहले से ही आनी शुरू हुई भ्रामक जानकारी की खेप नतीजे आने के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही. Newschecker द्वारा विभिन्न राजनैतिक दलों के समर्थकों द्वारा कर्नाटक चुनाव से जोड़कर शेयर की जा रही तमाम भ्रामक जानकारियों की पड़ताल की गई है.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो शेयर कर यह दावा कर रहे हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पिछली सरकार द्वारा सावरकर को लेकर छपवाई गई पुस्तक को डी. के. शिवकुमार ने फाड़ दिया.

Fact Check/Verification

कर्नाटक में पिछली सरकार द्वारा सावरकर को लेकर छपवाई गई पुस्तक को डी के शिवकुमार द्वारा फाड़ दिए जाने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वायरल वीडियो में डी के शिवकुमार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, “देखो बसवराज बोम्मई ने कन्नड़ पुस्तकों के साथ क्या किया”. उनके इस बयान में सावरकर का जिक्र ना होने की वजह से हमें यह संदेह हुआ कि ऐसा संभव है कि वीडियो को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.

“Shivakumar textbooks tearing” कीवर्ड को गूगल पर ढूंढने पर हमें यह जानकारी मिली कि यह वीडियो साल 2022 के जून महीने से ही इंटरनेट पर मौजूद है. सर्च प्रक्रिया से प्राप्त परिणामों में हमें Economic Times द्वारा 18 जून, 2022 को प्रकाशित एक यूट्यूब वीडियो प्राप्त हुआ. वीडियो के विवरण के अनुसार, “The KPCC Chief DK Shivakumar tore down the copy of a revised textbook as a protest over the addition and deletion of content in school textbooks in Karnataka.” (हिंदी अनुवाद: कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने बदले पाठ्यक्रम की एक कॉपी फाड़कर पाठ्य-पुस्तकों से कई चीजों के समावेशन और अपमार्जन करने को लेकर अपना विरोध जताया.)

दोनों वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि उपरोक्त रिपोर्ट के दृश्य वायरल वीडियो के दृश्यों से मिलते-जुलते हैं.

Times Now द्वारा 18 जून, 2022 को प्रकाशित एक लेख में भी यही जानकारी दी गई है कि कर्नाटक की तत्कालीन बसवराज बोम्मई सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में समावेशन और अपमार्जन के बाद विरोध करते हुए कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने नए पाठ्यक्रम की एक कॉपी फाड़ी थी.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पिछली सरकार द्वारा सावरकर को लेकर छपवाई गई पुस्तक को डी. के. शिवकुमार ने फाड़ दिया.
Times Now द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च पर करने पर हमें India Today, Times of India, Business Standard तथा Indian Express द्वारा प्रकाशित लेख भी प्राप्त हुए, जिनमें उपरोक्त रिपोर्ट्स से मिलती-जुलती जानकारी प्रकाशित की गई है.

बता दें कि 2020 में सूबे में सत्तारूढ़ बीजेपी ने एक समिति का गठन कर पाठ्यक्रम में बदलाव की बात कही थी. जिसके परिणामस्वरूप साल 2022 में सामाजिक विज्ञान की कक्षा 1 से 10 तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया था. विपक्षी दलों ने सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वह बीजेपी की विचारधारा के आधार पर पुस्तकों में पढ़ाए जाने वाले विषयों का चयन कर रही है. सरकार ने नए पाठ्यक्रम को वापस लेने से इंकार करते हुए यह स्वीकार किया था कि नए पाठ्यक्रम में 7 से 8 गलतियां होने तथा उनके संशोधन की बात कही थी.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि कर्नाटक में पिछली सरकार द्वारा सावरकर को लेकर छपवाई गई पुस्तक को डी के शिवकुमार द्वारा फाड़ दिए जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में यह वीडियो साल 2022 के जून महीने का है, जब कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर डी के शिवकुमार ने बोम्मई सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में बदलाव के बाद उसकी एक कॉपी फाड़कर विरोध जताया था.

Result: False

Sources
Economic Times report, Youtube, June 18, 2022
Indian Express report, June 19, 2022
India Today report, June 9, 2022

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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Kushel HM is a mechanical engineer-turned-journalist, who loves all things football, tennis and films. He was with the news desk at the Hindustan Times, Mumbai, before joining Newschecker.

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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