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महाकुंभ 2025: क्या प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति की जगह लगाई गई शिवाजी की मूर्ति?

Written By Komal Singh, Edited By JP Tripathi
Jan 3, 2025
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Claim
महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति की जगह लगाई गई शिवाजी की मूर्ति।
Fact
यह दावा भ्रामक है। सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति को शिफ्ट किया गया है, लेकिन उस स्थान पर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति नहीं लगाई गई है।

हर 12 साल में भारत के 4 प्रमुख तीर्थ स्थलों पर महाकुंभ का आयोजन होता है, जिनमें प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन शामिल हैं। इस बार महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में होने वाला है। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति की जगह छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगा दी गई है।

30 दिसंबर 2024 के एक्स पोस्ट (आर्काइव) के कैप्शन में लिखा है कि “सम्राट हर्षवर्धन हर कुंभ पर अपना सारा राजकोष गरीबों को दान कर देते थे.. किंतु उनके नाम पर BJP को वोट नहीं मिलेंगे.. अत: उनकी प्रतिमा कुंभक्षेत्र से हटा, मराठा वोट दिलाने वाले वीर शिवाजी की प्रतिमा लगा दी है.. क्या संगी कोई कार्य बिना वोट लालच के करेंगे?”

एक अन्य पोस्ट (आर्काइव) में लिखा गया है, “पहले लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी जी का स्मारक तोड़ा गया, फिर प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन बैस जी की मूर्ति को एक जगह से हटा कर दूसरे जगह शिफ्ट किया गया। और अब दोनों जगह (लद्दाख और प्रयागराज में) मराठा शिवाजी की मूर्ति स्थापित की गई। ये संयोग है या प्रयोग?” ऐसे अन्य वायरल पोस्ट का आर्काइव यहाँ और यहाँ देखें।

सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति की जगह लगाई गई शिवाजी की मूर्ति
Courtesy: X/@Jaya41757249

पढ़ें: अमित शाह के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन का बताकर शेयर किये जा रहे वीडियो का यहाँ जानें सच

Fact Check/Verification

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान मिली मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई जानकारी से यह स्पष्ट हो गया कि प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति हर्षवर्धन चौराहे से हटाकर करीब आधा किलोमीटर दूर सीएमपी डिग्री कॉलेज के बाहर चौराहे पर स्थित एक पार्क में शिफ्ट कर दी गई थी।

महाकुंभ के मद्देनजर हो रहे फ्लाई ओवर निर्माण और सड़क चौड़ीकरण के कारण ऐसा किया गया था। हालाँकि, इस मामले पर प्रकाशित रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति को सड़क चौड़ीकरण के कारण हटाया गया था। किसी भी रिपोर्ट में ऐसा नहीं कहा गया है कि वहां छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगाई गई है। ‘प्रयागराज में लगाई गई शिवाजी की मूर्ति’ की-वर्ड सर्च करने पर भी हमें कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली।

22 अक्टूबर 2024 को एबीपी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘संगम नगरी प्रयागराज में जिस जगह से कुंभ क्षेत्र की शुरुआत होती है, वहां के प्रवेश द्वार पर सालों पहले महाराजा हर्षवर्धन की करीब इक्कीस फिट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई थी। इस जगह को शहर के लोग हर्षवर्धन चौराहे के नाम से जानते थे। महाकुंभ के मद्देनजर इन दिनों वहां फ्लाई ओवर का निर्माण हो रहा है। फ्लाई ओवर के नीचे जिस जगह मूर्ति लगी हुई थी, वहां सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस वजह से चार दिन पहले मूर्ति को वहां से हटाकर करीब आधा किलोमीटर दूर सीएमपी डिग्री कॉलेज के बाहर के चौराहे पर स्थित एक पार्क में शिफ्ट कर दिया गया। मूर्ति शिफ्ट की जा चुकी है, जबकि शिलापट्ट लगाने और पार्क के सौंदर्यीकरण का काम जोर शोर से चल रहा है।’ इस मामले पर प्रकाशित अमर उजाला, रिपब्लिक और हिन्दुस्तान की रिपोर्ट्स यहाँ पढ़ें।

ABP News

जांच में आगे हमने वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही शिवाजी महाराज की मूर्ति वाली तस्वीर की जांच की। गूगल लेंस की मदद से खोजने पर हमें यह मूर्ति साल 2023 की कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में नजर आई। पोस्ट्स के कैप्शन में इस मूर्ति को क्रांति चौक, संभाजीनगर, महाराष्ट्र का बताया गया है। ऐसे पोस्ट्स यहाँ, यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें।

Courtesy: instagram/er.devendra_wade3011

अब हमने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज मूर्ति, क्रांति चौक, संभाजीनगर, औरंगाबाद’ कीवर्ड्स को गूगल अर्थ पर खोजा। जिससे यह स्पष्ट हो गया कि प्रयागराज में शिवाजी महाराज की मूर्ति बताकर शेयर की गई तस्वीर, महाराष्ट्र के संभाजीनगर में लगी मूर्ति की है।

Google Earth

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Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति की जगह शिवाजी की मूर्ति लगाए जाने का दावा भ्रामक है।

Result: Partly False

Sources
Report published ABP News by on 22nd October 2024.
Report published by Amar Ujala on 21st October 2024.
Report published by Hindustan on 18th October 2024.
Google Maps.

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